झांसी 02 दिसंबर *। संगीत मय श्रीमद्भागवत कथा जारी ।
ग्राम बरुआमाफ में चल रही संगीत मय श्रीमद्भागवत कथा में सुदामा चरित्र का मार्मिक वर्णन करते हुए भागवताचार्य पं मोतीलाल महाराज ने कहा की भगवान से प्रेम करने वाला कभी भी भगवान के सामने अपना दुख दर्द बयां नहीं करता है। और जब सुदामा पर गरीबी की विपत्ति आई तो वह भगवान के पास नही जाना चाहते थे। लेकिन पत्नी के कहने पर उन्होंने बचपन के बाल सखा द्वारकाधीश से मिलने को भेजा और जब सुदामा वहां पहुंचे तो द्वारपालों ने उन्हें महलों के अंदर नहीं जाने दिया। तब सुदामा ने कहा कि हमारे प्रभु से कह दो कि सुदामा आए है। इतना सुनते ही भगवान नंगे पैर अपने मित्र से मिलने चले आए और सुदामा जी से लिपटकर रोने लगे ले फिर भी सुदामा ने अपने लिए द्वारकाधीश से कुछ नही मांगा परंतु भगवान तो भगवान है वह सब समझ गए जिससे अपने मित्र की सहायता करके उन्होंने अपनी बराबरी पर लाकर मित्रता की मिसाल पेश की। जबकि कलयुग में ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण कभी भी किसी का बुरा चाहने वाला कभी नही होता है फिर भी कलयुग में सबसे अधिक लोग ब्राह्मणों की निदा करने लगे है। इस दौरान राजेश महाराज, पारीछत माना देवी रमेशचंद, ब्रजलाल, परशुराम , कल्लू कुशवाहा, रज्जन, हल्काई , बालकिशन, टन्टू ठेकेदार , अखलेश, छत्रपाल कुशवाहा, सोनू ,दीपू ,नरेन्द्र कुशवाहा , रामकिशोर, अनिल , करन, अर्जुन , रूपेन्द्र अहिरवार आदि मौजूद रहे। पुराण की आरती कथा यजमान ने उतारी।
झांसी से सुरेन्द्र द्विवेदी की रिपोर्ट यूपी आजतक।
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