जोधपुर05जुलाई23*गोडसे ने पांव छूकर महात्मा गांधी को गोली मारी थी, गोडसे के चेले बरसों से महात्मा गांधी को फूल चढ़ा-चढ़ाकर गाली दे रहे हैं।
क्या इससे महात्मा गांधी के वजूद पर कोई असर पड़ेगा? संघी सौ सालों से सूरज पर थूक रहे हैं जो बार-बार लौटकर उनके मुंह पर आता है, लेकिन ये शरम हीन और निकृष्टता है इनमे कि मानते नहीं।*
*गिरिराजसिंह केंद्रीय मंत्री, जो इस देश की शान पर धब्बा हैं, महात्मा गांधी के हत्यारे को देशभक्त बता रहैं है। इससे पहले कई जाने माने भाजपा नेता गोडसे को देशभक्त बता चुके हैं। ये सब संघ, भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के अंधभक्त लोग हैं।*
*प्रधानमंत्री मोदी अभी जापान गए थे तो महात्मा गांधी जी की प्रतिमा के सामने फोटोशूट करा रहे थे। कुछ दिन बाद अमेरिका जाएंगे तो अपने को महान बताने के लिए महात्मा गांधी के नाम का इस्तेमाल करेंगे।*
*दरअसल, आरएसएस और भाजपा की विचारधारा के लोग कायर हैं, वरना देश में महात्मा गांधी जी के हत्यारे को देशभक्त बताने वाले लोग अमेरिका और जापान जाकर वे ये कहने की हिम्मत करते कि मैं कायर हत्यारे गोडसे के देश से आया हूं। मैं गोडसे का ही वारिस हूं। है हिम्मत?*
*जो महात्मा गांधी अमेरिका कभी नहीं गए, उनकी भारत के बाद सबसे ज्यादा मूर्तियां, स्मारक और संस्थायें अमेरिका में ही हैं। अमेरिका में गांधी जी की दो दर्जन से ज्यादा से प्रतिमाएं और एक दर्जन से ज्यादा सोसाइटी और संगठन हैं। क्या प्रधानमंत्री मोदी वहां जाकर यह कहने की हिम्मत कर सकते हैं कि गांधी का हत्यारा देशभक्त था अगर नहीं तो वे देश में ऐसे लोगों को संरक्षण क्यों दे रहे हैं?*
*महात्मा गांधी भारत के अकेले ऐसे नेता रहे हैं, जिनकी दुनिया के 84 देशों में मूर्तियां लगी हैं। पाकिस्तान, चीन से लेकर छोटे-मोटे और बड़े-बड़े देशों तक में बापू महात्मा गांधी जी की मूर्तियां स्थापित हैं। उनके जन्मदिवस पर पूरी दुनिया अहिंसा दिवस मनाती है। महात्मा गांधी जी की हत्या के 21 साल बाद ब्रिटेन ने उनके नाम से डाक टिकट जारी किया। इसी ब्रिटेन से भारत ने महात्मा गांधी जी की अगुआई में आज़ादी हासिल की थी।*
*अलग-अलग देशों में कुल 48 सड़कों के नाम महात्मा गांधी के नाम पर हैं। भारत में 53 मुख्य मार्ग गांधी जी के नाम पर हैं। गांधी जी द्वारा शुरु किया गया सिविल राइट्स आंदोलन कुल 4 महाद्वीपों और 12 देशों तक पहुंचा था।*
*अपने वक़्त के महान वैज्ञानिक आइंस्टीन ने कहा था कि “कुछ सालों बाद लोग इस बात पर यकीन नहीं करेंगे कि महात्मा गांधी जैसा शख्स कभी इस धरती पर हाड़ मांस का शरीर लेकर पैदा हुआ था।”*
*नेल्सन मंडेला से लेकर मार्टिन लूथर किंग तक महत्मा गांधी जी के मुरीद थे, बराक ओबामा जैसे तमाम वर्ल्ड लीडर आज भी महात्मा गांधी जी के मुरीद हैं। अफ्रीका जैसे कई देशों ने महात्मा गांधी जी के आदर्शों और रास्तों से आंदोलन चलाया और आज़ादी हासिल की। यहां तक कि दुनिया के कई देश महात्मा गांधी जी की इज्जत करते हैं। कई निकृष्ट नेता भी महात्मा गांधी जी का अपमान करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते।*
*महात्मा गांधी जी का यह कद जनता का पैसा फूंककर हाउडी-हाउडी मोदी जैसा लबरपन करके हासिल नहीं किया गया है। दुनिया ने खुद उनकी पहचान की कि वे एक महान विचारधारा वाले महात्मा गांधी हैं। पूरे ब्रम्हांड में एक ये संघी हैं जिनकी सौ साल की एकमात्र वैचारिक उपलब्धि महात्मा गांधी जी की हत्या है, इनको आज भी महात्मा गांधी जी से बड़ी समस्या है।*
