महोबा12जून25*गोरखगिरि में रोपवे सुविधा से पर्यटन को लगेंगे पंख
-दो हजार फीट की ऊंचाई में पहाड़ पर स्थित सिद्धबाबा मंदिर तक आसानी से पहुंच सकेंगे पर्यटक
-मंदिरों का निर्माण, ध्यान केंद्र के साथ लगेगी गुरु गोरखनाथ की 51 फीट ऊंची मूर्ति
महोबा से अजय कुमार विश्वकर्मा की रिपोर्ट यूपीआजतक
महोबा।जिला मुख्यालय में स्थित गुरु गोरखनाथ की तपोस्थली ऐतिहासिक गोरखगिरि में पर्यटन विकास तेजी से चल रहा है। शासन ने अब गोरखगिरि में रोपवे स्थापित किए जाने को हरी झंडी दे दी है। ऐसे में न सिर्फ गोरखगिरि मेंं पर्यटन को पंख लगेंगे बल्कि रोजगार के साधन भी विकसित होंगे। गोरखगिरि में दो हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सिद्धबाबा मंदिर तक रोपवे सुविधा से पर्यटक आसानी से पहुंच सकेंगे।
गोरखगिरि पर्वत गुरु गोरखनाथ की तपोभूमि है। गुरु गोरखनाथ ने यहां 11-12वीं शताब्दी में तपस्या की थी। इस पहाड़ के ऊपर सिद्धबाबा का स्थान है। जहां त्रैता युग में वनवास काल के दौरान भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने कुछ समय यहां बिताया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल गोरखगिरि पर्यटन विकास को लेकर 12 करोड़ रुपये से काम कराए जा रहे हैं। जिसमें गुरु गोरखनाथ की 51 फीट ऊंची प्रतिमा, मंदिर, रास्ता, तलैया का सौंदर्यीकरण, पार्क, ध्यानकेंद्र आदि का काम चल रहा है। प्रतिदिन यहां 100 से अधिक पर्यटक गोरखगिरि पहाड़ में घूमने पहुंचते हैं।
अब प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने धार्मिक स्थलों तक श्रद्धालुओं की पहुंच आसान बनाने के लिए महोबा के गोरखगिरि पर्वत पर रोपवे सुविधा शुरू किए जाने की योजना तैयार की है। इससे श्रद्धालु पहाड़ के ऊपर स्थित मंदिर पर आसानी से पहुंच सकेंगे। रोपवे बनने से न सिर्फ देशी बल्कि विदेशी पर्यटक भी यहां घूमने आएंगे। इससे रोजगार के साधन भी विकसित होंगे। पर्यटन अधिकारी डॉ. चित्रगुप्त श्रीवास्तव ने बताया कि गोरखगिरि पर पर्यटन विकास के काम तेजी से कराए जा रहे हैं। शीघ्र ही गोरखनाथ की प्रतिमा स्थापित होगी। रोपवे निर्माण से पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।
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खजुराहो, ओरछा आने वाले पर्यटकों को महोबा लाने की बने योजना
महोबा। गोरखगिरि पर्वत समेत क्षेत्र के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के विकास के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने कहा कि शासन-प्रशासन सबसे पहले गुरु गोरखनाथ की तपोभूमि महोबा को बुंदेलखंड पर्यटन परिपथ में जोड़ने के लिए प्रभावी प्रयास करना चाहिए ताकि ऐतिहासिक रियासती और धार्मिक धरोहरों से परिपूर्ण पर्यटन की असीम संभावना वाले इलाके को तभी क्षेत्र में पर्यटन विकास को सही आयाम मिल पाएंगे। जब तक खजुराहो व ओरछा से पर्यटक यहां नहीं आएंगे, तब तक यहां पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के अवसर नहीं पैदा होंगे। इसके लिए भी सरकार को अलग से पहल करना चाहिए।
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