December 21, 2024

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झांसी। 14 सितंबर 2024 ग्राम बरुआमाफ में चल रही श्रीमद् भागवत पुराण कथा।

झांसी। 14 सितंबर 2024 ग्राम बरुआमाफ में चल रही श्रीमद् भागवत पुराण कथा।

झांसी। 14 सितंबर 2024 ग्राम बरुआमाफ में चल रही श्रीमद् भागवत पुराण कथा।

मऊरानीपुर। ग्राम बरुआमाफ में स्थति भूमिया बाबा मंदिर प्रांगण में संगीतमय श्रीमद्भागवत पुराण कथा का आयोजन ग्रामीणों द्वारा कराया जा रहा है। जिसमें चतुर्थ दिवस की कथा में श्रीकृष्ण भगवान के जन्मोत्सव की मनोहारी कथा का पुराण वाचक द्वारा दृश्य सहित मनोहारी वर्णन मधुर शब्दों में किया गया। जिसमें कथा व्यास पंडित राघवेंद्र कौशिक गुरसराय ने कहा कि संतुलन का अर्थ है एक उचित सामंजस्य बनाए रखना। शारीरिक संतुलन के साथ मानसिक और भावनात्मक संतुलन साथ-साथ भी उतना ही महत्वपूर्ण है। मानसिक संतुलन का अर्थ है अपने विचारों और भावनाओं को इस प्रकार नियंत्रित करना कि वे हमें या दूसरों को नुकसान न पहुंचाएं। यह जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सहायक होता है और तनाव को कम करता है। नियमित ध्यान और योग अभ्यास हमें मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त करने में मदद करते है। विचार और भावना में संतुलन बनाए रखना ही सद्गुण है। चरित्र का सच्चा विकास तभी संभव है। जब हम संतुलन और मध्य मार्ग का अनुसरण करते है। स्थिरता की भी अपनी महत्ता है, चाहे वह निजी जीवन में हो या समाज में। दीर्घकालिक विकास के लिए स्थिरता बहुत आवश्यक है। एक स्थिर जीवन वह है जिसमें बदलाव और अनिश्चितता को स्वीकार करते हुए भी हम अपने लक्ष्यों की दिशा में निरंतर प्रयास करते हैं। स्थिरता समाज में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शांति और प्रगति को सुनिश्चित करती है। एक स्थिर समाज वह है, जिसमें लोग अपने अधिकारों और कर्तव्यों को पहचानते है और एक दूसरे का सम्मान करते है।व्यक्तिगत जीवन में संतुलन एवं स्थिरता बनाए रखना इसलिए भी आवश्यक है ताकि हम अपनी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग कर सकें और सकारात्मक जीवन जी सकें। यह केवल आत्म- अनुशासन, संयम और धैर्य के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। इनका पालन करने से हम एक बेहतर, सुखी और समृद्ध जीवन जी सकते हैं। स्वामी विवेकानंद ने यथार्थ ही कहा है कि जीवन में स्थिरता और संतुलन प्राप्त करने के लिए, हमें आत्मअनुशासन और आत्म नियंत्रण का पालन करना चाहिए। आत्मा की शांति और आंतरिक संतुलन ही सच्चे सुख का आधार है। पुराण में वेदपाठी राजेश महाराज चौंका द्वारा किया जा रहा है। यजमान पार्वती कैलाश कुशवाहा ने श्रीमद्भागवत पुराण की आरती उतारकर प्रसाद वितरण किया। चल रही संगीत कथा में प्रतीक, शिवम्, चतुर्भुज आदि संगत दे रहे है। इस दौरान सरमन कुशवाहा,गोपी कुशवाहा, राजेश कुशवाहा, छत्रपाल कुशवाहा, सुरेशचंद्र कुशवाहा, प्रीतम कुशवाहा, मंशाराम कुशवाहा, मूलचंद कुशवाहा, मुन्नालाल कुशवाहा, राधेलाल कुशवाहा, खचौरेलाल कोटेदार आदि श्रोतागण श्रीकृष्ण भगवान के जन्मोत्सव पर झूमे उठे।

जिला संवाददाता सुरेन्द्र कुमार द्विवेदी खिलारा यूपी आजतक।

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