पूर्णिया बिहार14फरवरी 25*पूर्णिया की 255वीं वर्षगांठ पर विभिन्न कार्यक्रमों का एहतमाम
मोहम्मद इरफान कामिल यूपी आज तक चैनल पूर्णिया बिहार की रिपोर्ट।
D M कुंदन कुमार बोले-सबसे पुराने जिला का डीएम होना मेरे लिए फख्र की बात है।
पूर्णिया बिहार। आज पूर्णिया जिले के 255वां स्थापना दिवस समारोह को बड़े ही अदब व ऐहतराम एवं जोश व खरोश के साथ मनाया गया । स्थापना दिवस समारोह का आगाज़ मेराथन दौड़ से हुई। वहीं, प्रदर्शनी, स्वास्थ्य जांच, खेल आयोजन, विकास मेला, कृषि मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी एहतमाम किया गया। इस शुभ अवसर पर समाहरणालय से लेकर सरकारी दफ्तर और निजी प्रतिष्ठान दुल्हन की तरह सजाया गया था। स्थापना दिवस समारोह की इफ्तताह अहले सुबह के 7 बजे मैराथन दौड़ से हुई। जिसमें स्थानीय लोगों के साथ ही अधिकारी भी दौड़ते नजर आए। मैराथन दौड़ को डीएम कुंदन कुमार और एसपी कार्तिकेय के शर्मा ने हरि झंडी दिखाकर आगाज़। समारोह का मुख्य आकर्षण व्यंजन मेला है। जहां एक से बढ़कर एक वेराइटी के व्यंजन जो दिलकश नुमा बना हुआ नजर आ रहा था । इस मौके पर किसान मेला का भी आयोजन किया गया जहां किसान खेती के सामग्री खरीदनते नजर आ रहे थे । इस 255 पूर्णिया स्थापना दिवस के मौके पर प्रेक्षा गृह सह आर्ट गैलरी में सांस्कृतिक और सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जहां विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया। वहीं, शाम 5 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। खास मौके को देखते हुए आर्ट गैलरी परिसर में पुष्प सह उद्यान प्रदर्शनी लगाई गई । इसमें विभिन्न प्रकार के खूबसूरत व दुर्लभ प्रजाति के पुष्पों का प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें इच्छुक पुष्प से संबंधित व्यक्ति जो स्वयं बागवानी करने वाले अपने पुष्प वाटिका के साथ प्रतियोगिता में शामिल हवे। सर्वश्रेष्ठ पुष्प प्रदर्शनी पर जिला प्रशासन की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा। डीएम कुंदन कुमार ने बेइंतेहा खुशी का इजहार करते हुवे कहा कि मुझे इस बात का फख्र है कि मैं इस वक्त पूर्णिया का जिलाधिकारी हूं सबसे बड़ी खुशी इस बात से हो रही है कि देश के सबसे पुराने जिला पूर्णिया के जिला पदाधिकारी हूं। मौके पर डीएम कुंदन कुमार ने कहा कि 14 फरवरी 1770 को पूर्णिया जिला वजुद में आया था। उस वक्त यह बंगाल राज्य के अधीन था। जिले के पहले जिला सुपरवाइजर जी डुकरैल नियुक्त हुए। 1912 में बंगाल के विभाजन के बाद पूर्णिया जिला बिहार राज्य का हिस्सा बन गया। 1956 में राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश पर पूर्णिया जिले के कुल 913 गांवों के 759 वर्गमील क्षेत्र पश्चिम बंगाल में चला गया। इसी प्रकार पूर्णिया जिला से अलग होकर कटिहार, किशनगंज व अररिया जिला अस्तित्व में आया।
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