June 22, 2025

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लखनऊ23अक्टूबर24*अधिकारों को लेकर निदेशालय पर गरजे माध्यमिक शिक्षक*

लखनऊ23अक्टूबर24*अधिकारों को लेकर निदेशालय पर गरजे माध्यमिक शिक्षक*

लखनऊ23अक्टूबर24*अधिकारों को लेकर निदेशालय पर गरजे माध्यमिक शिक्षक*

*उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) का चेतावनी धरना*

*19 सूत्रीय मांगों के समर्थन में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय का घेराव*

*दो दिसंबर से पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे माध्यमिक शिक्षक*

*शिक्षकों पर अत्याचार व कार्यालयों का भ्रष्टाचार बंद करो-संजय द्विवेदी*

लखनऊ। मंगलवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के नेतृत्व में प्रदेश के हजारों शिक्षक ने 19 सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षा निदेशक माध्यमिक के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। नाराज शिक्षकों ने सरकार व विभाग के अधिकारियों के विरोध में जमकर नारेबाजी की। धरने की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह व संचालन महामंत्री अनिरुद्ध त्रिपाठी ने किया। शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा.महेंद्र देव ने धरना स्थल पर आकर ज्ञापन लिया और कहा कि ज्ञापन को आज ही सरकार को संदर्भित कर दिया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने कहा कि शिक्षकों की मांगे मानी नहीं गई तो 2 दिसंबर से पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे। पुरानी पेंशन पर सरकार की नियत ठीक नहीं लग रही है।तदर्थ शिक्षक नवंबर 2023 से वेतन के लिए भटक रहा है। पूरे प्रदेश में सेवा सुरक्षा को खंडित करने की कोशिश हो रही है। प्रबंधकों द्वारा शिक्षकों का उत्पीड़न किया जा रहा है।प्रदेश संरक्षक राज बहादुर सिंह चंदेल ने कहा कि सरकार हठ छोड़ कर संगठन से वार्ता करे, समस्याओं का समाधान निकल जाएगा,अन्यथा की स्थिति में आंदोलन का विकल्प खुला हुआ है। प्रदेश महामंत्री अनिरुद्ध त्रिपाठी ने भदोही में प्रधानाचार्य की निर्मम हत्या की निंदा की।प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों के निलंबन की बाढ़ आ गई है।इसको रोकने के लिए सरकार तुरंत प्रभावी कार्रवाई करे। एडेड स्कूलों में एनओसी विहीन ट्राफंफर की नीति लाई जाए। एनओसी के नाम पर रिश्वतखोरी बंद किया जाय। शिक्षकों को कैशलेश चिकित्सा भत्ता का लाभ दिया जाए।धरने को लवकुश मिश्रा, मार्कण्डेय सिंह, संजय द्विवेदी, महेश चंद्र शर्मा, मेजर देवेंद्र सिंह, जगदीश चंद्र व्यास, नरसिंह बहादुर सिंह, रामानंद द्विवेदी,सोमदेव सिंह, प्रमोद सिंह, सुधीर अग्रवाल, अरुण मिश्रा, अरुण सिंह, महेश राम, राम शंकर मिश्रा, राकेश सिंह, रजनीश चौहान, सुलेखा जैन, अजय प्रताप सिंह, गुलाब चंद्र मौर्या सहित हजारों लोग मौजूद रहे।

*माँग-पत्र जिनको लेकर संघर्ष किया जा रहा है।*

1. प्रदेश के समस्त स्तर के शिक्षकों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों को पूर्व प्रचलित भविष्य निधि पेंशन योजना (ओ.पी.एस., पुरानी पेंशन प्रणाली) लागू की जाय। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एन.पी.एस.) समाप्त हो।

2. उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त तदर्थ शिक्षकों की सेवाएँ स्थायी की जाय।

क. 09 नवम्बर 2023 के शासनादेश / विभागीय आदेश के द्वारा वंचित तदर्थ शिक्षकों को माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार उनके सम्बन्ध में शिक्षा विभाग से निर्गत विनियमितीकरण की विभिन्न आदेशों की परिधि में आने वाले शिक्षकों पर निर्णय लेकर माननीय उच्च न्यायालय में प्रेषित करें। जब तक न्यायालय से अंतिम निर्णय पारित न हो जांय तब तक पूर्व के कार्यरत शिक्षकों को कार्यरत रखते हुए वेतन दिया जाय।

