December 23, 2024

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औरैया 24 अक्टूवर* *करवाचौथ के अवसर पर जमकर बिकी बारूद, दिखा उत्साह*

औरैया 24 अक्टूवर* *करवाचौथ के अवसर पर जमकर बिकी बारूद, दिखा उत्साह*

*औरैया 24 अक्टूवर* *करवाचौथ के अवसर पर जमकर बिकी बारूद, दिखा उत्साह*

*प्रदूषण रहित बारूद का बाजार में हुआ आगाज* *आतिशबाजी चलने से पर्यावरण हो रहा प्रदूषित*

*औरैया।* करवाचौथ के अवसर पर प्रशासन द्वारा लाइसेंस धारक दुकानदारों को स्थानीय दर्शनीय स्थल मोहल्ला तिलक नगर में दुकानें लगाने की एक दिवसीय अनुमति प्रदान की गई। महंगाई का दौर होने के बावजूद बारूद की बिक्री जोरों पर रही। प्रदर्शनी स्थल पर लगी बारूद की दुकानों में कुछ एक दुकाने प्रदूषण मुक्त बारूद की भी थी, लेकिन महंगी होने के चलते बिक्री बहुत कम लग रही। बारूद चलने से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। इस पर अंकुश लगाया जाना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर है।
बारूद बिक्री के लिए कुछ लोगों ने प्रशासन से अस्थाई लाइसेंस स्वीकृत कराया है इसी के मद्देनजर प्रशासन ने बारूद बिक्री के लिए मोहल्ला तिलक नगर स्थित प्रदर्शनी स्थल को निर्धारित करते हुए बारूद लगाई जाने की अनुमति प्रदान की है रविवार को करवा चौथ के अवसर पर लाइसेंस धारकों ने अपनी-अपनी दुकानें सुबह से ही फिर दर्शनीय स्थल पर सजा ली। बारूद खरीदने के लिए शहर के विभिन्न मोहल्लों के लोग उपरोक्त स्थान पर पहुंचे तथा महंगाई के दौर में बारूद की मनमाफिक खरीददारी की है। दुकानदार विवेक चतुर्वेदी व इंद्रजीत ने बताया कि अनार 15 रुपए प्रति पीस, लाइट डिब्बी 20 से 30 रुपए, फूलझड़ी 10 से 25 रुपए, लैला मजनू 65 रुपए पैकेट , चकाई 15 से 80 रुपए , राकेट 80 रुपए , पटाखा पैकेट 5 से 10 रुपए के अलावा 30 स्टार 450 रुपए बिक्री के हैं। उपरोक्त बारूद स्थल पर प्रदूषण मुक्त बारूद की दुकान लगाये राज कुमार मिश्रा ने बताया कि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए उन्होंने प्रदूषण मुक्त बारूद की दुकान लगाई हुई है। जिसमें डोरेमोन बम व ग्रेनाइट बम उपलब्ध हैं। इन बमों में केवल आवाज होगी लेकिन धुआँ नहीं निकलेगा। जिनकी प्रति नग कीमत 10 रुपए है, लेकिन उनकी बिक्री बहुत कम हो रही है। बारूद की बिक्री कर रही दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों पर अग्निशमन यंत्र तथा पानी के अलावा सेनीटाइजर की व्यवस्था कर रखी थी। जिससे आकस्मिक घटना से बचाव किया जा सके। बारूद चलने से संक्रमण फैमिली की साथ ही पर्यावरण प्रदूषित होता है यह किसी से छिपा नहीं है इसके बावजूद बारूद चलाने का प्रचलन बंद होने का नाम नहीं ले रहा है शहर की वरिष्ठ संभ्रांत बुद्धिजीवियों एवं जागरूक नागरिकों का कहना है कि बारूद चलाने के प्रचलन पर रोक लगा पाना शासन व प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर है।

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