May 5, 2024

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कौशाम्बी11फरवरी*यूपीआजतक न्यूज़ से कौशाम्बी की खास खबरें

कौशाम्बी11फरवरी*यूपीआजतक न्यूज़ से कौशाम्बी की खास खबरें

[11/02, 14:13] +91 99191 96696: *मनरेगा में 20 परसेंट की वसूली कौन-कौन है हिस्सेदार जांच का विषय*

*मनरेगा योजना में कमीशन खोरी की शासन स्तर से उच्च स्तरीय जांच हुई तो चौंकाने वाले होंगे खुलासे*

*कौशाम्बी।* मजदूरों को रोजगार देने के लिए सरकार द्वारा चलाई गई मनरेगा योजना अधिकारियों की कमीशन खोरी की भेंट चढ़ चुकी है जिले के प्रत्येक विकासखंड में एपीओ मनरेगा द्वारा बेखौफ तरीके से 20 प्रतिशत की वसूली बीते कई वर्षों से की जा रही है जिससे मनरेगा योजना में जहां मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है वही योजना के अंतर्गत कराए जाने वाले पक्के कार्यों में भी जमकर धांधली हो रही है कमीशन खोरी की लालच में मानक विहीन कार्य कराए जा रहे हैं परंपरा बन चुकी 20 प्रतिशत की वसूली के चलते घटिया निर्माण की जांच भी नहीं हो पा रही है प्रत्येक विकास खंड क्षेत्र में करोड़ों रुपए महीने का मनरेगा योजना के बजट में 20 प्रतिशत की वसूली के चलते एपीओ पंचायत मालामाल हो रहे हैं लेकिन उसके बाद देखने सुनने वालों ने आंख मूंद ली है

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत गांव क्षेत्र में मजदूरों को रोजगार दिए जाने का निर्देश सरकार द्वारा दिया गया था लेकिन बाद में अधिकारियों ने सरकार को गुमराह करते हुए इस योजना के अंतर्गत पक्के कार्य कराए जाने का सुझाव दिया जिससे वह कमीशन खोरी की मंशा में सफल हो सके मनरेगा योजना में गांव गांव पक्का कार्य कराए जाने का आदेश मिलते ही मनरेगा योजना की ज्यादा से ज्यादा रकम पक्के निर्माण कार्यों में खर्च की जाने लगी और निर्माण कार्य के आड़ में योजना से जुड़े अधिकारियों ने कमीशन खोरी शुरू कर दी

सूत्र बताते हैं कि मनरेगा योजना में एपीओ मनरेगा द्वारा 20 प्रतिशत की वसूली बीते कई वर्षों पूर्व शुरू की गई थी जो व्यवस्था का हिस्सा बन चुकी है और लगातार अवैध वसूली की जा रही है कई बार डीसी मनरेगा से अवैध वसूली के बारे में चर्चा कर वसूली पर रोक लगाए जाने की मांग की गई लेकिन डीसी मनरेगा भी एपीओ मनरेगा की वसूली पर नहीं रोक सके हैं जिससे मनरेगा द्वारा कराए गए कार्य मानक विहीन हो रहे हैं घटिया निर्माण को रोकने की कोशिश भी अभी तक जिले में नहीं हो सकी है जिससे तमाम अन्य अधिकारियों के मनरेगा योजना की कमीशन में शामिल होने से इनकार नहीं किया जा सकता है

करोड़ों रुपए महीने की बेखौफ तरीके से जिले में होने वाली वसूली के मामले में शासन प्रशासन से लेकर के अधिकारियों के कानों में जूं नहीं रेंग रही है 2 दिन पूर्व प्रभारी मंत्री ने भी विकास कार्यों की समीक्षा की लेकिन उन्होंने भी अधिकारियों नेताओं के चश्मों से जिले की विकास की समीक्षा कर वाहवाही लूट ली प्रभारी मंत्री के समीक्षा के दौरान हकीकत जबकि कुछ अलग थी लेकिन उनकी नजर भी कमीशन खोरी की ओर नहीं पड़ सकी है अधिकारी और नेताओं ने उन्हें अपने चिकनी चुपड़ी बातों में इस कदर फसाया की प्रभारी मंत्री की जांच दिशा केवल अधिकारियों और नेताओं की बातों तक सीमित रह गया मनरेगा योजना में 20 प्रतिशत की अवैध वसूली के मामले में यदि योगी सरकार ने शासन स्तर से उच्च स्तरीय जांच कराई तो अवैध वसूली के कारनामे में कई अन्य अधिकारियों के भी शामिल होने का खुलासा होना तय माना जा रहा है लेकिन क्या बेखौफ तरीके से करोड़ों रुपए महीने की वसूली करने वाले अधिकारियों के कारनामों की जांच निष्पक्ष तरीके से हो पाएगी या सब कुछ अफसर गिरी और नेतागिरी के बीच दबकर रह जाएगा योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त शासन की बात पर यह बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।