ख.विनियमितीकरण की परिधि में न आने वाले दिनांक 09 नवम्बर 2023 तक कार्यरत एवं वेतन प्राप्त कर चुके शिक्षकों की लम्बी सेवा के दृष्टिगत सहानुभूति पूर्वक विचार कर सेवा के विनियमितीकरण पर सहृदयता पूर्वक निर्णय लिया जाय।

ग. एन.पी.एस. में वांछित राज्यांश की धनराशि उपलब्ध कराकर अद्यतन अभिदाता अंशदान सहित पूरी धनराशि जमा करायी जाय।

3. उ०प्र० माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सेवा दशा सुनिश्चित करने तथा उनको समान कार्य हेतु समान वेतन देने की शासन व्यवस्था करे।

4. उत्तर प्रदेश राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में राष्ट्रीय नीति 2020 के अनुसार छात्र शक्ति की प्रत्येक कक्षा हेतु वर्ग निर्धारण के आधार पर शिक्षक जनशक्ति का ऑकलन करते हुए ही समायोजन प्रक्रिया लागू हो।

5. राज्य कर्मचारी एवं शिक्षकों की भांति अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों के कार्यरत एवं अवकाश प्राप्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाय।

6. आठवें वेतन आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की जाय। प्राप्त हो रहे 50 प्रतिशत महंगाई भत्ते का वेतन का अंश मानते हए वेतन एवं अन्य भत्ता दिया जाय।

7. प्रदेश के राज्य कर्मचारियों के पेंशन गणना हेतु निर्गत आदेश संख्या-11 /2024 सा-3-727/10-19099/4/2024 वित्त (सामान्य) अनुभाग-3 लखनऊ दिनांक 12 जून 2024 का लाभ सहायिक माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों को भी दिया जाय

8. केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति अवकाश ग्रेच्युटी एवं आवास भत्ते का लाभ प्रदेश के शिक्षकों कर्मचारियों एवं अधिकारियों को भी तत्काल दिया जाय।

9. सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत आमेलित विषय विशेषज्ञों की आमेलन के पूर्व की सेवाएँ जोड़ते हुए पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाय।

10. प्रदेश के कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत उनकी योग्यता एवं सेवा को ध्यान में रखते हुए शिक्षक पद पर समायोजित किया जाय।

11. प्रदेश के कम्प्यूटर अनुदेशकों की पूर्व में की गई सेवाओं के आधार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लागू होने की स्थिति में शिक्षक / अनुदेशक पद पर समायोजित किया जाय।

12. प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा के प्रत्येक स्तर के कार्यालयों में सिटीजन चार्टर लागू किया जाय ताकि कार्य विलम्ब एवं भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके।

13. सभी प्रकार के अवशेषों का भुगतान सुनिश्चित किया जाय।

14. प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा के परीक्षा एवं मूल्यांकन सम्बन्धी पारिश्रमिक को सी०बी०एस०ई० के समान किया जाय।

15. कक्षा-1 से कक्षा-8 तक की पाठ्य पुस्तकें तथा अन्य सुविधा माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को समय से उपलब्ध करायी जाय। कक्षा-9 से 12 तक की एन.सी.ई.आर.‌टी. द्वारा प्रकाशित पुस्तकें सत्र के प्रारम्भ में उपलब्ध करायी जाय।

16. मानव सम्पदा पोर्टल की व्यवस्था की स्थिति में समयमान वेतनमान (चयन वेतन एवं प्रोन्नति वेतन) की प्रक्रिया सरल करते हुए वांछित तिथि से लागू की जाय।

17. सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में एनओसी विहीन स्थानांतरण नीति लाकर ट्रान्सफर को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जाय।

18. अल्पसंख्यक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को भी रिक्त पद के प्रति स्थानांतरण सुविधा प्रदान की जाय।

19. पूर्व में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की धारा 18 की भांति प्रधानाचार्य के पद पर तदर्थ पदोन्नत प्रधानाचार्य को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से पद का वेतन प्रदान किया जाय।

