December 4, 2024

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कौशाम्बी3दिसम्बर24*बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार पर अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की चुप्पी निंदनीय--हिन्दू रक्षा समिति*

कौशाम्बी3दिसम्बर24*बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार पर अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की चुप्पी निंदनीय–हिन्दू रक्षा समिति*

कौशाम्बी3दिसम्बर24*बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार पर अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की चुप्पी निंदनीय–हिन्दू रक्षा समिति*

*समिति के तत्वाधान में हजारों हिंदुओं ने सड़क पर उतरकर किया प्रदर्शन*

*कौशाम्बी।* बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार पर अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की चुप्पी निंदनीय है। तख्ता पलट के बाद से नई सरकार हिंदुओं पर अत्याचार रोकने पर पूरी तरह से नाकाम रही है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का इस पर नकेल लगाना जरूरी है। देश की सरकार को भी इस पर उचित कदम उठाने चाहिए, यदि इसके बाद भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हत्या लूट डकैती के मामले नहीं रुकते हैं तो भारत सरकार को कड़े कदम सैनिक कार्रवाई पर भी विचार करना चाहिए। उक्त बातें हिन्दू रक्षा समिति के तत्वाधान में जिलाधिकारी मधुसूदन हुलगी को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए समिति के संयोजक शत्रुघ्न स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा।

ज्ञापन में बांग्लादेश में सरकार के लख्ता पलट के बाद लगातार चार माह से हिन्दुओं पर हो रही हिंसा, अपहरण, बलात्कार, लूट-पाट, आगजनी और समाज का नेतृत्व कर रहे गणमान्य नागरिकों और साधू संतो का उत्पीड़न, मुकदमा, गिरफ्तारी को देख-सुन कर पूरा देश और समाज आक्रोशित एवं उद्वेलित है। बांग्लादेश राजनैतिक षड्यंत्र और अराजकता के दौर से गुजर रहा है, जिसमें वहाँ रहने वाले निर्दोष अल्पसंख्यक सनातन हिन्दू धर्मावलंबियों के साथ सिख, बौद्ध, जैन संप्रदाय के आस्थावान नागरिकों पर भी हमले किए जा रहे हैं। बांग्लादेश के हिन्दू समाज के धन और धर्म तथा चरित्र की हत्या की जा रही है। जबकि हिन्दू समाज पूरे विश्व में विद्या और शांति का संदेश देने वाला रहा है। दुनिया के किसी भी देश में हिन्दुओं ने कभी कोई अराजकता नहीं फैलाई। शांतिपूर्ण जीवन जीने के बाद भी बांग्लादेश के अंदर हिन्दुओं की समूह में हत्या की जा रही है। अब वहा बांग्लादेश के सरकारी नौकरियों में काम करने वाले हिन्दुओं, सिख, बौद्ध एवं जैनियों से भी बलपूर्वक त्यागपत्र ले रहे हैं। वहाँ के शासन एवं प्रशासन के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई सुरक्षा उन्हें प्रदान नहीं की जा रही है। ऐसे में वहाँ का हिन्दू, एक अनाथ समाज की तरह हो गया है। वहाँ की कानून व्यवस्था निष्प्रभावी और शून्य हो गई है। ऐसी परिस्थितियों में भारत का हिन्दू समाज शांत नहीं बैठ सकता है। हम अपने हिन्दू भाई-बहनों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

बांग्लादेश की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हम भारत सरकार से यह अपेक्षा करते हैं कि कूटनीतिक, राजनीतिक और संयुक्त राष्ट्र संघ, अन्तराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग आदि संस्थानों पर दबाव बढ़ाकर समाधान हेतु कार्यवाही कराई जाये तथा आवश्यक है कि भारत सरकार, बांग्लादेश पर आर्थिक प्रतिबन्ध लगाए। इसके लिए देश का पूरा हिन्दू समाज, भारत सरकार के साथ अपने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पीछे चट्टान की तरह खड़ा है। आज विद्या और सांस्कृतिक विरासत की राजधानी कौशाम्बी में हिन्दू, सिख, बौद्ध, सभी सनातनियों के संयुक्त प्रयास के द्वारा, जिसमें वाराणसी के सभी व्यापारिक संगठन, समाज की सुरक्षा के लिए सदैव सतर्क रहने वाले धार्मिक संगठन, शैक्षणिक संस्था एवं सामाजिक संगठन आपसे सादर निवेदन करते हैं कि बांग्लादेश के साथ-साथ विश्व के उन सभी देशों में जहाँ हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन अल्पसंख्यक हैं, उनकी शांति एवं सुरक्षा के लिए जो भी आवश्यक कदम है, उठाने चाहिए इसके लिए हिन्दू रक्षा समिति और अधोलिखित सामाजिक तथा व्यापारिक संगठन आपके ऋणी रहें। इस मौके पर प्रमुख रूप से शत्रुघ्न स्वरूप ब्रह्मचारी रामचंद्र दास महाराज नील मणि विनोद सोनकर धर्मराज मौर्य, संजय जयसवाल, राकेश पाण्डेय वीएचपी जिलाध्यक्ष अवधेश नारायण, हिन्दू जागरण मंच के जिला संयोजक यशवंत यदुवंश, एबीवीपी विभाग संयोजक ऋषभ, रिंकू मौर्य, वीरेंद फौजी, कविता पासी, ज्योति गुप्ता, शिवांशु, आशीष दुबे, वेद प्रकाश सत्यार्थी, नीरज मोदनवाल, पुष्पेंद्र पांडे, शिवम पांडे, दीपक मौर्य, सर्वेश पटेल सहित एक हजार लोग उपस्थित रहे।

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