भागलपुर बिहार से शैलेन्द्र कुमार गुप्ता ( यूपी आजतक)
भागलपुर बिहार*09/08/24*गांधीजी के नेतृत्व में अगस्त क्रांति के आगाज ने अंग्रेजी हुकूमत की जड़ें हिला दी थी : डा दिनकर
गांधी के विचार सभी कालों में प्रासंगिक बने रहेंगे, गांधी अतीत ही नहीं वरन वर्तमान और भविष्य भी हैं : पीआरओ डा दीपक कुमार दिनकर
भागलपुर बिहार तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के स्नातकोत्तर गांधी विचार विभाग में शुक्रवार को संगोष्ठी सह उद्घाटन समारोह ग्राम सर्वेक्षण सह संपर्क शिविर, अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर विभाग में “भारत की आजादी और अगस्त क्रांति” विषय पर संगोष्ठी एवं स्नातकोत्तर गांधी विचार विभाग के चतुर्थ सेमेस्टर सत्र 2022-24 के विद्यार्थियों के अनिवार्य पत्र के रूप में ग्राम सर्वेक्षण संपर्क शिविर का उद्घाटन किया गया। जिसका उद्घाटन जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय छपरा के पूर्व कुलपति प्रो.फारूक अली ने किया।संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में एसएम कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक सह टीएमबीयू के जन संपर्क पदाधिकारी डॉ दीपक कुमार दिनकर ने कहा कि अगस्त क्रांति हमारे देश की आजादी के लिए एक मील का पत्थर था।पूर्व की क्रांति और अगस्त क्रांति में समानता के साथ भिन्नता भी है, जहां रूस की क्रांति में एक प्रतिशत लोग सहभागी थे वहीं अगस्त क्रांति में बीस प्रतिशत जन सहभागिता थी। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन के विभिन्न चरणों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की क्रांति सौगात में नहीं आती है। इसके लिए कुर्बानी देनी होती है। अगस्त क्रांति भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ का प्रतीक है। जिसने औपनिवेशिक सत्ता के खिलाफ संघर्ष को मजबूत किया। इसी क्रांति के दौरान गांधीजी ने “करो या मरो” का नारा दिया था। अगस्त क्रांति का ही प्रभाव था की कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी के बाद लोहिया, जेपी, अरुणा आसफ अली जैसे क्रांतिकारी नेता उभरे। अगस्त क्रांति भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का आखिरी सबसे बड़ा आंदोलन था जिसने अंग्रेजी ताकतों की जड़ें हिला दी। उन्होंने कहा की भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के संघर्ष को आज याद रखने की जरूरत है। साथ ही नई पीढ़ियों को भी इनके कृतित्व और योगदान से परिचय कराना है। डा दिनकर ने कहा की गांधी एक विचार और विचारधारा हैं। गांधी केवल अतीत ही नहीं वरन वर्तमान और भविष्य भी हैं। गांधीजी के विचार सभी कालों में प्रासंगिक बने रहेंगे।
डा दिनकर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सुंदरवती महिला महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर गांधी विचार की पढ़ाई शुरू करने हेतु विश्वविद्यालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा। एसएम कॉलेज के प्राचार्य से पीजी हेड ने महाविद्यालय स्तर पर गांधी विचार की पढ़ाई शुरू कराए जाने का अनुरोध किया है। प्राचार्य ने भी इसमें रुचि दिखाई है। जल्द ही महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर गांधी विचार की पढ़ाई शुरू होगी।मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो.फारूक अली ने कहा कि क्रांति कभी सौगात में नहीं आती है क्रांति के लिए लोगों को खुद पहल करना होता है। उन्होंने अगस्त क्रांति पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा की अभी भी देश में ऐसी शक्तियां हैं इसलिए अगस्त क्रांति आज भी समीचीन है। उन्होंने शिक्षा के अधिकार अधिनियम पर विद्यार्थियों का ग्राम सर्वेक्षण के लिए मार्गदर्शन भी किया। पूर्व कुलपति प्रो. फारुक अली ने कहा की गांधी आत्मसम्मान और जीने की चीज है। गांधी शांति के पर्याय थे। लोगों में स्वामित्व का बोध होना चाहिए। नई ऊर्जा के साथ गांधी के विचारों को बढ़ावा दें।कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ. अमित रंजन सिंह ने किया। विभाग के नव नियुक्त हेड ने कहा की गांधी मजबूरी का नाम नहीं बल्कि मजबूती का नाम है। गांधी के विचारों को जन जन तक पहुंचाने और उसे आत्मसात करने की जरूरत है। महात्मा गांधी ने 1920 का असहयोग आंदोलन जो अहिंसा पर आधारित था उसमें हिंसा हो जाने पर स्थगित कर दिया वहीं 1942 में उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में करेंगे या मरेंगे का नारा दिया।गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र भागलपुर के अध्यक्ष श्री प्रकाश चंद्र गुप्ता ने कहा कि गांधी जहां शांति के दूत थे वह क्रांति के भी दूत थे। गांधी विचार की प्रासंगिकता बताते हुए उन्होंने कहा कि आज कोई भी विषय गांधी के बिना अधूरा है। यह क्रांति की मशाल आगे बढ़नी चाहिए।गांधी आश्रम सुभानपुर के मनोज मीता ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता का नेतृत्व करने वाले सभी नेताओं के इतिहास पर प्रकाश डाला।गांधी विचार के सहायक अध्यापक मनोज कुमार दास ने कहा कि 9 अगस्त के महत्व को रेखांकित करते हुए कहां की 9 अगस्त का दिन हम भारतवासियों के महान घटना है और हमेशा बनी रहेगी।कार्यक्रम का संचालन विभाग के शिक्षक डा उमेश प्रसाद नीरज ने किया।सर्वप्रथम आगत अतिथियों का स्वागत किया और विषय प्रवेश करते हुए अगस्त क्रांति दिवस के महत्व को सामने रखकर कहां की अगस्त क्रांति व्हाट टर्निंग पॉइंट है जिसमें भारत की आजादी लगभग तय हो गई अगस्त क्रांति में योगदान देने वाले देशभक्त को आज याद करने की जरूरत है इसलिए भी याद करने की जरूरत है कि लंबे संघर्षों के बाद मिली आजादी को बनाए रखने की प्रेरणा आज की पीढ़ी को मिल सके।कार्यक्रम की शुरुआत बापू के प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम… से हुआ। विभाग के हेड ने अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र और बुके भेंट कर किया। इसके पूर्व अतिथियों ने विभाग परिसर स्थित बापू की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ देशराज वर्मा ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में विभाग के शिक्षक गौतम कुमार, मनोज कुमार दास, डॉ. सीमा कुमारी, जेआरएफ नरेन नवनीत, शोधार्थी मुकेश कुमार पासवान छात्रा प्रियांशु कुमारी, रीना कुमारी, सुलोचना कुमारी, सरस्वती कुमारी, आराध्या सिंह, अलकमा यूनिस, अजीत कुमार, प्रिंस कुमार, सोनम कुमारी, विजय कुमार, रंजीत कुमार, मधुकांत कुमार, गौतम कुमार, मोहम्मद हबीब, कार्यालय सहायक उमेश कुमार आदि मौजूद थे।
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