औरैया 19 जून *अग्निवीर बने हैं देश दुश्मन कैसे बनेगे ररववाले-*कवि सुनील त्रिपाठी*
*फफूँद,औरैया।* शनिवार की रात हृदय वाटिका में स्व०पं०हृदय नारायण शुक्ला की पुण्य स्मृति पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में आये हुए कवियों ने श्रोताओं को अपनी काव्य पाठ से मंग्ध मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में कवियों ने व्यंग रस, श्रृगार रस, ओज रस, हास्य रस, वीर रस, का काव्य पाठ प्रस्तुत कर रातभर तालिया बटोरी। नगर के ख्याली दास आश्रम के पास स्थित हृदय वाटिका प्रागंण में अख़िल भारतीय कवि सम्मेलन में माँ सरस्वती की प्रतिमा पर फूलमाला चढ़ा कर कार्यक्रम का आगाज किया गया। इसी बीच औरैया नगर पालिका परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि लालजी शुक्ला ने कवियों को शाल ओढा़कर सम्मानित किया और समाजसेवी राम कुमार अवस्थी ने पं० हृदय नारायण शुक्ला के चित्र पर फूलमाला चढ़ाकर उन्हें श्रदाजलि अर्पित की। कवि सम्मेलन का शुभारम्भ आगरा से पधारी कवित्री रूचि चतुर्वेदी ने माँ सरस्वती की वदना से किया।
इसके बाद उन्होने अपना काव्य पाठ करते हुए कहाकि तुलसी दल से सजी राधिका, हर्द जीवन बसी कृण्ण की बांखुरी। एक अंगुली पे गिरराज को धर लिया , दस की दस अंगुलियो से बजी बांसुरी। तेरे प्रेम की ओढ़ चुनारिया डोल मन के गाऊ रे, कागा मेरी बैठ अटारी बोले कांव- कांव रे, राहे निहारू कब से तेरी बैठी पीपल छाँव रे, सूरज के रंग चढ़ कर घर पर रोज सवेरा आता है, चन्द्रा चंदनिया संग मधुर गीत सुनाकर जाता है, अम्बर भी धरती को अपनी प्रीत के गीत सुनाता है, आसू सावन हो जाते ये व्याकुल मन अकुलाता है। जनपद एटा से पधारी कवित्री योगिता चौहान ने अपनी कविता सुनाते हुए कहाकि दिल है टूटा तो गाने से क्या फायदा, जख्म दिल के दिखाने से क्या फायदा, अब बैहक जो गये हैं तुम्हारे कदम, फिर ये पलके बिछाने से क्या फायदा। जाने माने कवि शिव गोपाल अवस्थी ने अपनी कविता में कहाकि जिन्हें जाना था विद्यालय वो मंजिरा में जाते है, जिन्हें गाना था जन-गण- मन वो फिल्मी गीत गाते है, बिछा सकते नही जो प्रेम की एक भी चादर वही वारूद मन्दिर में मस्जिद में बिछाते है। लखनऊ से पधारी कवित्री शशि श्रेया ने अपनी कविता के माध्यम से कहाकि नही तिरंगा झुकने देना अंगद जैसे अड़ जाना, जैसे चेतक चढ़ा शत्रु की छाती पर तुम चढ़ जाना, जंग छिड़े तो रण में लक्ष्मी बाई बन कर अड़ जाना, इसी लिए मै हाथों में तलवार उठाकर निकली हूँ, अमर तिरंगा नील गगन में फैराने निकली हूंँ , मै किसान बाबा की बातें सत्य बनाने निकली हूँ। सुनील त्रिपाठी ने अपनी कविता प्रस्तुत करते हुए कहाकि अग्निवीर बने है देश के दुशमन कैसे बनेगे रखवाले, देश कैसे रौद रहे है यह कैसे है मतवाले। कवि सतीश मधुर, प्रख्यात मिश्र, अमरनाथ दीक्षित के काव्य रस से रात भर तालियों से पंड़ाल गूजता रहा।कार्यक्रम आयोजक व नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि अनुराग शुक्ला ने कोराना काल में स्वास्थ्य सेवायें देने वाले मेडिकल संचालको कॊ शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी हरिओम शुक्ला ने की। इस मौके पर दया नारायण शुक्ला, इन्ददेव नारायण शुक्ला, पंकज शुक्ला, अभिषेक शुक्ला, कृपा शंकर शुक्ला, उधम चन्द अग्रवाल आदि समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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