*पुरानी पेंशन व तदर्थ शिक्षकों को स्थायी करने को लेकर धरना*

*शिक्षक संघ ने दो दिसम्बर से जेल भरो अन्दोलन की दी चेतावनी*

*19 सूत्री मांगों के समर्थन में शिक्षक संघ ने निदेशक को सौंपा ज्ञापन*

लखनऊ, कार्यालय संवाददाता।उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के नेतृत्व में मंगलवार को शिक्षकों ने लंबित मांगों के निस्तारण को लेकर पार्क रोड स्थित निदेशालय का घेराव किया। पुरानी पेंशन, तदर्थ शिक्षकों को स्थायी करने समेत 19 सूत्री मांगों को लेकर शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन किया। नाराज शिक्षकों ने सरकार व विभाग के अधिकारियों के विरोध में जमकर नारेबाजी की। धरने की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह व महामंत्री अनिरुद्ध त्रिपाठी ने चेतावनी दी जल्द मांगों का निस्तारण न होने पर शिक्षक दो दिसम्बर से जेल भरो आन्दोलन करेंगे। संगठन ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ.महेंद्र देव को ज्ञापन सौंपा।शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन को जल्द बहाल कर इसे लागू करे। तदर्थ शिक्षक नवंबर 2023 से वेतन के लिए भटक रहे हैं। पूरे प्रदेश में सेवा सुरक्षा को खंडित करने की कोशिश हो रही है। स्कूलों के प्रबंधक शिक्षकों का उत्पीड़न कर रहे हैं। प्रदेश संरक्षक राज बहादुर सिंह चंदेल और प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा कि शासन में बैठे जिम्मेदार संगठन से वार्ता करें और समस्याओं का निस्तारण करें। अन्यथा शिक्षकों के पास आंदोलन का विकल्प खुला हुआ है। प्रदेश महामंत्री अनिरुद्ध त्रिपाठी ने भदोही में प्रधानाचार्य की निर्मम हत्या की निंदा की

*शिक्षकों के निलंबन पर रोक लगे*

संगठन के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा कि शिक्षकों का उत्पीड़न और शोषण किया जा रहा है। अधिकारी शिक्षकों का निलंबन कर रहे हैं। इस तत्काल रोक लगनी चाहिये। एडेड स्कूलों में एनओसी विहीन तबादला नीति लायी जाए। एनओसी के नाम पर रिश्वतखोरी बंद हो। शिक्षकों को कैशलेश चिकित्सा भत्ता का लाभ दिया जाए। धरने को लवकुश मिश्रा, मार्कण्डेय सिंह, संजय द्विवेदी, महेश चंद्र शर्मा, मेजर देवेंद्र सिंह, जगदीश चंद्र व्यास, नरसिंह बहादुर सिंह, रामानंद द्विवेदी,सोमदेव सिंह, प्रमोद सिंह, सुधीर अग्रवाल, अरुण मिश्रा, अरुण सिंह, महेश राम, राम शंकर मिश्रा, राकेश सिंह, रजनीश चौहान, सुलेखा जैन, विनोद मिश्रा,अजय प्रताप सिंह, गुलाब चंद्र मौर्या सहित हजारों शिक्षक मौजूद रहे।

*यह हैं प्रमुख मांगें*

-शिक्षकों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए। नई पेंशन बंद की जाए।

-सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को सरकार स्थायी करे।

-एनपीएस में राज्य सरकार की राशि जमा कराकर अपडेट की किया जाये।

-वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनको समान कार्य का समान वेतन दिया जाए।

-राष्ट्रीय नीति 2020 के अनुसार छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षक तैनात हो

-राज्य कर्मचारियों की तरह शिक्षकों कैशलेश इलाज की सुविधा मिले

-आठवें वेतन आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की जाय।

-केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति अवकाश ग्रेच्युटी एवं आवास भत्ते का लाभ प्रदेश के शिक्षकों और कर्मचारियों को दिया जाय।

*बीए की सीटें भी भरना मुश्किल कैसे पूरा होगा 50% का लक्ष्य*

*एनईपी के अनुसार बढ़ाना है प्रवेश, इविवि और कॉलेजों में भी घटती जा रही छात्रसंख्या*

