May 6, 2024

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कौशाम्बी1दिसंबर22*यूपीआजतक न्यूज़ से कौशाम्बी की खास खबर

कौशाम्बी1दिसंबर22*यूपीआजतक न्यूज़ से कौशाम्बी की खास खबर

[01/12, 17:13] +91 99191 96696: *स्वतंत्र पत्रकारों से अनुरोध है ज्यादा से ज्यादा संख्या में दिल्ली पहुंचे*

*बीजेपी की गुड़गांव जिला अध्यक्ष ने प्रिंट,मीडिया के मुंह पर तमाचा मारने का काम किया है प्रेस की स्वतंत्रता को चेतावनी दी है* |

*प्रेस की स्वतंत्रता को बंधक बनाकर न्यूज़ वीडियो डिलीट कराने का काम किया है जो अपराध की श्रेणी में आता है*

*पत्रकारों की छवि खराब करने का काम गार्गी कक्कड़ ने किया है साथ ही मीडिया को बंधक बनाकर दबाव बनाकर खबरों को डिलीट करवाना भी अपराध की श्रेणी में आता है जिस पर पुलिस ने कोई मामला दर्ज नही किया और ना ही सरकारों ने भी कोई कार्रवाई की यानी कि मीडिया की स्वतंत्रता को बंधक बनाने का काम बीजेपी सरकार में उनकी जिला अध्यक्ष द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा है | स्वतंत्र भारत में प्रत्येक व्यक्ति को आजादी है कि वह अपनी बात मीडिया के सामने या किसी भी पत्रकार के सामने रखेगा तो खबर तो प्रकाशित की जाएगी*| *सविधान हमारे को खबर दबाने की आजादी नहीं देता बल्कि संविधान मीडिया को आवाज बुलंद करने की ताकत देता है*
*आजाद भारत में पत्रकारों को डरा धमका कर प्रताड़ित कर उन पर झूठे केस दर्ज कर उनकी आवाज को दबाने का काम धड़ल्ले से जारी है*
*क्या है मामला जाने*👇

