रायबरेली 12 अगस्त *गुरुकुल परिवार के खिलाफ साजिश रचने वाले होंगे बेनकाब-: पूजा मिश्रा
गुरुकुल महाविद्यालय के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष ने की प्रेस क्लब महराजगंज में प्रेस वार्ता
महराजगंज/रायबरेली: पारिवारिक विवाद के चलते एक पक्ष द्वारा लगाकर गुरुकुल महाविद्यालय प्रबंध तंत्र पर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने के साथ साथ अन्य कई गंभीर आरोप लगाए जाने का जवाब देने के लिए आज गुरुकुल महाविद्यालय के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष मीडिया के सामने मुखातिब हुए, और उन्होंने चुनौती भरे लहजे में आगाह किया कि, प्रबंधक तंत्र या संस्थान द्वारा यदि कोई भी व्यक्ति एक भी इंच जमीन सरकारी या फिर किसी गैर सरकारी व्यक्ति की विद्यालय के कब्जे में साबित कर दे, तो वह शहर्ष नियमानुसार जो भी सजा निर्धारित हो भुगतने को तैयार हैं। यदि अनर्गल और मिथ्या आरोप लगाने वाले अपनी करतूतों से बाज नहीं आए तो सभी के विरुद्ध न्यायालय में मानहानि का केस चलाया जाएगा। यह बातें महाविद्यालय के चेयरमैन तथा वाइस चेयरमैन ने महराजगंज में आयोजित प्रेस वार्ता में व्यक्त किए हैं।
आपको बता दें कि, हलोर गांव के रहने वाले एक प्रतिष्ठित परिवार में इस समय पारिवारिक बंटवारे को लेकर महायुद्ध जारी है। जिसमें मुकदमे बाजी फौजदारी जैसे मामले पुलिस से लेकर अदालत तक दर्ज हो चुके हैं। प्रतिदिन किसी न किसी पक्ष द्वारा सोशल मीडिया पर या समाचार माध्यमों के द्वारा एक दूसरे पर आरोप जड़े जाते हैं। विगत दिनों दूसरे पक्ष के रविंद्र नाथ मिश्रा आदि द्वारा प्रेस वार्ता करके महाविद्यालय के चेयरमैन डॉ शशांक शेखर शुक्ला, उपाध्यक्ष पूजा मिश्रा के अलावा संस्थापक राजेंद्र दत्त मिश्र पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। आरोपों में यहां तक कहा गया था कि, गुरुकुल महाविद्यालय बनाने के नाम पर इन लोगों ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिया तथा कुछ व्यक्तिगत लोगों की संपत्तियों पर भी कब्जा कर रखा है।
इसके बाद आज मीडिया के सामने दूसरे पक्ष की ओर से चेयरमैन डॉ शशांक शेखर शुक्ला उपाध्यक्षा पूजा मिश्रा भी सामने आए और गिन-गिन कर उन पर दूसरे पक्ष द्वारा लगाए गए हर आरोप का जवाब दिया गया। इसी क्रम में डॉ शशांक शेखर शुक्ला ने कहा कि, पारिवारिक बंटवारे का विवाद 40 साल पुराना है। अच्छा तो यह होता की जो पक्ष तथ्य हीन मनगढ़ंत अनर्गल आरोप लगाकर माहौल को खराब कर रहा है। उसे सच्चे मन से इमानदारी पूर्वक चंद नातेदार रिश्तेदारों को बुलाकर आपस में पारिवारिक विवाद निपटा लेना था। किंतु उनकी हर जगह कमी है। इसलिए वह परिवार के विवाह को सड़क पर ला रहे हैं और गुरुकुल महाविद्यालय जैसी एक महान पवित्र शिक्षण संस्था को ही केंद्र बिंदु मानकर उस पर हमला कर रहे हैं।
उन्होंने चुनौतीपूर्ण लहजे में कहा कि, अगर गुरुकुल महाविद्यालय ने कहीं भी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा है, तो आरोप लगाने वाले लोग क्यों नहीं शासन-प्रशासन में जाकर इसकी जांच कराते हैं। निष्पक्ष जांच से सही-सही पता चल जाएगा कि, कौन सही है और कौन गलत वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।
दूसरे उन्होंने कहा कि, क्योंकि इस महाविद्यालय की स्थापना के साथ इस पिछड़े इलाके में हजारों हजार बच्चों के पठन-पाठन का अवसर सुलभ हो गया है। सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला है। चारों ओर महाविद्यालय की उपलब्धियों की चर्चा है। दूसरा पक्ष इस पुनीत कार्य को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। इसलिए गंदी और विकृत मानसिकता के चलते अब हर जगह मुंह की खाने के बाद विद्यालय जैसी पवित्र संस्था को निशाना बनाया है।
उन्होंने यह भी कहा कि, वह व्यक्तिगत आरोप तो बर्दाश्त कर सकते हैं, लेकिन क्षेत्र की लाखों जनता के आस्था का केंद्र गुरुकुल महाविद्यालय जैसी प्रतिष्ठित संस्था पर लगाए गए मिथ्या आरोपों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। आवश्यकता हुई तो वह पूरे मामले को अदालत ले जाकर ऐसा कृत्य करने वालों के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही करेंगे।
इसी क्रम में उपाध्यक्ष पूजा मिश्रा ने भी मिथ्या आरोप लगाने वालों को खुली चुनौती दी, और कहा कि, यदि उनके आरोपों में दम है तो किसी भी संस्था से गुरुकुल की खुली जांच करा लें। दूध का दूध पानी का पानी साफ हो जाएगा। वैसे भी मिथ्या आरोप लगाने वालों की समाज में क्या खासियत है, सबको पता है। ऐसे अराजक तत्वों से वह और उनका परिवार कतई विचलित होने वाला नहीं है। वह सच की राह पर चल रही है, उन्हें किसी से किसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है।
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