प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में बीए की सीटें भरना मुश्किल हो गया है। ऐसे में उच्च शिक्षा में 2035 तक 50 फीसदी प्रवेश का लक्ष्य पूरा कैसे होगा। कॉलेजों में बीएससी और बीकॉम में तो सीधे प्रवेश (गैर कॉमन यूनिवर्सिटी इंट्रेंस टेस्ट) लिए जाने पर 80 फीसदी तक सीटें भर पाई हैं, लेकिन बीए में 40 फीसदी से ज्यादा सीटें रिक्त हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार उच्च शिक्षा में दाखिला बढ़ाना है। एक रिपोर्ट के अनुसार शैक्षिक सत्र 2021-22 तक देश में 28.4 फीसदी उच्च शिक्षा में पंजीकरण हुए हैं।इविवि में बीए की तकरीबन 90 फीसदी सीटें फुल हो गई हैं। स्नातक के अन्य कोर्स में भी तकरीब 99 प्रतिशत प्रवेश हुए हैं। इलाहाबाद डिग्री कॉलेज में बीए की 2829 सीटों के सापेक्ष 418 प्रवेश हुए हैं। सीएमपी कॉलेज में 3600 सीटों के सापेक्ष 2500, जगत तारन गर्ल्स डिग्री कॉलेज में 1400 के सापेक्ष 475 सीटों पर प्रवेश हुए हैं। इसी क्रम में ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज में बीए 1994 सीटों के सापेक्ष 1350 और आर्य कन्या डिग्री कॉलेज में बीए की 1332 सीटों के सापेक्ष तकरीबन 300 प्रवेश हुए हैं। इसी प्रकार श्यामा प्रसाद मुखर्जी डिग्री कॉलेज और राजर्षि टंडन गर्ल्स डिग्री कॉलेज में बीए की सीटें भरने को काफी मशक्कत करनी पड़ी है। हालांकि वर्तमान में प्रवेश प्रक्रिया जारी है।

*विलंब से दाखिला प्रक्रिया शुरू होना बड़ा कारण*

इविवि एवं संबद्ध कॉलेजों में सीयूईटी (कॉमन यूनिवर्सिटी इंट्रेंस टेस्ट) से शैक्षिक सत्र 2022-23 से प्रवेश हो रहा है। इससे सत्र काफी विलंब हो रहा है। कॉलेज से जुड़े लोगों का कहना है कि प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) राज्य विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया सयम पर पूरी हो जाती है। विद्यार्थी वहां पर प्रवेश ले रहे हैं। इविवि के कॉलेजों में बीए की सीट न भरने का एक कारण यह भी है।

*यूपी में बिजली बिल न देने पर मीटर प्रीपेड होगा*

*स्मार्ट मीटर में जोड़े फीचर बकाए पर अंकुश लगेगा*

*दीपावली बाद सभी मौजूदा मीटर को बदला जाएगा*

लखनऊ। दीपावली के बाद से राजधानी में स्मार्ट मीटर लगाने का अभियान शुरू हो जाएगा। स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी पर अंकुश के साथ बिल न चुकाने वाले उपभोक्ताओं का पोस्टपेड कनेक्शन प्रीपेड में परिवर्तित हो जाएगा।पहले चरण में कानपुर रोड, आलमबाग, राजाजीपुरम, चौक, ठाकुरगंज, रेजीडेंसी, गोमतीनगर, चिनहट, महानगर डिवीजन में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। केंद्र सरकार की योजना आरडीएसएस (रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) योजना के तहत सभी उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगाया जाना है। इन स्मार्ट मीटर को लगाने के लिए तीन फेस में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। जो उपभोक्ता बिजली बिल नहीं चुकाते हैं, विभाग उन पोस्टपेड उपभोक्ताओं का कनेक्शन प्रीपेड में कन्वर्ट कर देगा। कानपुर रोड डिवीजन के एक्सईएन नीरज गर्ग ने बताया कि स्मार्ट मीटर पोस्टपेड से प्रीपेड में कन्वर्ट किया जा सकता है।

*आईडी से रिचार्ज होगा*

घरों में स्मार्ट मीटर लगने के बाद संबंधित उपभोक्ताओं की सारी जानकारी फीड रहेगी। वे खुद उसे जब चाहे देख सकेंगे। मीटर पूरी तरह सील होगा। छेड़छाड़ संभव नहीं होगी। स्मार्ट मीटर भी रिचार्ज हो सकेगा। हर उपभोक्ता की ऑनलाइन आईडी होगी, जिससे मीटर रिचार्ज किया जा सकेगा। बैलेंस समाप्त होने से पहले ही रिचार्ज न करने पर बिजली तत्काल बंद हो जाएगी।