यह गौरव गर्ग गुरुग्राम से राजधानी संदेश का पत्रकार है ! इस पत्रकार ने लगभग 7 महीने पहले आशा वर्कर की खबर को प्रकाशित किया था ! आशा वर्कर का आरोप था कि राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ ने महिलाओं को धक्के मारकर प्रोग्राम से बाहर निकाला था, क्योंकि आशा वर्कर के पास प्रोग्राम के सरकारी एंट्री पास मौजूद थे !
जिसको लेकर आशा वर्कर्स ने धरना प्रदर्शन कर जिला अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी ! उसी खबर को करीबन कई पत्रकारों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था !जिससे आग बबूला हो जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ ने अपने समर्थकों और अपने गुंडों से पत्रकार को अनेकों बार फोन करा कर धमकाया और खबर हटाने के लिए दबाव बनवाया था | पत्रकार ने जब अपनी खबर को नहीं हटाया तो गार्गी कक्कड़ ने खुद अपने मोबाइल से फोन करके कहा कि तुम कौन हो, तो पत्रकार ने कहा बहन जी मैं राजधानी संदेश का रिपोर्टर हूं गर्ग ने कहा कि तुमने खबर क्यों लिखी पत्रकार ने कहा कि आशा वर्कर धरना प्रदर्शन कर रही थी खबर लिखना हमारा काम है आप अपनी प्रतिक्रिया दे सकते थे मैंने आपसे इस विषय पर आपकी प्रतिक्रिया मांगी थी लेकिन आपने मुझे 2 घंटे तक खड़ा रखा और प्रतिक्रिया नहीं दी |
मेरा नाम गौरव है बहन जी यह बातें रिकॉर्डिंग में शॉप सुनी जा सकती है रिकॉर्डिंग में गार्गी कक्कड़ ने कहा कि हम दोनों बहन भाई चाय पिएंगे तुम मेरे घर आ जाओ इस प्रकार की कक्कड़ ने उसको बहन भाई का रिश्ता बना बहला-फुसलाकर अपने घर बुलाया |
उनके बुलाने पर पत्रकार उनके घर गया, पत्रकार के उसके घर पहुंचने के तुरंत बाद गार्गी कक्कड़ ने अपने क्षेत्र के थाना अध्यक्ष को फोन कर कहा कि उस पत्रकार को मैंने बुला लिया है तुम आ जाओ मेरे घर और एसएचओ भी अपनी गाड़ी से गार्गी कक्कड़ के घर पहुंचा था ! उसके बाद पत्रकार को डराया धमकाया गया और उस पत्रकार को 3 घंटे टॉर्चर किया गया ! पत्रकार को बंधक बनाया गया और डरा धमका ,उसकी न्यूज़ वीडियो डिलीट किये गये उस को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी गई पत्रकार ने डर के मारे और अपनी जान खतरे में देखते हुए मजबूर होकर उनके दबाव में आकर वीडियो डिलीट करवाये उसके बाद पत्रकार को छोड़ा गया यह सारी घटना, गार्गी कक्कड़ के घर में लगे सीसीटीवी में भी कैद हुई होगी उन सबूतों को भी एविडेंस को मिटाने का काम किया गया और गली में लगे हुए सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई थी जिसको पुलिस ने जानबूझकर छुपाया | एसएचओ की गाड़ी 3 घंटे तक घर की के घर के बाहर गली में खड़ी रही थी एसएचओ राजेश के पहुंचने के समय से लगाकर वापस जाने तक की वीडियो पुलिस ने दबाई और घर के अंदर की सीसीटीवी की वीडियो भी दबाने का काम किया इस बाबत पुलिस को ऑनलाइन शिकायत दी उसको क्लोज कर दिया गया आज तक उस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई | उसके बाद पुलिस ने सबूत मिटाने का काम किया | उससे भी ज्यादा हैरान करने वाली यह बात है कि गार्गी कक्कड़ ने इस घटना से संबंधित खबर लिखने वाले पत्रकारों को कोर्ट में घसीटा और 17 पत्रकारों को कोर्ट में घसीटने का काम किया हद तो तब हो गई जब दिल्ली तक के पत्रकारों के नामजद किए गए |
खबर लिखने वाले पत्रकारों को गुरुग्राम की पुलिस नोटिस दे बुला रही है और घटना के बारे में पूछताछ कर रही है और उनके बयान दर्ज कर रही है पूरे घटनाक्रम की खबर लिखने वाले पत्रकारों को धमकियां दी उनको कोर्ट में घसीटने की धमकी दी और उनके ऊपर कोर्ट में झूठे मामले दायर कराए गए हैं | प्रिंट ,मीडिया के मुंह पर तमाचा माररने का काम गार्गी कक्कड़ ने किया है प्रेस की स्वतंत्रता को चेतावनी दी है पत्रकारों की छवि खराब करने का काम गार्गी कक्कड़ ने किया है साथ ही मीडिया पर बंधक बनाकर दबाव बनाकर खबरों को डिलीट करवाना भी अपराध की श्रेणी में आता है ,जिस पर न पुलिस ने कोई मामला दर्ज किया और ना ही सरकारों ने भी कोई कार्रवाई की यानी कि मीडिया की स्वतंत्रता को बंधक बनाने का काम बीजेपी सरकार में उनकी जिला अध्यक्ष द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा है | स्वतंत्र भारत में प्रत्येक व्यक्ति को आजादी है कि वह अपनी बात मीडिया के सामने या किसी भी पत्रकार के सामने रखेगा तो खबर तो प्रकाशित की जाएगी | सविधान हमारे को खबर दबाने की आजादी नहीं देता बल्कि संविधान मीडिया को आवाज बुलंद करने की ताकत देता है |गार्गी कक्कड़ अपनी पावर का गलत इस्तेमाल करके पत्रकारों को प्रताड़ित कर रही है उनके ऊपर झूठा मामला डाल, उनको बंधक बना डरा धमकाकर खबरें डिलीट कराने जैसा अपराध कर रही हैं | गार्गी कक्कड़ ने 3 घंटे तक पत्रकार को बंधक बनाया बंधक बनाकर डरा धमका कर और पुलिस एसएचओ के साथ मिलकर उसको अपने घर पर बुलाकर न्यूज़ वीडियो डिलीट कराने का काम किया इसकी कंप्लेन गुरुग्राम पुलिस में दी गई थी जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई ना मामला दर्ज हुआ जिला अध्यक्ष के खिलाफ बीजेपी के मुख्यमंत्री होम मिनिस्टर के कौन से ऐसे राज हैं ? जिनको वह लेकर बैठी है और उस उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और उल्टा उस गरीब पत्रकार पर और अन्य खबर लिखने वाले पत्रकारों पर जिला अध्यक्ष बीजेपी गुड़गांव ने कोर्ट में केस डाल दिया और पीड़ित पत्रकार की कंप्लेंट क्लोज कर दी | तो यह प्रेस मीडिया की स्वतंत्रता पर एक प्रहार है और जिला अध्यक्ष की दादागिरी है | आखिर यह किसकी इशारे पर इस तरह की हरकतें कर रही हैं
पत्रकार को डरा धमकाकर खबरें दबाने का काम जिलाध्यक्ष कर रही हैं हम सरकार से मांग करते हैं,और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नडा जी से मांग करते हैं कि गार्गी कक्कर को पार्टी से निष्कासित किया जाए जो कि मनमाने तरीके से साइको जैसी हरकतें कर बीजेपी की छवि को भी खराब करने का काम कर रही है
[01/12, 19:17] +91 99191 96696: *रसोईया नियुक्ति में रातोंरात बदल गई घोटाले की रकम*

