कौशाम्बी09नवम्बर24*सेग्रीगेशन हाऊस कूड़ा घर में सफाई कर स्थानीय सोने के लिए कर रहे प्रयोग*
*प्रदेश सरकार की योजना को पलीता लगा रहे प्रधान*
*लाखों लागत के बावजूद बिना गेट और अर्ध निर्मित क्षतिग्रस्त दिख रहा सेग्रीगेशन हाऊस*
*आखिर इस योजना का किस प्रकार मिलेगा जनता को लाभ सेग्रीगेशन हाउस से जनपद के आला अधिकारी कैसे जनता को दिलायेगे प्रयोग में लायेगें क्या इस ओर ध्यान देगें आला अफसरान*
*कौशांबी* तहसील सिराथू के अन्तर्गत कड़ा ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम पंचायत हिसामपुर परसखी में सरकार द्वारा चलाई जा रही महात्वाकांक्षी योजना सेग्रीगेशन हाउस के तहत लाखों की लागत से सेग्रीगेशन हाउस बनाया गया है अर्धनिर्मित व क्षतिग्रस्त सेग्रीगेशन हाउस को कैसे मिलीभगत कर जेई द्वारा पास कर दिया गया है यह एक गंभीर मुद्दा और जांच का विषय है परंतु योजना के उद्देश्यों को ग्राम पंचायत के प्रधान उपयोग में लेकर ग्राम पंचायत की जनता को जीवन में लाभ पहुंचा रहा है जहां ऐसे सरकारी भवनों में अक्सर स्थानीय लोगों का कब्जा दिखाई पड़ता है यदि कोई दुखद व आपराधिक घटना हुई सरकारी भवन में तो उसका जिम्मेदार कौन होगा क्योंकि सरकार का उद्देश्य इसको स्थापित करने का यह है कि ग्राम पंचायत के कूड़ा करकट सेग्रीगेशन हाउस में इकट्ठा कर उसका उपयोग फर्टिलाइजिंग कर खाद इत्यादि के उत्पादन हेतु किया जाएगा जिससे पंचायत के किसानों के जीवन में लाभ व बदलाव लाया जा सके परंतु जनपद के तमाम ग्राम पंचायत में सेग्रीगेशन हाउस का लगभग यही हाल है और ग्राम प्रधानों की यही तमन्ना रहती है कि रोज नई-नई योजनाएं आए और तरह-तरह के बजट ग्राम पंचायत में आवंटित होते रहे जिससे विकास अपना विकास कार्य के नाम पर अर्धनिर्मित क्षतिग्रस्त और अपूर्ण और कुछ तो हवा में फाइल तैयार कर कार्यों को दिखाते हुए योजनाओं के बजट को सहयोगी अधिकारियों और ग्राम प्रधानों द्वारा धांधली कमीशन और लागत की मूलधन का 40 फ़ीसदी हजम कर लिया जाए जबकि सरकार की योजना भ्रष्ट अधिकारी व भ्रष्ट ग्राम प्रधानों की सफाचट योजना की तरह नहीं है अगर सरकार की योजनाओं को पूरी तरीके से प्रयोग किया जाए तो जहां साफ सफाई के साथ सेग्रीगेशन योजना में रोजगार व फर्टिलाइजिंग का भी मुख्य व मूल्य उद्देश्य साफ दिखाई पड़ता है जनपद के उच्च अधिकारियों को स्थानीय लोगों ने अवगत कराते हुए कहा कि इस तरह के अर्ध निर्मित व क्षतिग्रस्त कार्यों को जल्द से जल्द जांच करा कर संबंधित अधिकारियों व भ्रष्ट प्रधानों के खिलाफ जांच कर दोषी पाए जाए तो रकम की भरपाई कराते हुए सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है और सिर्फ शोपीस की तरह ना रहे बल्कि योजनाओं के मूल्य उद्देश्यों को जमीनी स्तर पर प्रारंभ करने की जरूरत है! ताकि सरकार के मंसूबे धरातल पर सफल हो सकें व आम जनमानस व ग्राम पंचायत के किसानों को लाभ मिल सकें
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