May 27, 2024

UPAAJTAK

TEZ KHABAR, AAP KI KHABAR

वाराणसी01अक्टूबर23*पितरों का श्राद्ध-तर्पण*

वाराणसी01अक्टूबर23*पितरों का श्राद्ध-तर्पण*

वाराणसी01अक्टूबर23*पितरों का श्राद्ध-तर्पण*

वाराणसी। पितृ पक्ष के प्रथम दिवस से ही पिशाच मोचन मंदिर और कुंड पर विधि विधान से पिंड, पूजन करते श्रद्धालु देखे जा रहे।
पुरोहित मुन्नालाल पंडा ने बताया कि 15 दिनों तक पिशाच मोचन स्थित कुंड पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहेगी. उन्होंने कहा कि पितृपक्ष शुरू होते ही सुबह से सनातन संस्कृति में आस्था रखने वाले लोग पिशाच मोचन मंदिर और कुंड पर पितरों का श्राद्ध करने पहुंच रहे हैं.
15 दिनों तक उमड़ेगी लाखों श्रद्धालुओं की भीड़
वाराणसी के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। 15 दिनों तक धार्मिक स्थल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहेगी. श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं का बंदोबस्त किया गया है. सुविधाओं में पीने का पानी, साफ-सफाई, शौचालय और अन्य व्यवस्थाएं शामिल हैं। श्रद्धालु राजेश कुमार ने बताया कि आज निर्धारित तिथि पर पिता के मोक्ष की कामना करने परिवार सहित हम लोग पिशाच मोचन कुंड पर जुटे है। पिशाच मोचन मंदिर और कुंड की धार्मिक मान्यताएं हैं.
पिशाच मोचन पर होता है पितरों का श्राद्ध-तर्पण
परिवार विधि विधान से पूजन अर्चन कर पितरों के मोक्ष की कामना करेगा। माना जाता है कि पितृपक्ष पर किए गए श्राद्ध से पितरों का ऋण उतरता है और आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है. परिवार की तरफ से दिवंगत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है। पितृपक्ष में सभी तिथियों का अलग-अलग दिन का महत्व होता है.
पूर्वजों को तृप्त करने की प्रक्रिया तर्पण या पिंडदान भी कहलाती है। श्राद्ध-तर्पण पूर्वजों के प्रति सच्चा सम्मान होता है। काशी में पिशाच मोचन मंदिर और कुंड को श्राद्ध-तर्पण के लिए जाना जाता है। 30 सितंबर से 14 अक्टूबर तक चलने वाले पितृपक्ष पर विशेष तैयारी की गई है।

About The Author

Copyright © All rights reserved. | Newsever by AF themes.