*सरकारी रकम में घोटाला करने वाले वर्तमान और पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी के घर कब चलेगा योगी सरकार का बुलडोजर*

*कौशाम्बी* जिले के चार विकासखंड क्षेत्र सिराथू मंझनपुर मूरतगंज सरसवा के सरकारी विद्यालयों में रसोईया की नियुक्ति के मामले में बड़े खेल उजागर हो चुके हैं लेकिन अभी इससे बड़े और खेल उजागर होने की उम्मीद जताई जाती है गबन का खेल उजागर होने के बाद नए खेल खेलना फिर विभागीय लोगों को शुरू कर दिया है जिले के अन्य चार विकासखंड क्षेत्रों में रसोइया नियुक्ति की जांच नहीं हुई है अन्य विकास खंड क्षेत्र कड़ा कौशाम्बी चायल नेवादा के सरकारी स्कूल के रसोइया नियुक्ति की जांच हुई तो इससे बड़े खेल उजागर होने की उम्मीद है घोटाले की रकम में रातोंरात परिवर्तन कैसे हो गया यह एक अलग जांच का विषय है

सरकारी विद्यालयों में रसोईया की नियुक्ति किए जाने के बाद उनके वेतन दिए जाने का निर्देश बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा दिया जाता है लेकिन फर्जी तरीके से रसोइया की नियुक्ति में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी फर्जी वेतन भुगतान की अनुमति दे दी बेसिक शिक्षा अधिकारी बदल गए और दूसरे बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कार्यभार ग्रहण कर लिया लेकिन बिना नियुक्ति रसोइया की फर्जी वेतन भुगतान बीएसए कार्यालय से लगातार किया जाता है मामले की शिकायत हुई आला अधिकारियों ने जांच कराई जांच में तमाम रसोईया की फर्जी नियुक्ति का खुलासा हुआ तमाम कर्मचारी बर्खास्त किए गए तमाम लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के निर्देश दिए सूचना अधिकारी द्वारा खबर भेज कर बताया गया कि 34 लाख 80 हजार रुपए का गबन हुआ है लेकिन कुछ देर बाद गबन की रकम सिकुड़ कर 7 लाख 42 हजार हो गयी सूचना अधिकारी ने संशोधित विज्ञप्ति भेजकर गबन की रकम 7 लाख 42 हजार रुपए बताई अब सवाल उठता है कि आखिर रातों-रात गबन की रकम में इतनी तेजी से परिवर्तन कैसे हुआ जब मामले की शिकायत पर अधिकारियों ने जांच कराई जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोप तय हुए कई कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया कई कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दे दिए गए खंड शिक्षा अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन स्तर को पत्र भेज दिया गया उसके बाद अचानक गबन की रकम सिकुड़ कर 7 लाख 42 हजार रुपए कैसे हों गयी यह अलग जांच का विषय है लेकिन सबसे अहम बात यह है कि इस मामले में तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी और वर्तमान बेसिक शिक्षा अधिकारी पर मुकदमा दर्ज करा कर उन्हें निलंबित नही किया गया उनके खिलाफ शासन को पत्र नहीं भेजा गया है आम जनता योगी सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठा रही है कि सरकारी रकम में गबन करने वाले पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी और वर्तमान बेसिक शिक्षा अधिकारी पर मुकदमा दर्ज कराते हुए उनकी गिरफ्तारी कराते हुए सरकार की रकम में गबन करने वाले के घर पर योगी सरकार का बुलडोजर कब चलेगा जबकि छोटे-छोटे मामले में योगी सरकार के अधिकारी बुलडोजर लेकर गरीब कमजोर के घर गिराने को दौड़ रहे हैं

