मिर्जापुर से बसन्त कुमार गुप्ता की रिपोर्ट यूपी आजतक
मिर्जापुर 26 जून 24*3.10 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन ए की खुराकए अभियान का हुआ आगाज*
*एक माता के अभियान जिलेके सभी केंद्रों पर चलाया जाएगा*
*जिले में नौ माह से पांच वर्ष की अवस्था तक विटामिन ए की नौ खुराक से मिलता है बच्चे को पोषण*
मिर्जापुर।
जिले में 3.10 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी । नौ माह से पांच वर्ष तक की अवस्था के बच्चों को इस सीरप का कुल नौ खुराक लेना अनिवार्य है । ऐसा करने से बच्चों को पोषण मिलता है और उनका बीमारियों से बचाव भी होता है । इसके लिए एक माह तक अभियान चलेगा जिसका आगाज बुधवार से हो गया । जिले में इस अभियान का शुभारंभ अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर अनिल ओझा ने किया । उन्होंने अपील की कि आशाए एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद से बच्चों को इस दवा का सेवन अवश्य करवाएं। यह अभियान 27 जुलाई तक चलाया जाएगा।
अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सी0एल0 वर्मा ने बताया कि जिले में नौ से बारह माह के 3.10 बच्चों को यह दवा दी जाएगी । इस अभियान में एएनएम का सहयोग आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता करेंगी । बच्चों को यह दवा खसरे से बचाव के प्रथम और दूसरे टीके के साथ दी जाती है और इसके अलावा प्रत्येक छह माह पर अभियान के दौरान भी इसका सेवन कराया जाता है । छाया वीएचएसएनडी और छाया यूएचएसएनडी सत्रों पर बच्चों को लाकर इस दवा का सेवन करवाया जाता है । प्रत्येक सरकारी अस्पताल में यह दवा उपलब्ध है । इसे नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में भी शामिल किया गया है । जिला प्रतिरक्षण अधिकारी की निगरानी में अगस्त व सितम्बर माह में इसे अभियान के तौर पर उपलब्ध कराया जाएगा ।
नोडल ने बताया कि विटामिन ए की कमी छोटे बच्चों में रोकथाम लायक अंधेपन का प्रमुख कारण है जिसे दवा सेवन से दूर किया जा सकता है। इसकी कमी बच्चों के विकास को बाधित कर सकती है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बाधित करती है। खसरा व दस्त पीड़ित बच्चों में इसकी कमी हो जाने से मृत्यु की आशंका अधिक होती है। टीकाकरण के साथ इस सीरप की सही और उम्र विशिष्ट खुराक देने पर करीब दस फीसदी बच्चों में दस्तए सिरदर्दए बुखार और चिड़चिड़ापन जैसे हल्के लक्षण दिखते हैं जो बिना उपचार के 24 से 48 घंटों के भीतर स्वतः ठीक हो जाते हैं । वर्ष 2013 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विटामिन ए की कमी को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या घोषित किया है क्योंकि यह पाया गया कि विश्व में छह से 59 माह के प्रत्येक तीन बच्चों में से एक बच्चे को यह प्रभावित करता है । इस स्थिति से निपटने के लिए सरकारी प्रावधानों के तहत यह सीरप उपलब्ध कराया जा रहा है ।
बच्चों को सत्र स्थल तक लाना है
अभियान से जुड़ीं चुनार की आशा कार्यकर्ता संगीता ने बताया कि सत्र स्थल तक अभिभावकों को उनके बच्चों के साथ लाना है और बच्चों को सीरप का सेवन करवाना है। अलग अलग आयु वर्ग के बच्चों के लिए सीरप की अलग अलग डोज निर्धारित की गयी है । छूटे हुए बच्चों और उदासीन परिवारों को खासतौर से प्रेरित कर इस अभियान से जोड़ा जाएगा ।
More Stories
लखनऊ22नवम्बर24*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर सुबह 10 बजे की बड़ी खबरें……………….*
नई दिल्ली22नवम्बर24*यूरोप तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी कर रहा है।*
प्रयागराज22नवम्बर24*जालौन से जुड़ी इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी खबर