औरैया10अप्रैल*हवन पूजन के साथ नवदुर्गा का हुआ समापन*
*नवदुर्गा नवमी तिथि को श्रद्धालु भक्तगणों ने किया मां सिद्धिदात्री का पूजन- बंदन*
*भक्तगणों ने देवी दरबार में मंदिरों पर हवन के साथ चढ़ाए झंडा व जवारे, हुए भंडारे*
*औरैया।* चैत्र वसंतिक नवदुर्गा के अवसर पर रविवार नवमी तिथि को श्रद्धालु भक्तगणो ने देवी मां की पूजा-उपासना व व्रत एवं अर्चन-वंदन के साथ देवी मंदिरों पर पहुंचकर मां दुर्गा के नौवे स्वरूप मां सिद्धिदात्री से मन्नते मांगी एवं उनका शुभ आशीष प्राप्त करने के लिए जवारे एवं झंडा व डला आदि चढ़ाए। नौमी तिथि होने के कारण बहुतायत संख्या में श्रद्धालु भक्तजनों ने देवी दरबार में सुबह से ही हवन पूजन का 9 दिनों तक चलने वाली व्रत का पारायण किया, इसके साथ ही घरों में भी मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की। कुछ श्रद्धालुओं ने रात्रि जागरण कर अचरी व लगुरियां आदि गाकर जगराता किया। इसके साथ ही कुछ मंदिरों पर भंडारे का आयोजन हुआ जबकि कुछ मंदिरों पर प्रसाद स्वरूप हलवा खीर व चना आज का वितरण किया। इसके अलावा मंदिरों पर पुलिस व्यवस्था चाक-चौबंद रही।
शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर शेरगढ़ घाट कालिंद्री के समीप दुर्गम बीहड़ में स्थित मां मंगला काली मंदिर के अलावा शहर में स्थित मोहल्ला बनारसी दास स्थित महामाया काली माता मंदिर, महावीर गंज स्थित मां भवानी काली माता मंदिर, नरायनपुर स्थित गमा देवी एवं संतोषी माता मंदिर तथा पढीन दरवाजा स्थित बड़ी माता मंदिर व शीतला माता मंदिर के साथ ही रुहाई मोहाल में विंध्यवासिनी मंदिर एवं फूलमती मंदिर के अलावा क्षेत्र के ग्राम खरका गढ़धाम स्थित गढीमाता में कुलदेवी बड़ी माता तथा छोटी माता के अलावा बेला खेरे (बसंतपुर) स्थित बेला खेरे माता (बूढ़ी माता) मंदिर समेत विभिन्न देवी मंदिरों पर श्रद्धालु भक्तजनों ने पहुंचकर देवी के दर्शन किए। इसके साथ ही पूजन-अर्चन के साथ ही मन्नते मांगी। देवी दर्शन का सिलसिला सुबह से शुरू होकर देर शाम तक चलता रहा। देवी के विभिन्न मंदिरों पर श्रीमद् भागवत कथाएं सुदामा चरित्र के साथ संपन्न हो गई। नवमी तिथि रविवार को मंदिरों पर हवन-पूजन के साथ समापन किया गया। 9 दिन तक व्रत रखने वाले श्रद्धालु भक्तगणों ने दही जलेबी आदि खाकर व्रत का परायण भी किया। इसके साथ ही घरों में स्थापित की गई देवी मां के दरवार में श्रद्धालु भक्तगणों ने मनवांछित फल प्राप्त करने के लिए मां दुर्गा के नौवे स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना कर अनुष्ठान के किये। महिलाओं ने मंदिर पर देवी दरबार में ढोल की धुन पर भजन कीर्तन भी गाए तथा नृत्य किया। आपको बताते चलें कि इस वर्ष शहर के बड़ी माता मंदिर के अलावा गिने-चुने मंदिरों पर ही भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालु भक्तगणों ने प्रसाद छका। अधिकतर मंदिरों पर हलुवा व चना एवं खीर प्रसाद के रूप में वितरित की गई । जिले के विभिन्न कस्बों व ग्रामीणांचलों में देवी मंदिरों पर श्रद्धालु भक्तगणों के द्वारा पूजा-अर्चना किए जाने के समाचार प्राप्त हुए हैं। श्रद्धालु भक्तगणों ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया। पढ़ीन दरवाजा स्थित शीतला माता मंदिर पर मंदिर के पुजारी अनिल कुमार पांडे , श्रीकृष्ण बाथम , संजू चौबे ,रंगे तथा भंडारी का विशेष सहयोग रहा है। इस तरह से 9 दिनों तक चलने वाला दुर्गा उत्सव विधिवत संपन्न हो गया। नवरात्रि के अवसर पर देवकली मंदिर समेत शहर के विभिन्न देवी मंदिरों पर पुलिस व्यवस्था पूरी तरह से सुरक्षा की दृष्टि से चाक-चौबंद रही। पुलिस की मुस्तैदी के कारण किसी भी मंदिर पर कोई घटना नहीं कर सकी। इसके लिए श्रद्धालु भक्तगणों एवं जनता के लोगों ने पुलिस प्रशासन की सराहना की है।
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