[01/12, 19:17] +91 99191 96696: *सीएम को लगातार गुमराह कर रहे हैं कौशांबी के अधिकारी*

*कौशाम्बी* जिले की हकीकत के बजाय मुख्यमंत्री को गुमराह करने के मामले में अब अधिकारी अभ्यस्त हो चुके हैं जिससे आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है आम जनमानस के साथ छलावा कर अधिकारी मुख्यमंत्री को झूठी रिपोर्ट भेजकर गुमराह करने से भय नहीं खा रहे हैं जिससे योगी सरकार की योजनाएं जमीनी हकीकत में नहीं पहुंच पाती है और आम जनता दर-दर पर ठोकर खाने को विवश है जिसका नतीजा यह है कि दिनोदिन आम जनमानस के बीच योगी सरकार की लोकप्रियता घट रही है ताजा मामला कड़ा विकासखंड क्षेत्र के हब्बू नगर की सुग्गी देवी पत्नी रमेश कुमार पासी और श्रीमती पत्नी रत्तू पासी निवासी हब्बू नगर के अधूरे आवास पर पूर्ण आवास निर्माण की सूचना मुख्यमंत्री को भेज कर उन्हें गुमराह कर झूठी सूचना भेजने के मामले में अधिकारियों के झूठे कारनामों को खोलने के लिए पर्याप्त है

विकासखंड कड़ा क्षेत्र की सुग्गी देवी और श्री मती को वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ यह आवास नवंबर 2022 तक पूर्ण नहीं हो सका है ग्राम प्रधान अधिकारियों के नाम पर रकम मांग रहे हैं प्रधान द्वारा कुछ रुपए छीन लिया गया है शेष रकम न मिलने पर ग्राम प्रधान मकान निर्माण में बाधक है जिसके चलते दोनों महिलाओं के पीएम आवास का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय ने 23 जुलाई 2022 को आवास लाभार्थी को पत्र भेजकर आवास योजना का लाभ प्राप्त होने पर बधाई दी है और लिखा है कि इस योजना के माध्यम से बनाए गए अपने घर में आप सपरिवार सुविधाजनक माहौल में रह रहे होंगे अब सवाल उठता है कि जब आवास कंप्लीट नहीं हुआ तो महिलाएं प्रधानमंत्री आवास में कैसे सुविधाजनक तरीके से रहती होगी इससे साफ जाहिर है कि मुख्यमंत्री को आवास की जो सूची भेजी गई है वह झूठी है मुख्यमंत्री की जानकारी में कौशांबी के आवास के निर्माण पूर्ण हो चुके हैं लेकिन बड़े अधिकारी भी झूठी सूचना के मामले में इतने गंभीर नहीं है झूठी सूचना देने वाले खंड विकास अधिकारी कड़ा और उनके सहायकों पर मुकदमा दर्ज करा कर उन पर विभागीय कार्रवाई करने को अभी तक अधिकारियों ने बीड़ा नहीं उठाया है जिससे अधिकारियों की मंशा पर भी सवाल उठना लाजमी है