स्मार्ट मीटर में पोस्टपेड से प्रीपेड या प्रीपेड से पोस्टपेड कनेक्शन का फीचर्स है। ऐसे में जो उपभोक्ता बिजली बिल नहीं चुकाता है। उन्हें पोस्टपेड कनेक्शन से प्रीपेड में कन्वर्ट किया जा सकेगा। इसके लिए मीटर बदलने की आवश्यकता नहीं होगी। -भवानी सिंह

एमडी, मध्यांचल विद्युत निगम

*शिया पीजी कॉलेज के 44 छात्रों का कैंपस प्लेसमेंट हुआ*

लखनऊ, संवाददाता। शिया पीजी कॉलेजमें कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव के प्रथम चरण का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि मौलाना डॉ. यासूब अब्बास ने शुभारंभ किया। इसमें एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, बजाज आलियांज हेल्थ इंश्योरेंस, पेटीएम सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और भूपेश दूतेजा एंड कंपनी जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों ने भाग लिया। एससीडीआरसी निदेशक डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि 150 से अधिक उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया। कुल 44 छात्रों को चयनित किया गया। एसबीआई लाइफ में 25, बजाज आलियांज में 12, पेटीएम में 4 और भूपेश दूतेजा एंड कंपनी में तीन उम्मीदवारों का चयन हुआ। इन्हें दो लाख 40 हजार से तीन लाख सालाना का पैकेज प्राप्त हुआ। प्राचार्य प्रोफेसर एसएसआर बाकरी, सेल समन्वयक प्रो. भुवन भास्कर श्रीवास्तव समेत कई अन्य उपस्थित रहे।

*परिवहन विभाग के संविदा ड्राइवरों ने मांगा 35 हजार वेतन*

लखनऊ ।परिवहन विभाग के संविदा चालकों/परिचालकों एवं आउटसोर्स कर्मियों ने न्यूनतम वेतन 35 हजार रुपये करने की मांग को लेकर मंगलवार को इको गार्डेन में प्रदर्शन किया। इस अवसर पर संविदा चालक एवं परिचालक कर्मचारी संघर्ष यूनियन के अध्यक्ष महेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि वरिष्ठता के आधार पर समायोजन किया जाए। इसके अलावा दुर्घटना आर्थिक सहायता और ईएसआई की व्यवस्था लागू की जाए। महामंत्री कन्हैयालाल पांडेय, मोहम्मद जमाल, सुरेश वर्मा, तनवीर सिद्दीकी, दिनेश पांडे,राणा सिंह, केपी सिंह, रवीश चंद्र श्रीवास्तव, अरविंद तिवारी,आदर्श श्रीवास्तव, विजय वर्मा, अवनीश त्रिपाठी, अंजनी सैनी, श्याम गोयल, संजीव शर्मा, राकेश निगम, संजीव यादव, अवनीश, नरेंद्र यादव, रामगोपाल, गणेश पांडे, विष्णुमूरत समेत तमाम संविदा कर्मी मौजूद थे।

*एडेड जूनियर हाईस्कूलों में भर्ती के लिए अड़े बेरोजगार*

प्रयागराज।प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापकों के 1894 पदों पर भर्ती पूरी करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का धरना मंगलवार को आठवें दिन शिक्षा निदेशालय में अपर शिक्षा निदेशक बेसिक कार्यालय के बाहर जारी रहा। ज्ञानवेंद्र सिंह बंटी, रश्मि, पूजा, किरण, साधना, सुधीर तिवारी, रजनीश मिश्र, सुनील कनौजिया, सनोज यादव, मुकेश, विकास वर्मा, मास्टर केवल सिंह, अशोक कुमार आदि अभ्यर्थियों का कहना है कि शासन ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा से एक महीने में तीन बार रिपोर्ट मांगी है लेकिन अधिकारियों के स्तर से लगातार लेटलतीफी की जा रही है। तीन साल से भर्ती प्रक्रिया लम्बित है जिसपर कोर्ट से किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है। इसलिए 40 हजार से अधिक छात्रों के भविष्य को ध्यान में लेते हुए भर्ती प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू कराने की मांग की।

