January 25, 2025

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कौशाम्बी1दिसम्बर22*समानता को अपनाये ,एड्स को दूर भगाएं--सीएमओ*

कौशाम्बी1दिसम्बर22*समानता को अपनाये ,एड्स को दूर भगाएं–सीएमओ*

कौशाम्बी1दिसम्बर22*समानता को अपनाये ,एड्स को दूर भगाएं–सीएमओ*

*जागरूकता ही है बचाव, एड्स को अब दूर भगाओ*

*कौशाम्बी* विश्व एड्स दिवस पर जिले में कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुए। इसमें लोगों को एचआईवी एड्स के संक्रमण के कारण बचाव व एड्स मरीजों के प्रति समाज की अहम ज़िम्मेदारी से जुड़े जागरूकता संदेश दिए गए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुष्पेंद्र ने बताया कि विश्व एड्स दिवस की इस वर्ष की थीम एक्युलाइज यानी समानता निर्धारित की गई है। इस वर्ष की थीम से हमारे समाज में फैली हुई असमानताओं को दूर करके एड्स को पूरी तरह से खत्म करने पर कदम बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इस दिवस पर डॉ सुष्पेंद्र की अध्यक्षता में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। वहीं कैंडल मार्च का आयोजन सीएमओ कार्यालय से निकाला गया | उन्होंने बताया कि जागरूकता के अभाव से एचआईवी एड्स से संक्रमित मरीज समाज और परिवार की उपेक्षा शिकार होता है। एड्स रोगी से दूरी बनाना ठीक नहीं है। उनके साथ सम्मान जनक व्यवहार बीमारी से लड़ने की हिम्मत बढ़ा सकता है। इसलिए अन्य की भांति एड्स मरीज के साथ समान व्यवहार करें।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस.के झा ने बताया कि स्व. जनार्दन प्रसाद इंटर कॉलेज मंझनपुर कौशाम्बी में कार्यशाला, संगोष्ठी का आयोजन कर बच्चो को एचआईवी/एड्स के बारे में विस्तार बताया गया कार्यक्रम में स्व. जनार्दन प्रसाद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य शिक्षक तथा विभागीय कर्मचारी मौजूद रहे जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस.के झा ने बताया कि एड्स बीमारी के असुरक्षित सेक्स के अलावा भी कई कारण हैं। एचआईवी संक्रमण की चपेट में आने पर कई लोगों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं इस दिवस का उद्देश्य एचआईवी इन्फेक्शन के प्रसार के कारण होने वाली महामारी एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। एचआईवी/एड्स एक खतरनाक बीमारी है। इसका सिर्फ बचाव ही इलाज है।

एड्स रोग के कारण एच.आई.वी. संक्रमित व्‍यक्ति के साथ यौन सम्‍पर्क से एच.आई.वी. संक्रमित सिरिंज व सूई का दूसरो के द्वारा प्रयोग करने सें एच.आई.वी. संक्रमित मां से शिशु को जन्‍म से पूर्व, प्रसव के समय, या प्रसव के शीघ्र बाद एच.आई.वी. संक्रमित अंग प्रत्‍यारोपण से एक बार एच.आई.वी. विषाणु से संक्रमित होने का अर्थ है- जीवनभर का संक्रमण एवं दर्दनाक मृत्‍यु

एड्स रोग से बचाव के लिए जीवन-साथी के अलावा किसी अन्‍य से यौन संबंध नही रखे यौन सम्‍पर्क के समय निरोध(कण्‍डोम) का प्रयोग करें मादक औषधियों के आदी व्‍यक्ति के द्वारा उपयोग में ली गई सिरिंज व सूई का प्रयोग न करें एड्स पीडित महिलाएं गर्भधारण न करें, क्‍योंकि उनसे पैदा होने वाले‍ शिशु को यह रोग लग सकता है रक्‍त की आवश्‍यकता होने पर अनजान व्‍यक्ति का रक्‍त न लें, और सुरक्षित रक्‍त के लिए एच.आई.वी. जांच किया रक्‍त ही ग्रहण करें डिस्‍पोजेबल सिरिन्‍ज एवं सूई तथा अन्‍य चिकित्‍सीय उपकरणों का 20 मिनट पानी में उबालकर जीवाणुरहित करके ही उपयोग में लेवें, तथा दूसरे व्‍यक्ति का प्रयोग में लिया हुआ ब्‍लेड/पत्‍ती काम में ना लेंवें एड्स-लाइलाज है- बचाव ही उपचार है

एच.आई.वी. संक्रमण बाद लक्षण एच.आई.वी. पोजिटिव व्‍यक्ति में 7 से 10 साल बाद विभिन्‍न बीमारिंयों के लक्षण पैदा हो जाते हैं जिनमें ये लक्षण प्रमुख रूप से दिखाई पडते है गले या बगल में सूजन भरी गिल्टियों का हो जाना लगातार कई-कई हफ्ते अतिसार घटते जाना लगातार कई-कई हफ्ते बुखार रहना हफ्ते खांसी रहना अकारण वजन घटते जाना मूंह में घाव हो जाना त्‍वचा पर दर्द भरे और खुजली वाले ददोरे/चकते हो जाना उपरोक्‍त सभी लक्षण अन्‍य सामान्‍य रोगों, जिनका इलाज हो सकता है, के भी हो सकते हैं किसी व्‍यक्ति को देखने से एच.आई.वी. संक्रमण का पता नहीं लग सकता- जब तक कि रक्‍त की जांच ना की जाये |

 

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