October 28, 2025

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हरिद्वार10दिसम्बर2022*अन्याय का विरोध नहीं ,न्याय का समर्थन जरूरी है - श्री अरविन्द अंकुर जी*

हरिद्वार10दिसम्बर2022*अन्याय का विरोध नहीं ,न्याय का समर्थन जरूरी है – श्री अरविन्द अंकुर जी*

हरिद्वार10दिसम्बर2022*अन्याय का विरोध नहीं ,न्याय का समर्थन जरूरी है – श्री अरविन्द अंकुर जी*

*कोई एक संगठन संगठन तो होना ही चाहिए धरती पर जो न्याय की स्थापना के लिए काम करता हो। ऐसे ही संगठन का नाम है न्यायधर्मसभा- अंकुर जी*

*आने वाले कुछ वर्षों में ही धुल जायेगी धरती और साफ़ हो जायेगी गंदगी – चन्द्रसेन शर्मा*

हरिद्वार। वर्तमान में हजारों संगठन और राजनैतिक दल केवल अन्याय का ही विरोध कर रहे हैं। न्यायधर्मसभा के अतिरिक्त संसार में एक भी संगठन न्याय के पक्ष में खड़ा दिखाई नहीं देता। सब के सब केवल अन्याय के विरोध में ही खड़े दिखाई पड रहे हैं।

किन्तु न्यायधर्मसभा केवल न्याय की स्थापना के लिए काम करती है।
क्योंकि अन्याय का विरोध करने के लिए दूसरे बहुत से संगठन हैं।
अन्याय के विरोधी बहुत हैं, लेकिन न्याय के समर्थकों का अभाव है।

111 न्यायप्रस्तावों के प्रतिपादक श्री अरविंद अंकुर जी ने कहा संसार में प्रायः सभी संगठन अब तक अन्याय का ही विरोध करते आये हैं। लेकिन आज तक अन्याय मिटा नहीं।
क्योंकि अंधकार का विरोध करने से अन्धकार मिटता नहीं। बल्कि उसका विरोध करने वाले ही मिट जाते हैं। और अन्याय रूपी अंधकार ज्यों का त्यों बना रहता है।
विगत हजारों वर्षों का इतिहास इस बात का साक्षी है।
अन्याय रूपी अन्धकार को मिटाने के लिए न्याय का प्रकाश ही जलाना पड़ता है। अन्धकार को मिटाना नहीं पड़ता। प्रकाश की उपस्थिति से अन्धकार स्वतः मिट जाता है।
लेकिन जो भी संगठन अन्याय का विरोध कर रहे हैं, हम उनको रोकते नहीं। वे अपना विरोध जारी रखें। इस बीच में न्यायधर्मसभा अपने न्याय स्थापना अभियान को इसकी मंजिल तक पहुंचा देगी।
अत: न्यायधर्मसभा न्याय को स्थापित करने में ही अपनी सारी ऊर्जा को लगाएगी। अन्याय के विरोध में नहीं। क्योकिं अन्याय के विरोध का काम तो बाकी लोग हजारों वर्षों से कर ही रहे हैं और वे अपनी सारी ऊर्जा को अन्याय के विरोध पर ही व्यय कर रहे हैं। ऐसे में कोई एक संगठन तो होना ही चाहिए धरती पर जो न्याय की स्थापना के लिए काम करता हो। ऐसे ही संगठन का नाम न्यायधर्मसभा है।

न्यायधर्मसभा का न्याय स्थापना अभियान एक महान पवित्र सत्कार्य है।
यदि मूर्ख लोग इसे नहीं समझ सके और धूर्त लोग इसे समझकर भी नहीं किए तो यह सत्यात्मक न्याय की स्थापना का कार्य आधिदैविक और आध्यात्मिक शक्तियों द्वारा उचित समय पर संपन्न किया जाएगा।
तब उससे बच कर निकलना सम्भव नहीं रह जाएगा।
दुनिया के सभी मूर्ख और धूर्त लोग विवश होंगे सत्य के समक्ष ।
इन अन्यायकारियों और न्यायविरोधियों की संख्या 5 प्रतिशत से अधिक नहीं है।
सत्य के पक्षधर तो 95 प्रतिशत लोग आज भी विश्व में विद्यमान हैं।

राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी चन्द्रसेन शर्मा ने कहा न्यायधर्मसभा द्वारा दशकों पूर्व से प्रस्तावित डिजिटल करेंसी सिस्टम को स्वीकार न करने वाले लोग आज उसी का गुण गाने और उसी को सहर्ष अपनाने को विवश हो रहे हैं। आने वाले कुछ वर्षों में ही धुल जायेगी धरती और साफ़ हो जायेगी गंदगी ।
केवल डिजिटल करेंसी ही सब पाप के घड़े फोड़ डालेगी ।

अब भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया कैशलेस होकर ही रहेगी।
नोटों और सिक्कों का फर्जी साम्राज्य पूर्णतः समाप्त हो जायेगा।
और तब दुनिया स्वतः पवित्र हो जायेगी।
न बचेगा भ्रष्टाचार
न बचेगा कालाधन
न बचेगी नकलीमुद्रा
न बचेगी टैक्सचोरी
न बचेगा अन्य कोई भी मौद्रिक अपराध
अब कहाँ जाओगे भागकर बेईमानों
अब नहीं चलेगी कोई दादागीरी
न चलेगी कोई गन्दी राजनीति
न चलेगी कोई गुंडागर्दी
न चलेगा कोई आतंकवाद
न होगा कोई गबन घोटाला

राष्ट्रीय अध्यक्ष सम्यक मिश्रा जी ने अवगत कराया कि न्यायधर्मसभा पार्टी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी का घोषणापत्र जन जन तक पहुँचाने का कार्य तेजी से चल रहा है ।

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