*एआरपी के खाली 38 पदों पर होगा चयन*

उन्नाव। एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) के खाली पदों पर चयन की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। इसके लिए होने वाली परीक्षाओं की घोषणा कर दी गई। रिक्त पदों के लिए संबधित शिक्षकों से आवेदन भी ले लिए गए हैं।जिले के 16 ब्लॉकों में स्कूलों की शैक्षिक गतिविधियों को बेहतर बनाने के साथ विभागीय कार्यों, योजनाओं के साथ अन्य गतिविधयों में सहयोग करने के लिए प्रति ब्लॉक में 5-5 एआरपी की तैनाती शासन से तय है।

*15 पीसीएस पदोन्नति के इंतजार में*

लखनऊ, विशेष संवाददाता। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा उत्तर प्रदेश के लिए 10 आईएएस के पद मंजूर किए जाने के बाद भी पीसीएस अधिकारियों की इस पद पर पदोन्नति नहीं हो पा रही है, जबकि इनके साथ के पीपीएस को आईपीएस के पद पर पदोन्नति मिल चुकी है।पीसीएस अफसरों को पदोन्नति क्यूं नहीं मिल पा रही है, इसे तो स्पष्ट नहीं बताया जा रहा है, लेकिन जो चर्चाएं हैं उसके मुताबिक पदोन्नति पाने वाले पीसीएस अफसर दो खेमे में बंटे हुए हैं। इसी के चलते पदोन्नति का प्रस्ताव कच्छप गति से चल रहा है।डीओपीटी हर साल पीसीएस अफसरों को आईएएस के पद पर पदोन्नति देने के लिए पद स्वीकृत करता है। इस साल पदोन्नति के लिए 10 पद स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा पिछले साल के पांच पद रिक्त हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो आईएएस के कुल 15 पदों के लिए पदोन्नतियां होनी हैं। इसमें वर्ष 2008 और 2009 बैच के पीसीएस अफसरों को पदोन्नतियां मिली हैं।पदोन्नतियां उन्हें ही मिलेंगी जिनकी कोई जांच नहीं चल रही है। जिनकी जांच चल रही है या फिर जो निलंबित हैं पदोन्नति के लिए उनके नामों पर विचार नहीं किया जाएगा।

*पदोन्नति देने के प्रस्ताव पर चल रहा मंथन*

सूत्रों का कहना है कि पीसीएस से आईएएस के पद पर पदोन्नति देने के लिए प्रस्ताव पर अभी मंथन चला रहा है। कुछ पीसीएस अफसरों के मामले फंसे हैं। इसीलिए वे चाहते हैं पहले इसका निस्तारण हो जाए, जिससे उन्हें आईएएस बनने पर अच्छा-खास लाभ मिल जाए। एक पीसीएस अफसर नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि प्रभावशाली लोगों के चलते अन्य पात्रों का भी भला नहीं हो पा रहा है। नियमत सितंबर में डीओपीटी को पदोन्नति का प्रस्ताव भेज दिया जाना चाहिए, लेकिन अभी तक प्रस्ताव ही नहीं जा पाया है। इसके चलते पदोन्न्तियां लटकी हुई हैं।

*नॉर्मलाइजेशन से दूसरी भर्तियां भी होंगी प्रभावित*

प्रयागराज, मुख्य संवाददाता। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा 2024 और आरओ/एआरओ 2023 प्रारंभिक परीक्षा दो दिन होने पर नॉर्मलाइजेशन को लेकर प्रतियोगी छात्र आशंकित हैं। हकीकत यह है कि एक दिन से अधिक परीक्षा खिंचने पर दूसरी भर्तियों पर भी असर पड़ेगा। खंड शिक्षा अधिकारी जैसी भर्ती जिसमें लाखों अभ्यर्थी आवेदन करते हैं, में नॉर्मलाइजेशन से नुकसान हो सकता है। वैसे आयोग ने यह साफ कर दिया है कि दो दिन परीक्षा कराने पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है लेकिन छात्रों अभी पूरी तरह से निश्चिंत नहीं हो सके हैं।छात्रों के एक गुट का मानना है कि बड़ी संख्या में मेधावियों के प्रभावित होने पर वैधानिक समस्या उत्पन्न होगी और इस वजह से छात्र न्यायालय की शरण में जाने के लिए मजबूर होंगे। छात्रों का कहना हैकि परीक्षा की अलग-अलग पालियों के प्रश्नपत्रों में प्रश्नों की प्रकृति (सरल व कठिन) के पहचान की कोई पद्धति नहीं है और इस अंतर को नॉर्मलाइजेशन से भरा नहीं जा सकता है।नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण व विवादित रही है। पूर्व में भी इसने विभिन्न परीक्षा परिणामों में व्यापक विसंगति उत्पन्न की है।