[01/12, 19:17] +91 99191 96696: *गाली बाज हुई कड़ा धाम कोतवाली पुलिस*

*कौशाम्बी* पुलिस अधिकारियों के यहां फरियादियों की शिकायत करने के बाद कड़ा धाम कोतवाली पुलिस उत्तेजित हो जाती है उसे पुलिस अधिकारियों के नाम से चिढ़ है या फिर अपराधियों से उसकी गहरी सांठगांठ होती है यह बड़ी जांच का विषय है हब्बू नगर की सुग्गी देवी और श्रीमती ने 28 नवंबर को एसपी कार्यालय में शिकायती पत्र देकर ग्राम प्रधान पर मुकदमा दर्ज कराए जाने की मांग की थी एसपी कार्यालय ने मामले को कड़ा धाम कोतवाली पुलिस के पास भेजा जैसे ही कड़ा धाम कोतवाली को शिकायती पत्र मिला उसने महिला को फोन करके बुला लिया थाने पहुंचने के बाद महिला के साथ गाली गलौज अभद्रता कड़ा धाम कोतवाली पुलिस ने की है पुलिस ने तहरीर बदलने का दबाव बनाया और जबरदस्ती कोतवाली पुलिस ने दूसरी तहरीर लिखवा कर महिला से अंगूठा हस्ताक्षर करा लिया है कड़ा धाम कोतवाली पुलिस से छूटने के बाद महिला फिर 01 दिसंबर को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची है और कड़ा धाम कोतवाली पुलिस के अत्याचार आतंक को बताते हुए न्याय दिलाने की मांग की महिला की बात सुनने के बाद पुलिस अधीक्षक ने संपूर्ण प्रकरण की जांच क्षेत्राधिकारी सिराथू को सौप दी है

[01/12, 19:17] +91 99191 96696: *सहकारी समितियों वा बीज गोदाम से गायब हो गए गेहूँ के बीज*

*बीज बोने के समय किसान महंगे दामों पर बाजार से बीज खरीदने पर विवश*

*कौशांबी* सरकार अनुदान में किसानों को बीज उपलब्ध कराती है लेकिन खेतों की बुवाई के पहले ही सरकारी समितियों और बीज गोदाम केंद्रों से बीज गायब हो गए हैं जिससे जिले में गेहूं की बुवाई बाधित है पूरे जिले के लाखों किसान गेहूं के बीज के लिए सरकारी समितियों और सरकारी केंद्रों में बीज पाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं लेकिन गेहूं का बीज नहीं मिल रहा है जिले से गेहूं का बीज गायब हो जाने के बाद जिला कृषि अधिकारी और उप निदेशक कृषि अपनी डफली बजा कर मौज कर रहे हैं सूत्रों की माने तो गेहूं बीज की कालाबाजारी से कृषि अधिकारी मालामाल हो चुके हैं जिससे उन्हें किसानों की मुसीबत की चिंता नहीं है खुले बाजार में घटिया क्वालिटी के महंगे दामों में गेहूं के बीज मिल रहे है जिससे किसानों के खेत में उपज की पैदावार अच्छी नहीं होती अच्छी पैदावार ना होने से किसान बाजार के बीज लेकर खेत की बुवाई नहीं करना चाहते लेकिन पूरा अक्टूबर और नवंबर का महीना बीत चुका है लेकिन सहकारी समितियों और बीज गोदाम में गेहूं बीज किसानों को नहीं मिल पा रहा है पूरे वर्ष बीज वितरण की अधिकारी योजना बनाते हैं मीटिंग के नाम पर मौज मस्ती करने वाले अधिकारी बीज वितरण की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं कर पाए जिससे किसानों के सामने मुसीबत का पहाड़ खड़ा है अधिकारी से लेकर बीज गोदाम और सहकारी समितियों के जिम्मेदार समय व्यतीत कर बीज वितरण की वाहवाही लूट लेना चाहते हैं समय रहते बीज वितरण की जांच हो गई तो कई लोगों पर कठोर कार्रवाई होना तय है

जिले के लगभग सभी सरकारी समितियो और बीज केंद्र से गेंहूँ के बीज गायब हो चुकें है खेत बुआई के समय बीज ना होने से किसान बाजार से महंगे दामों पर बीज खरीदने के लिए विवश है अब किसानों को जिले के आला अधिकारी से उम्मीद है कि सरकारी समितियों व केंद्र में बीज उपलब्ध कराए सवाल उठता है कि बीज बुवाई के समय पर क्या किसानों को जिले के आला अधिकारी सब्सिडी के साथ गेहू के बीज उपलब्ध करा पायेगें या फिर कृषि विभाग के अधिकारी किसानों के साथ छलावा कर बीज की कालाबाजारी करने वाले लोगों से सांठगांठ कर मालामाल होते रहेंगे

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