[11/02, 16:40] +91 99191 96696: *15 वर्षों के बीच अवैध बालू खनन में माफिया ने एकत्रित किया 50 करोड़ की संपत्ति*

*कार्रवाई के नाम पर माफिया को नहीं छू सकी डीएम एसपी की तमाम तरह की जांच*

*कौशांबी के माफियाओं के काले साम्राज्य पर गरजता नहीं दिख रहा है योगी का बुलडोजर*

*कौशांबी।* जिले में बालू खनन और उस पर कठोर कार्यवाही का ढिढोरा भले ही बड़े अधिकारी अक्सर पीटते हैं लेकिन सच्चाई में बालू माफियाओं पर कार्यवाही होती नहीं दिख रही है वरना बेशुमार दौलत के मालिक बालू माफिया ना बन पाते मंझनपुर तहसील क्षेत्र के पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के यमुना नदी किनारे के एक गांव के एक बालू माफिया ने 15 वर्षों के बीच बालू के अवैध खनन की काली कमाई से लगभग 50 करोड़ रुपए की अकूत बेनामी संपत्ति अर्जित की है आलीशान बंगला जमीन प्लाट फ्लैट कृषि भूमि कई लग्जरी कार करोड़ों के बैंक बैलेंस का मालिक यह माफिया और उसके परिजन बन गए हैं उसके बाद भी बालू माफिया के विरुद्ध अभी तक गैंगेस्टर एक्ट 14 ए की कार्रवाई कर उसके काले साम्राज्य को नेस्तनाबूद करने का प्रयास पुलिस प्रशासन ने नहीं किया है जिला अधिकारी ने भी इस बालू माफिया को चिन्हित कर इसके काले साम्राज्य को नेस्तनाबूद करने की पहल शुरू नहीं किया है जिससे योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है

यमुना नदी से बालू के अवैध काले कारोबार में दर्जनों माफिया लगे हैं जिनका काला साम्राज्य बीते कई दशक से बेखौफ तरीके से प्रत्येक वर्ष यमुना नदी के घाट से जिले में संचालित होता है कई बालू माफियाओं ने अकूत संपत्ति अर्जित की है कौशांबी से लेकर प्रयागराज तक आलीशान बंगला लग्जरी कार करोड़ों के बैंक बैलेंस के मालिक बन गए हैं बताया जाता है कि पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के एक ग्राम पंचायत में प्रधानी की ज़िम्मेदारी देख चुके ग्राम प्रधान ने बालू के काले कारोबार में 15 वर्षों पूर्व कदम रखा था मामूली हैसियत वाले इस व्यक्ति ने अपनी गुण्डई दबंगई और अधिकारियों कर्मचारियों से सांठगांठ कर बेखौफ तरीके से यमुना नदी से बालू का खनन शुरू किया देखते-देखते दिन दूना रात चौगुना बालू माफिया की हैसियत बढ़ी वर्तमान में भी इस बालू माफिया का अवैध खनन का कारोबार बिना रोक-टोक के चल रहा है सरकार से यमुना घाट का पट्टा मिलने के बाद भी पत्थर गढ़ी नहीं होती है एक पट्टा लेकर पूरे यमुना तराई क्षेत्र की बालू निकाल ली जाती है 15 वर्षों से बालू माफिया का यह खेल निरंतर चल रहा है अवैध खनन की आड़ में बालू माफिया ने अकूत संपत्ति अर्जित की है जेसीबी मशीनें लगाकर 8 महीने यमुना नदी की जलधारा से बालू का अवैध खनन कराया जाता है बरसात के पूर्व बड़े-बड़े डम्प लगाए जाते हैं लेकिन उसके बाद भी बालू माफिया को प्रशासन चिन्हित नहीं कर सका है सूत्रों की मानें तो पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के बेशुमार दौलत के मालिक बालू माफिया के खनन बिभाग से लेकर पुलिस बिभाग तक गहरे रिश्ते हैं जिसके चलते बालू माफिया के काले साम्राज्य पर योगी सरकार की कार्यवाही होती नहीं दिख रही है काले साम्राज्य से अर्जित किए गए अकूत संपत्ति पर गैंगेस्टर एक्ट 14 ए की भी कार्रवाई अभी तक माफिया पर नहीं हो सकी है एक तरफ योगी सरकार का कहना है कि काले साम्राज्य की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया जाएगा लेकिन योगी का बुलडोजर कौशांबी के माफियाओं के काले साम्राज्य पर गरजता नहीं दिख रहा है जिससे योगी सरकार में भी कौशांबी के माफियाओं के वर्चस्व का अंदाजा लगाया जा सकता है।

[11/02, 19:27] +91 99191 96696: *2 दिन में 18 हरे फलदार पेड़ काटकर 27 ट्रैक्टर लकड़ी उठा ले गए माफिया*

*टिर्रा नाम के लकड़ी माफिया द्वारा बीते कुछ वर्ष में हजारों हरे फलदार पेड़ काटने के बाद भी नहीं हो सकी कार्यवाही*