*स्केलिंग प्रक्रिया की सीबीआई जांच लंबित*

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में पूर्व में स्केलिंग प्रक्रिया भ्रष्टाचार व विधिक विवाद का प्रमुख कारण रहा है। इसकी सीबीआई जांच अभी विचाराधीन है। छात्रों की मानें तो इसी प्रकार नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया भी भ्रष्टाचार के लिए लूपहोल बनेगी व गलत परम्परा को जन्म देगी। लोक सेवा आयोग ने एक बार स्केलिंग की प्रक्रिया का उन्मूलन कर दिया है तो पुन उसी को लागू करना कहीं से भी उचित व तर्कसंगत नहीं है।

*एडीसी एलएलबी में ओबीसी एससी वर्ग के प्रवेश आज से*

प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता। इलाहाबाद डिग्री कॉलेज में एलएलबी में ओबीसी और एससी वर्ग के प्रवेश बुधवार से शुरू होंगे। मंगलवार को कॉलेज प्रशासन ने कटऑफ जारी कर दिया है। जारी कटऑफ के मुताबिक सभी वर्ग के 135 या इससे अधिक अंक वाले, ओबीसी वर्ग के 133 या इससे अधिक अंक वाले, एससी वर्ग के 115 या इससे अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को 23 अक्तूबर को प्रवेश के लिए बुलाया गया है। वहीं, एसटी वर्ग के सभी को भी बुलाया गया है। वहीं, इलाहाबाद विश्वविद्यालय समेत कई कॉलेजों में स्नातक में दाखिले के लिए नए कटऑफ भी जारी किए हैं।

*इविवि बीएएलएलबी का नया कटऑफ जारी*

इविवि ने बीएएलएलबी का नया कटऑफ जारी कर दिया गया है। ईडब्ल्यूएस वर्ग के 434 या इससे अधिक अंक वाले, एससी वर्ग के 349 या इससे अधिक अंक वाले, एसटी वर्ग के 272 या इससे अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थी बुधवार तक प्रवेश ले सकेंगे। इसी प्रकार ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज में बीएएलएलबी में एससी वर्ग के 180 या इससे अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थी 23 अक्तूबर को प्रवेश ले सकेंगे।

*जेंडर सर्टिफिकेट कोर्स शुरू*

प्रयागराज। इविवि के महिला अध्ययन की ओर से 13वें जेंडर सर्टिफिकेट कोर्स का शुभारंभ सोमवार को हुआ। मुख्य अतिथि प्रो. सरजीत मुखर्जी ने कहा कि जेंडर कोर्स समसामयिक शोध के कई पहलुओं को छूता है और उसका विस्तृत सामयिक महत्व है। प्रो. जया कपूर और गुरपिंदर ने कोर्स की महत्ता पर प्रकाश डाला।

*भारी बिकवाली से बाजार दो माह के निचले स्तर पर फिसला*

मुंबई, एजेंसी। घरेलू शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों की तेज बिकवाली मंगलवार को भी जारी रही और बाजार में भारी गिरावट आई। इससे सेंसेक्स 930 अंक लुढ़क कर 81 हजार से नीचे आ गया। यह इसका दो माह का निचला स्तर है। निफ्टी भी 24,500 के स्तर से नीचे आ गया। बाजार में इस चौतरफा बिकवाली से निवेशकों को नौ लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। वहीं, बीते दो दिन में करीब 13 लाख करोड़ रुपये डूब चुके हैं।सेंसेक्स 930.55 अंक का गोता लगाते हुए 80,220.72 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी 309 अंक की बड़ी गिरावट के साथ 24,472.10 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 24,445.80 अंक के निचले स्तर तक चला गया था। निफ्टी भी 14 अगस्त के बाद निचले स्तर पर फिसल चुका है। इस बड़ी गिरावट की वजह से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 9.19 लाख करोड़ रुपये घटकर 444.45 लाख रुपये पर आ गया।

