हरिद्वार12जून25*सयोक्त किसान यूनियन राष्ट्रीय अधिवेशन…
संयुक्त किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष:जोगिंदर सिंह नैन जी, विशेष मांगें राष्ट्रीय अधिवेशन में किसानों की मांगे को लेकर बिशेष चर्चा किया जायेगा.
1-किसान व मजदूरों के मुद्दे।
किसानों को फसलों का भाव
सी 2 + 50% के हिसाब से देकर खरीद की गारंटी कानून बनाया जाए।
2 – किसान व मजदूरों के कर्जे बिना शर्त माफ किए जाएं क्योंकि किसानों की तरफ कर्जा बनता हि नहीं है।
3-बिजली का निजिकर्ण बन्द करे सरकार।
4- किसानों की फसल बिमा पोलीसी के नाम से जो कम्पनियों द्वारा किसानों को ठगा जा रहा लूटा जा रहा है बंद किया जाए ।
फसल बिमा पोलीसी में गांव को ईकाई न मानकर प्रति एकड़ ईकाई माना जाए और बिमा की प्रीमियम राशि सरकार खुद वहन करे।
5- लखीमपुर खीरी काण्ड जिसमें चार किसान और एक पत्रकार को गाड़ीं से कुचल कर मौत के घाट उतारा था उनके हत्यारों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है तुरन्त दोषियों को गिरफ्तार करके सख्त से सख्त सजा दी जाए।
6- भूमि अधिग्रहण कानून रद्द करके 2013 वाला लागू किया जाए।
7- हरियाणा में 2024 का बिमा क्लेम सभी जिलों में लगभग 7- बकाया है कुछ राशी किसानों को दी गई है लेकिन पूरा लेकिन पूरा क्लेम नहीं मिला तुरन्त सभी किसानों को दिया जाए ।
8- डीएपी युरिया, के लिए किसानों द्वारा आन लाइन पंजीकरण करवाने अनिवार्यता हटाई जाए।
9 – केंद सरकार की नई कृषि बाजार निति का किसान विरोध करते हैं । वापिस लिया जाए।
10- देश की कृषि को WTO से बाहर रखा जाए।
सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर शहीद किसानों की याद में किसान आंदोलन के स्मारक निर्माण के लिए हरियाणा व दिल्ली सरकार जगह दे ।
2 किसान आंदोलन के शहीद किसानों के परिवार को जिन्हें मुआवजा नहीं मिला उन्हें मुआवजा दिया जाए और सभी शहीद किसानों के परिवारों में से एक एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए ।
3 देश में जेनेटिक्ली मोडिफाइड ( GM)बीजों पर रोक लगाई जाए ।
4 देश में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्री और उनके मालिकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए नदी नालों ड्रेनो को प्रदूषण मुक्त करते हुए जरूर अनुरूप इनका विस्तार किया जाए
5 9 दिसंबर 2021 को भारत सरकार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव संजय अग्रवाल द्वारा जो लेटर जारी किया गया उसके बिंदु नंबर चार में बिजली बिल में किसान पर असर डालने वाले प्रावधानों पर पहले सभी स्टेक होल्डर/ संयुक्त किसान मोर्चा से चर्चा होगी ।मोर्चा से चर्चा होने के बाद ही बिल संसद में पेश किया जाएगा ।लेकिन ऐसा नहीं किया गया सरकार द्वारा ।
6 बिंदु नंबर 5 में जहां तक प्राणी के मुकदमे का सवाल है भारत सरकार ने जो कानून पारित किया है उसकी धारा 14 एवं 15 में क्रिमिनल लाईबिलिटी से किसान को मुक्ति दी है ।लेकिन अभी भी पराली के नाम पर किसानों के ऊपर एफआईआर दर्ज की जा रही है। यहां भी सरकार अपने वादे से वायदा खिलाफी कर चुकी है। जिसका किसान विरोध करते हैं ।
: दिल्ली बेला स्टेट यमुना खादर के किसान के साथ दिल्ली सरकार ने नाइंसाफ़ी हुई है
संयुक्त किसान यूनियन मांग करती है की दिल्ली के किसानों को पूर्ण निवासी किया जाय
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