*कौशाम्बी।* पेशेवर लकड़ी माफियाओं पर पुलिस से लेकर वन विभाग तक कार्यवाही करते नहीं दिख रहे हैं जिससे हरियाली को गहरा संकट दिखाई पड़ रहा है एक तरफ योगी सरकार धरती को हरा-भरा करने के लिए वृहद पौधारोपण का अभियान चला रही है तो दूसरी तरफ लकड़ी माफिया विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ से धरती को वीरान करने में लगे हुए हैं पेशेवर लकड़ी माफियाओं पर कठोर कार्यवाही कर उनकी कमर तोड़ने का प्रयास थाना पुलिस से लेकर वन विभाग कई वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं कर सका है जिससे पेशेवर लकड़ी माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और प्रतिदिन दर्जनों मजदूर को लेकर इलेक्ट्रॉनिक आरा मशीन के साथ वह हरे फलदार पेड़ों को काटने पहुंच जाते हैं और हरे फलदार पेड़ को काटकर उनकी लकड़ियों को ट्रैक्टर में लादकर आरा मशीनों तक पहुंचा देते हैं

दो दिन पूर्व मंझनपुर रेंज क्षेत्र के करारी थाना अंतर्गत दरियापुर गांव के एक पुरवा में आम और महुआ के आठ हरे फलदार पेड़ को पेट्रोल इलेक्ट्रॉनिक आरा मशीन से काटकर टिर्रा नाम का लकड़ी माफिया उठा ले जाने में कामयाब हो गया है बताया जाता है कि 12 ट्रैक्टर से लकड़ियाँ ले जाई गई है लेकिन उसके बाद भी वन विभाग से लेकर पुलिस विभाग तक हरे पेड़ के कटान और उनके परिवहन की जानकारी नहीं लग सकी है इससे समझा जा सकता है कि हरे पेड़ों के कटान को रोकने के प्रति पुलिस से लेकर वन विभाग के अधिकारी कितने गंभीर हैं

दरियापुर गांव के पुरवा में पेड़ काटने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि मंझनपुर रेंज क्षेत्र के करारी थाना अंतर्गत रिजवी कॉलेज के बगल में फिर महुआ और आम के दस हरे विशाल फलदार पेड़ को टिर्रा लकड़ी माफिया ने मजदूरों को लेकर इलेक्ट्रॉनिक आरा मशीन से काटना शुरू कर दिया है शनिवार के दिन सुबह से ही दर्जनों मजदूरों को लेकर इलेक्ट्रॉनिक पेट्रोलिंग आरा मशीन के साथ रिजवी कॉलेज के पास हरे पेड़ को काटने में टिर्रा लकड़ी माफिया पूरे दिन लगा रहा बताया जाता है कि रिजवी कॉलेज के बगल से भी लगभग 15 ट्रेक्टर हरी लकड़ियों को उठा ले जाने में लकड़ी माफिया कामयाब हो गए है

इसके पहले भी करारी थाना से चौराहे की ओर कुछ दूरी पर आम महुआ शीशम की बाग से 2 दर्जन से अधिक हरे फलदार पेड़ दिनदहाड़े इलेक्ट्रॉनिक आरा मशीन से काट दिए गए थे शिकायत के बाद भी लकड़ियां चली गई पुलिस से लेकर वन विभाग ने टिर्रा नामक लकड़ी माफिया पर कार्यवाही नहीं की है सवाल उठता है कि टिर्रा लकड़ी माफिया से थाना पुलिस और वन विभाग के क्या रिश्ते हैं यह बड़ी जांच का विषय है और टिर्रा नामक लकड़ी माफिया के कारनामों की यदि आला अधिकारियों ने जांच कराई तो हरे फलदार पेड़ के काटने में पुलिस और वन विभाग की संलिप्तता उजागर होना तय है लेकिन क्या हरियाली नष्ट करने वाले लकड़ी माफिया के साथ साठगांठ उजागर कर लकड़ी माफिया पर मुकदमा दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी कराकर हरी लकड़ियों को बरामद कर वन विभाग के कब्जे में वापस लाए जाने में विभाग के अधिकारी सफल हो पाएंगे या फिर सब कुछ सांठगांठ से विभाग में चलता रहेगा यदि प्रकरण में जांच हुई तो लकड़ी माफिया से सांठगांठ करने वाले विभीषण का भी खुलासा होना तय है।

[11/02, 19:28] +91 6306 312 083: जनपद कौशांबी के समस्त प्रधानों को सूचना दी जाती है कि १२ फरवरी को रविवार् है इसलिये 13 फरवरी को समय १० बजे आप सभी ब्लाक मंझनपुर में एकत्रित हो इसके बाद जिला अधिकारी महोदय मंझनपुर कौशांबी को ज्ञापन दिया जाएगा आप सभी अधिक से अधिक संख्या में आने का kast करे
धन्यवाद
दीप नारायण त्रिपाठी
अध्यक्ष प्रधान संघ
कौशांबी

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