*इनसे कोई पूछे कि अगर गोडसे देशभक्त था तो महात्मा गांधी जी क्या थे? एंटी नेशनल? उनके मुरीद सुभाष चंद्र बोस, उनके शिष्य जवाहर लाल नेहरू, पटेल जी और शास्त्री जी क्या थे? उनके नेतृत्व में चला राष्ट्रीय आंदोलन क्या था? देशद्रोह? और अंग्रेजों को भेद देने वाले गद्दार संघी कौन थे? देशभक्त? ये अंग्रेजों के पालतू ____ महात्मा गांधी को प्रमाणपत्र देने निकले हैं। जो आज गोडसे को देशभक्त बता रहे हैं, इनकी खुद की देशभक्ति क्या है इन्होंने इस देश और समाज का क्या दिया सिवाय नफरत और हिंसा के?*
*इस देश का प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी इस देश के साथ क्या कर रहें हैं ? वह ऐसे लोगों को संरक्षण क्यों देते है जो महात्मा गांधी को गालियां देते हैं और उनके हत्यारे गोडसे का महिमामंडन करते हैं?*
*दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी स्वयं झूठे फरेबी आदमी हैं। अगर वे देश में नाथूराम के चेलों को लेकर सरकार चला रहे हैं, उसका महिमामंडन कर रहे हैं तो बाहर जाकर महत्मा गांधी जी को पूजने का पाखंड क्यों करते हैं? अगर वे महात्मा गांधी जी का सम्मान करते हैं तो उन्हें गाली देने वाले अपने इन चमचो पर कार्रवाई क्यों नहीं करते?*
*प्रधानमंत्री मोदी को चाहिए कि उनकी पार्टी के हत्यारे के भक्तों की तरह वे भी हिम्मत करें और अमेरिका जाकर कहें कि मैं महात्मा गांधी जी का नहीं, गोडसे का वारिस हूं। लेकिन वे कायर हैं।*
*क्षुद्र और सांप्रदायिक मानसिकता वाले करोड़ों लोग मिलकर महत्मा गांधी जी को रोज गालियां दें तो महत्मा गांधी जी का क्या बिगड़ेगा? महात्मा गांधी के साथ सबसे खूबसूरत बात ये है कि उन्होंने जिनसे लड़ाइयां लड़ीं, उन्हें ही अपने सामने झुकाया। अंग्रेजों को भी। वे जिन अंग्रेजों से लड़े, उन्हीं अंग्रेजों ने उनकी महानता स्वीकार भी की और दुनिया को बताया भी कि यह आदमी बाकी दुनिया से परे है, असाधारण।*
*जिन अंग्रेजों के लिए संघी जासूसी करते थे, वे संघियों के आका भी महत्मा गांधी जी के सामने शीश नवाने को मजबूर हुए। लेकिन संघियों और संघ के समर्थक चमचो की कुंठा क्या है, ये समझ से परे है। उनका यह कुंठा प्रदर्शन इस देश को सिर्फ बदनाम कर सकता है। महत्मा गांधी फिर भी महत्मा गांधी जी ही रहेंगे। अहिंसक, सत्याग्रही और मानवता के पुजारी महात्मा गांधी।*
*गोडसे के अभिशप्त नफरती चेलों, हमें तुम्हारी बुद्धि पर तरस आता है।*
ये राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साहब की सरकार द्वारा महात्मा गांधी एक महान पुरुष थे हैं रहेंगे के लिए इसके शांति और अहिंसा विभाग के निदेशक पद पर श्री मनीष शर्मा जी की देखरेख में विभाग कई सेमिनार करवाता है जिससे महात्मा गांधी जी ने किस किस तकलीफ में देश को अंग्रेजों से आजाद करवाने में कितनी कुर्बानियां दी पता चल सके महात्मा गांधी जी की पत्नी कस्तूरबा गांधी जिन्हे लोग प्यार से बा कहते थे उन्होंने भी महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलवाया गांधी जी के साथ हर कदम साथ रही ये सब शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए ही हमे सभी कार्य करने है के किए जोधपुर के संयोजक श्री अजय त्रिवेदी जी भी हर समय समय पर जोधपुर में जागरूक करते रहते है सहसंयोजक श्री शिवकरण जी सैनी का भी सदा ही सहयोग रहता है गांधी जी की छवि जिस तरह से विरोधी पेश करें उसका विरोध शांति अहिंसा के मार्ग से ही चलकर किया जाए और सह संयोजक रावल चंद माली जी अक्षय गहलोत जी इकबाल मौलानी जी श्री रविन्द्र सिंह सोलंकी जी उषा गर्ग द्वारा घर घर या नुक्कड़ में जहां मिले चर्चा की जाती है जिस प्रकार
*महात्मा गांधी जी बापू की जय!*उषा गर्ग गैर सरकारी सदस्य शांति और अहिंसा विभाग जोधपुर
🇮🇳🇮🇳🇮🇳
More Stories
हरिद्वार24जून25*शीघ्र ही होगा पूरे भारतवर्ष में भारतीय किसान यूनियन हरियाणा का साम्राज्य-चौ0 जोगेंद्र नैन।
मिर्जापुर: 24जून 25 *एसडीम सदर गुलाब चन्द्र के द्वारा रिकवरी अभियान*
भागलपुर24जून25एक बुजुर्ग माँ को जीने खाने रहने का अधिकार मिला मानवाधिकार के सहयोग से