*छोटी-मझोली कंपनियों के शेयर बुरी तरह टूटे* बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी जमकर मुनाफा वसूली हुई, जिससे मिडकैप में 2.52 प्रतिशत और स्मॉलकैप में 3.81 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई। पिछले दो कारोबारी सत्रों में मिडकैप सूचकांक पांच फीसदी तक फिसल चुका है। मंगलवार को बीएसई में कुल 4059 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 3430 में बिकवाली, जबकि 557 में लिवाली हुई। वहीं 72 में कोई बदलाव नहीं हुआ।

*विदेशी निवेशक लगातार पैसा निकाल रहे* बाजार विश्लेषकों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी और वैश्विक बाजारों में नरमी से घरेलू बाजार प्रभावित हुआ।

*गिरावट के पांच कारण*

1. प्रमुख कंपनियों के दूसरी तिमाही के कमजोर नतीजे

2. विदेशी निवेशकों का चीन की ओर रुख

3. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता

4. अमेरिकी फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कम कटौती की संभावना

5. दुनियाभर में बढ़ता भू-राजनीतिक संकट

*71 राजकीय महाविद्यालय अगले सत्र से शुरू होंगे*

प्रयागराज, मुख्य संवाददाता। प्रदेश सरकार अगले शैक्षणिक सत्र 2025-26 से 71 नए राजकीय महाविद्यालयों का संचालन शुरू करने जा रही है। खास बात यह है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप इन महाविद्यालयों में विज्ञान, वाणिज्य और कला तीनों वर्ग की पढ़ाई कराई जाएगी।वैसे तो पूर्व से संचालित कई राजकीय महाविद्यालयों में एक या दो वर्ग ही हैं, लेकिन एनईपी 2020 में अंतर विषयी अध्ययन को बढ़ावा देने की बात की गई है। विज्ञान का विद्यार्थी यदि संस्कृत की पढ़ाई करना चाहे तो उसे इनकार नहीं किया जा सकता। इसी बात को ध्यान में रखते हुए तीनों वर्ग के संचालन की तैयारी की जा रही है। प्रदेश सरकार इनके संचालन का जिम्मा स्वयं उठाएगी। प्रयागराज में एक राजकीय महिला महाविद्यालय परासिनपुर सिकंदरा फूलपुर और दूसरा मेजा में बन रहा है। कौशाम्बी के सिराथू में एक राजकीय महाविद्यालय निर्माणाधीन है।

मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत 71 राजकीय महाविद्यालयों में पद सृजन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इन महाविद्यालयों में विज्ञान, वाणिज्य और कला तीनों वर्ग की पढ़ाई होगी। – डॉ. अमित भारद्वाज, निदेशक उच्च शिक्षा

*बेसिक शिक्षा मंत्री से मिले एआरपी*

लखनऊ।एआरपी एसोसिएशन के शिष्टमंडल ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह से मुलाकात की। प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश शुक्ल के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा व अपनी समस्याओं से अवगत कराया। मंत्री ने उनकी समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में प्रयागराज से अरविंद मिश्र और अनुरागिनी सिंह भी शामिल रहीं।

*प्रधानाध्यापक परिषदीय विद्यालय में सार्वजनिक प्रोग्राम को किसी को अनुमति न दें*

फर्रुखाबाद । प्राथमिक विद्यालय उलियापुर में डीएम के निरीक्षण के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी सहमे हुये हैं। यहां के प्रधानाध्यापक को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। अब खंड शिक्षाधिकारी की ओर से सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापक यह सुनिश्चित कर लें कि विद्यालय में न तो किसी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम करने के लिए किसी को अनुमति दें और न ही विद्यालय परिसर और कमरों में बाहरी व्यक्ति का कोई सामान रखवायें।यदि विद्यालय के किसी कक्ष में जर्जर निष्प्रयोज्य सामान भरा हो तो उसे नियमानुसार स्टाक रजिस्टर में खारिज करते हुए विद्यालय से हटवाना सुनिश्चित करें। विद्यालय में निशुल्क पाठय पुस्तकों का स्टाक भी नही मिलना चाहिए। मिड डे मील के खाद्यान्न का रख रखाव भी अव्यवस्थित नही होना चाहिए। खंड शिक्षाधिकारी ने कहा कि मिड डे मील में तेल और मसाले ब्रांडेड ही प्रयोग में लाये जायें।

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