September 14, 2024

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भागलपुर13अगस्त24*बीते एक सप्ताह बाद भी रौनक का नहीं मिला हत्यारा

भागलपुर13अगस्त24*बीते एक सप्ताह बाद भी रौनक का नहीं मिला हत्यारा

भागलपुर बिहार से शैलेन्द्र कुमार गुप्ता यूपी आजतक

भागलपुर13अगस्त24*बीते एक सप्ताह बाद भी रौनक का नहीं मिला हत्यारा

रौनक के पिता डी आई जी से मिलने के बाद भी एक ही सिपाही क्यों तैनात किया गया उनके घर पर

एक सिपाही सुरक्षा मिलने के बाद भी रौनक के पिता ने अपनी आपत्ति जताई है

क्या हैं रौनक हत्याकांड का सच्चाई आम जनक भी परेशान इतनी सच्चाई है जिला प्रशासन इस बात को लेकर क्या गहराई के साथ जांच कर पाएगी या सीबीआई के हाथ जाएगा कैस

प्रसिद्ध दवा कारोबारी स्वर्गीय आत्माराम के पोते रौनक केडिया की हत्या पांच बदमाशों ने मिलकर की थी। हत्या की साजिश रचने वाले ने बलराम केडिया के घर तक शूटरों की तगड़ी फिल्डिंग सजा रखी थी। घर के आगे एक बाइक सवार बदमाश हेलमेट पहनकर शूटरों का इंतजार कर रहा था। बदमाशों की तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई हैं।

इधर, सूत्र बताते हैं कि रंगदारी मांगे जाने को लेकर वारदात को अंजाम दिया गया है। हालांकि पुलिस पदाधिकारी अभी कुछ भी बताने से बच रहे हैं। कुख्यात पप्पू सोनार के भाई समेत जिन दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, उनसे सिटी एसपी मिस्टर राज, सिटी डीएसपी अजय कुमार चौधरी और डीएसपी-पी अलग-अलग पूछताछ कर रहे हैं। दोनों से रंगदारी मांगे जाने संबंधी अहम जानकारी जुटाई जा रही है।

पुलिस शनिदेव मंदिर जाने वाली गली के मुहाने से सटे एक भूखंड के दस्तावेज की भी जांच कर रही है। तकनीकी टीम ने शुक्रवार की दोपहर भी शनिदेव मंदिर वाली गली में घटनास्थल की जांच की है। इधर, घटना के विरोध में शुक्रवार को भागलपुर के बाजार बंद रहे। इससे 70 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ।

पुलिस को मिले दो सीसीटीवी कैमरे के फुटेज

पुलिस की विशेष टीम को दो सीसीटीवी कैमरे के फुटेज मिले हैं। एक फुटेज बलराम केडिया के घर और दूसरा शनिदेव मंदिर वाली गली से बलराम केडिया के घर तक पहुंचने वाले रास्ते का मिला है। पहले फुटेज से यह पता चला है कि बुधवार की रात हत्या को अंजाम देने की पूरी साजिश रचकर शनिदेव मंदिर वाली गली से दवा कारोबारी के घर तक अपराधी घात लगाए हुए थे।एक बदमाश उनके काजवली चक स्थित घर के पास भी हेलमेट लगाकर बाइक से चौकसी दे रहा था। जब शनिदेव मंदिर वाली गली में हत्या हुई तब उसने उनके घर के पास बाइक रोक रखी थी। फुटेज में वह गली की तरफ जाता फिर मुड़कर उनके घर के पास आकर ठहर जाता। लेकिन इस दौरान उसने कभी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया। जिससे यह जाहिर हो रहा है कि हत्या को अंजाम देने आए शूटर मोबाइल से परहेज रहे थे, ताकि पुलिस की गिरफ्त से दूर रह सकें।दूसरे सीसीटीवी कैमरे में पांच बदमाशों की गतिविधियां कैद हुई हैं, जो हत्या करने के बाद वहां से उसी रास्ते से निकले। जब रौनक केडिया के हत्यारे वहां से भाग रहे थे तब कारोबारी के आवास के पास चौकसी दे रहा बाइक सवार भी तेजी से वहां से निकल गया। इस दौरान बलराम केडिया के घर के आगे हेलमेट लगाया हुआ बाइक सवार बदमाश आधे घंटे से अधिक समय तक वहीं बना रहा।एक बदमाश उनके काजवली चक स्थित घर के पास भी हेलमेट लगाकर बाइक से चौकसी दे रहा था। जब शनिदेव मंदिर वाली गली में हत्या हुई तब उसने उनके घर के पास बाइक रोक रखी थी। फुटेज में वह गली की तरफ जाता फिर मुड़कर उनके घर के पास आकर ठहर जाता। लेकिन इस दौरान उसने कभी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया। जिससे यह जाहिर हो रहा है कि हत्या को अंजाम देने आए शूटर मोबाइल से परहेज रहे थे, ताकि पुलिस की गिरफ्त से दूर रह सकें।दूसरे सीसीटीवी कैमरे में पांच बदमाशों की गतिविधियां कैद हुई हैं, जो हत्या करने के बाद वहां से उसी रास्ते से निकले। जब रौनक केडिया के हत्यारे वहां से भाग रहे थे तब कारोबारी के आवास के पास चौकसी दे रहा बाइक सवार भी तेजी से वहां से निकल गया। इस दौरान बलराम केडिया के घर के आगे हेलमेट लगाया हुआ बाइक सवार बदमाश आधे घंटे से अधिक समय तक वहीं बना रहा।उसने चार से पांच बार गली का चक्कर भी लगाया। यानी उस दिन दवा कारोबारी बलराम केडिया या उनके पुत्र रौनक केडिया किसी भी रास्ते से घर पहुंचते, तो हत्यारे उन्हें निशाना बनाने के लिए तैयार थे। इधर, हिरासत में लिए गए दोनों शातिरों ने पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारियां दी हैं। जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।हत्या में 7.65 मिमी. की कारतूस का हुआ था इस्तेमाल रौनक की हत्या में 7.65 मिमी. की कारतूस का अपराधियों ने इस्तेमाल किया था। जिसका प्रयोग सिविल बोर पिस्टल में होता है। इस पिस्टल की अनुज्ञप्ति शासन की तरफ से जानमाल की सुरक्षा के लिए दी जाती है। अपराधियों को इसकी उपलब्धता सैकड़ों शस्त्र अनुज्ञप्ति धारकों में ही चंद ऐसे लोगों से होती रही है, जो अपनी शस्त्र अनुज्ञप्ति पर निर्धारित संख्या में खरीदे जाने वाले कारतूस बेच दिया करते हैं।

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