पूर्णिया बिहार 3 अप्रैल 25* *वक़्फ़ बिल के ख़िलाफ़ वोटिंग में शामिल हुए सांसद पप्पू यादव, सरकार पर साधा जमकर निशाना*
*सांसद ने बिल में 4 संशोधन की दी सूचना, सत्ता पक्ष से पूछे तीखे सवाल*
पूर्णियाब बिहार। पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव ने वक़्फ़ बिल के ख़िलाफ़ संसद में वोटिंग कर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की। उन्होंने इस बिल को अन्याय करार देते हुए कहा कि यह जनता को गुमराह करने की साजिश है। उन्होंने बीजेपी और उसके सहयोगी दलों पर देश के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया और कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को पहले बुद्ध की परिकल्पना ‘अप्पो दीपो भव’ समझनी चाहिए।
पप्पू यादव ने कहा कि इस बिल को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने संसद में इस बिल के विरोध में वोट डाली और इसके खिलाफ़ चार संशोधन प्रस्तुत करने की सूचना भी दी। हालांकि, जब उन्होंने सत्ता पक्ष से तीखे सवाल पूछे, तो उन्हें बीच में ही रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा पर सवाल उठते हैं क्योंकि यह बिल अल्पसंख्यकों, गरीबों और पिछड़े वर्गों के हितों के खिलाफ़ है।
सांसद ने कहा कि क्क्फ़ को समझने से पहले बौद्ध धर्म के अस्तित्व को समझना होगा। उन्होंने कहा कि इस्लाम के पहले इस दुनिया में बौद्ध धर्म आया था। बौद्ध धर्म तब आया, जब इस देश के 90 प्रतिशत गरीब, दलित, ईबीसी, मूलवासी और आदिवासियों पर अत्याचार हो रहा था। उनकी संस्कृति और उनके जीने के अधिकारों पर हमला हुआ था। तब बौद्ध धर्म ने ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ और ‘सर्व धर्म समभाव’ का संदेश दिया।
उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि इस्लाम ने कब ज़मीन कब्ज़ा किया? गरीबों, आदिवासियों और मूलवासियों की ज़मीन, जमींदारों की कैसे हुई? राजा-महाराजाओं के पास ज़मीन कहाँ से आई? यह ज़मीन अंग्रेजों की सरपरस्ती में बनी और बाद में जमींदारों को दी गई। पहले यह ज़मीन गरीबों की थी।
सांसद ने गुरु नानक और गुरु गोविंद सिंह जी का उदाहरण देते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी ने हिंदुओं को बचाने के लिए नहीं, बल्कि इंसानियत और मानवता को बचाने के लिए कुर्बानी दी थी। हमें सनातन को सही तरीके से समझना होगा। उन्होंने मंडल आयोग और आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने मंडल कमीशन के खिलाफ़ ‘कमंडल’ लाया था। उस समय करीब 13,000 पिछड़े वर्ग के लोगों का कत्लेआम हुआ था। मंडल का विरोध किसने किया था? आरक्षण और जाति जनगणना का विरोध कौन करता है? अब यही लोग वक़्फ़ बोर्ड के खिलाफ़ बिल लाकर अल्पसंख्यकों को कमजोर करने की साजिश कर रहे हैं।
सांसद ने महिला आरक्षण को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आप कहते हैं कि यह बिल महिलाओं के लिए लाया गया है, लेकिन आपने अब तक पिछड़ी जाति और दलित महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं दिया और ना देना चाहते हैं? क्या आप एक भी मुस्लिम को टिकट देते हैं? आपके कार्य ही आपकी नीयत साफ़ कर देते हैं।”
पप्पू यादव ने सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने काले धन और जाली नोट के खिलाफ़ नोटबंदी लाई थी, लेकिन आज तक इसका कोई ठोस परिणाम नहीं दिखा। असल में नोटबंदी इसलिए लाई गई थी, क्योंकि सरकार को लगा कि मुसलमान बैंक में पैसा जमा नहीं करते और सूद नहीं खाते। इसलिए नोटबंदी के जरिए मुसलमानों की आर्थिक स्थिति को कमजोर करने का प्रयास किया गया।
सांसद पप्पू यादव ने वक़्फ़ बिल के खिलाफ़ संसद में मजबूती से अपनी आवाज़ उठाई। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियाँ गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को हाशिए पर धकेलने की दिशा में काम कर रही हैं। उन्होंने बिल को अस्वीकार करने की बात कही और चार संशोधन पेश करने की घोषणा की। वहीं, सरकार की आर्थिक और सामाजिक नीतियों पर भी तीखे सवाल उठाए।
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