गोण्डा19अक्टूबर*ग्राम कादीपुर में मनरेगा के तहत काम ना मिलने से भटक रहे जाब कार्ड धारकों ने नारेबाजी कर किया प्रदर्शन, डीएम से लगाई गुहार*
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(त्रस्त श्रमिकों ने दो सप्ताह में काम ना मिलने पर गांव से पलायन करने की मांगी अनुमति)
# रोजगार गारंटी योजना में रोजगार दिलाने की कोई नहीं ले रहा गारंटी, जिम्मेदार बेपरवाह#
कर्नलगंज, गोंडा। योगी सरकार में जिम्मेदार अधिकारियों/ कर्मचारियों की मनमानी निरंकुश कार्यप्रणाली एवं लेटलतीफी के अनेकों कारनामे निरंतर सामने आ चुके हैं जो प्राय: देखे सुने जा सकते हैं,लेकिन विभागीय लापरवाहियों व किये जा रहे शोषण का खमियाजा गरीबों मजदूरों को भुगतना पड़े तो जाहिर तौर पर उन्हें बेहद परेशानी व बेबसी झेलनी होती होगी। जिसका एक जीता जागता उदाहरण विकासखंड कर्नलगंज के ग्राम पंचायत कादीपुर में सामने आया है जहां महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में रोजगार दिलाने की जिम्मेदार लोगों द्वारा बेपरवाह होकर अपने दायित्वों का सुचारू रूप से निर्वहन ना कर गंभीर लापरवाही बरतते हुए कोई गारंटी ना लेकर श्रमिकों को समयबद्ध कार्य मुहैया ना कराने से कादीपुर गांव के मनरेगा जाब कार्ड धारक मजदूरों द्वारा काम ना मिलने से विवश होकर नाराजगी जताते हुए जमकर नारे बाजी कर प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही से से काम दिलाने की गुहार लगाई गई है। वहीं दो सप्ताह में काम ना मिलने पर ग्रामवासी मजदूरों ने गांव से पलायन करने की अनुमति मांगी है।
मामला विकासखंड कर्नलगंज अन्तर्गत ग्राम पंचायत कादीपुर का है। यहां के जाब कार्ड धारक श्रमिकों ने रविवार को गांव के कोटवाधाम स्थान पर काफी संख्या में एकत्र होकर सामूहिक रूप से प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी किया। ग्राम के श्रमिकों रमेश, पारसनाथ वर्मा, रामपाल, जगपाल,रतन,बड़कऊ,नन्दू, हसन, सहदेव,मनोहर, राजित राम, सुरेन्द्र, पुद्दन,गया सिंह,गुलाब,नानबाबू, राजिंदर,सत्ते आदि तमाम लोगों ने जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि प्रार्थी गण मनरेगा जाब कार्ड धारक हैं तथा ग्राम कादीपुर विकासखंड व तहसील कर्नलगंज के मजदूरी पेशा गरीब व्यक्ति हैं। जिन्हें जाब कार्ड बना होने के बावजूद काफी समय से मनरेगा के तहत काम नहीं दिया गया जिससे गरीब मजदूर लोगों को भोजन आदि के लाले पड़ चुके हैं। वहीं आर्थिक स्थिति काफी नाजुक हो गई है।जबकि मजदूरी ही उनकी जीविका का एकमात्र श्रोत है। जिससे गांव में काम ना मिलने से भटक रहे त्रस्त मजदूरों ने जिलाधिकारी से दो सप्ताह में काम दिलाने की गुहार लगाई है। वहीं निर्धारित अवधि में काम ना मिलने पर जीविका चलाने हेतु विवश होकर गांव से पलायन करने की अनुमति मांगी गई है।यही नहीं नाराज ग्रामीणों ने बताया कि यदि अधिकारियों की कार्यप्रणाली इसी तरह रही तो आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार भी करेंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। उक्त संबंध में ग्रामप्रधान जयप्रकाश सिंह से उनके मोबाइल नंबर 9451037304 पर सम्पर्क करने पर उन्होंने बताया कि उन्हें शपथ ग्रहण किये अभी मात्र चार माह हुआ है इतने समय में उनके ग्राम पंचायत में पांच ग्राम पंचायत अधिकारी बदले जा चुके हैं। विभागीय व्यवस्था सही ना होने से गांव में विकास कार्य बाधित है वहीं जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों की लापरवाही से ग्राम पंचायत के खाते का संचालन नहीं हो पा रहा है।जब व्यवस्था सुधर जायेगी तब विकास कार्य शुरू हो जायेगा। दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी मामला एक दूसरे के सिर पर टालते नजर आये।
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