मुम्बई18फरवरी25*भारत के ‘बिग बुल’ भी नहीं निकाल सके शेयर बाजार की गिरावट का तोड़,
140 दिन में गंवा दिए 81 हजार करोड़ शेयर बाजार में बीते कई दिनों में गिरावट देखने को मिल रही है. इस गिरावट से शेयर बाजार के रिटेल निवेशकों को ही नुकसान नहीं हुआ है. बल्कि देश के बिग बुल कहे जाने वाले कुछ निवेशकों को भी मोटा नुकसान हुआ है.सबसे ज्यादा नुकसान राधाकिशन दमानी को उठाना पड़ा. उन्हें 1 अक्टूबर के बाद से 64 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो को करीब 19 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसे ही देश के टॉप 10 निवेशकों को 81 हजार करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश के किस बिग बुल को कितना नुकसान उठाना पड़ा है.
5 महीने में 30 फीसदी तक का नुकसान
पिछले पांच महीनों में भारतीय इक्विटी में तेज बिकवाली ने कई बड़े बिग बुल्स को भी नहीं बख्शा है. देश के कुछ जाने-माने व्यक्तिगत निवेशकों को शेयर की कीमतों में भारी गिरावट का खामियाजा भुगतना पड़ा है – मुख्य रूप से छोटी कंपनियों के – उनके इक्विटी पोर्टफोलियो के मूल्यों में 1 जनवरी से 25 फीसदी और 1 अक्टूबर से लगभग 30 फीसदी की गिरावट आई है. 1 अक्टूबर से टॉप 10 बिग बुल्स को कुल मिलाकर लगभग 81,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. हालांकि कुछ नुकसान को कम करने में कामयाब भी रहे हैं.
दमानी को सबसे बड़ा नुकसान
Primeinfobase.com के आंकड़ों के मुताबिक, डीमार्ट के फाउंडर राधाकिशन दमानी की हिस्सेदारी की वैल्यू 1 अक्टूबर से 64,000 करोड़ रुपए या 28 फीसदी कम हो गई है, जो 2.31 लाख करोड़ रुपए से गिरकर 1.67 लाख करोड़ रुपए हो गया है. दमानी की प्रमुख कंपनी एवेन्यू सुपरमार्ट्स के शेयरों में 27 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि उनके दूसरे सबसे बड़े निवेश ट्रेंट के शेयरों में इस अवधि के दौरान 32 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा 2.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक की भारतीय इक्विटी बेचने के बीच, 1 अक्टूबर से निफ्टी 11 फीसदी गिर गया है, जबकि निफ्टी मिडकैप 150 और निफ्टी स्मॉलकैप सूचकांकों में क्रमशः 17 फीसदी और 22 फीसदी की गिरावट आई है. कई स्मॉलकैप और पेनी स्टॉक 30 फीसदी से 80 फीसदी के बीच गिर गए हैं.
इन बड़े निवेशकों को हुआ मोटा नुकसान
निवेशक मौजूदा होल्डिंग वैल्यू (करोड़ रुपए में) नुकसान (फीसदी में)
राधाकिशन दमानी 1,67,643 27.58
राकेश झुनझुनवाला 59,709 18.93
हेमेंद्र कोठारी 6,374 28.79
आकाश भंसाली 6,284 15.79
मुकुल अगवाल 5,743 6.25
आशीष धवन 3,195 19.07
नेमिश शाह 2,985 21.77
यूसुफफाली कादर 1,842 9.15
आशीष कचोलिया 1,767 6.39
अनिल कुमार गोयल 1,712 24.34
इन्हें भी हुआ मोटा नुकसान
दिवंगत राकेश झुनझुनवाला के पारिवारिक पोर्टफोलियो में 1 अक्टूबर से 19 फीसदी की गिरावट आई है, हाल ही में लिस्टेड इनवेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस को छोड़कर, जिसमें परिवार के पास 14,400 करोड़ रुपए की 49.54 फीसदी हिस्सेदारी है. इस होल्डिंग को मिलाकर परिवार का कुल पोर्टफोलियो वैल्यू लगभग 59,709 करोड़ रुपए था.
अक्टूबर के बाद से आकाश भानुशाली के पोर्टफोलियो में 16 फीसदी की गिरावट आई है, जिसमें गुजरात फ्लोरोकेमिकल्स को 13 फीसदी का नुकसान हुआ है, जबकि उनके दूसरे सबसे बड़े निवेश, वन 97 कम्युनिकेशंस (पेटीएम की मूल कंपनी) ने इस अवधि के दौरान 5 फीसदी की बढ़त हासिल की है.
फॉर्मर इंवेस्टमेंट बैंकर से उद्यमी बने हेमेंद्र कोठारी की संपत्ति में लिस्टेड कंपनियों से 29 फीसदी की गिरावट देखी गई है. उनकी दो टॉप होल्डिंग्स- अल्काइल एमाइन्स केमिकल्स और सोनाटा सॉफ्टवेयर- में 1 अक्टूबर से क्रमशः 28 फीसदी और 33 फीसदी की गिरावट आई है.
इन्होंने नुकसान को किया कम
वहीं दूसरी ओर कुल बिग बुल्स ऐसे भी रहे जो इस गिरावट में भी अपने नुकसान को कम करने में कामयाब रहे. मुकुल अग्रवाल, आशीष कचोलिया और यूसुफफाली कादर जैसे कुछ निवेशकों ने भी शेयर बाजार में आए इस तूफान का सामना किया है और अपने घाटे को सिंगल डिजिट तक सीमित रखने में कामयाब रहे हैं. परम कैपिटल के मुकुल अग्रवाल ने अपने पोर्टफोलियो में 6 फीसदी की गिरावट देखी, जिसमें 1 अक्टूबर से बीएसई शेयरों में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. उनकी अन्य दो टॉप होल्डिंग्स, न्यूलैंड लेबोरेटरीज और रेडिको खेतान, इस अवधि के दौरान सपाट रहीं.
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