November 17, 2025

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भोपाल24अक्टूबर25*कार्बाइड बंदूक से दिवाली हुई काली! MP में कई लोगों की गई आंखों की रोशनी,

भोपाल24अक्टूबर25*कार्बाइड बंदूक से दिवाली हुई काली! MP में कई लोगों की गई आंखों की रोशनी,

भोपाल24अक्टूबर25*कार्बाइड बंदूक से दिवाली हुई काली! MP में कई लोगों की गई आंखों की रोशनी, 100 से ज्यादा अस्पताल में भर्ती*

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भोपाल*मध्य प्रदेश में इस बार दिवाली पर कई घरों की रोशनियां चली गई और अब तक करीब 300 लोगों की आंखों को नुकसान पहुंचा है. इसका सबसे ज्यादा मामला एमपी की राजधानी भोपाल से आया है, जहां 162 से ज्यादा लोगों की आंखों की रौशनी प्रभावित हुई है. इसकी वजह बनी पटाखे और खासतौर पर कैल्शियम कार्बाइड गन बनी है. इस गन ने 300 से अधिक बच्चे ओर युवाओं की आंखों की रौशनी छीन ली है. हालांकि, इन घटनाओं के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है और आदेश जारी कर कार्बाइड पाइप गन की बिक्री, खरीद के अलावा स्टॉक रखने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. दीपावली से पहले 18 अक्टूबर को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और सीएस अनुराग जैन ने आदेश दिए थे कि दिवाली पर सस्ती कैल्शियम कार्बाइड गन को बिकने ना दें. उसके बाद भी रौशनी छीनने वाली गन बाजारों में खुलेआम बिकती रही. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर (ICMR) ने भी 2 साल पहले कार्बाइड गन को लेकर चेतावनी दी थी और रिसर्च में बताया था कैल्शियम कार्बाइड और पानी के केमिकल रिएक्शन से बनने वाली गैस एसिटिलीन सिर्फ धमाका नहीं करती, बल्कि आंखों की रौशनी तक छीन लेती है. इसके बावजूद सिस्टम में बैठे जिम्मेदारों ने कोई उचित कदम नहीं उठाए.
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300 लोगो की आंखों को नुकसान पहुंचने के बाद प्रशासन जागा है और कार्बाइड गन भोपाल समेत कुछ जिलों में बैन की गई है. भोपाल समेत कई जिलों में कार्बाइड गन बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू हो गई है. पुलिस ने आरोपी मोहम्मद ताहा को 10 किलो कार्बाइड और 4 पाइप गन के साथ गिरफ्तार किया है. इसी तरह ग्वालियर में भी एक युवक शाहिद अली को कार्बाइड गन बेचते पकड़ा गया है. सोशल मीडिया पर वायरल कार्बाइड गन को बनाने में प्लास्टिक की पाइप, गैस लाइटर और कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन, प्लास्टिक से बनी ये खतरनाक गन आंखों के लिए काल बन गई. गन को बनाने के बाद इसमें कैल्शियम कार्बाइड के साथ पानी डाला जाता है और पानी के संपर्क में आने से एसिटिलीन गैस बनाती, जो गैस लाइटर से निकली चिंगारी के संपर्क में आने तेजी से आवाज करती है. कई बार तेज आवाज से प्लास्टिक की पाइप फट जाती है और पाइप से निकले प्लास्टिक के छोटे टुकड़े छर्रे से कम नहीं होते हैं. ये आंखों, चेहरे और शरीर अन्य अंगों के अंदर घुसकर गंभीर चोटें पहुंचाते हैं. कई मामलों में तो स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि आंखों की रौशनी तक चली जाती है.