मथुरा18नवम्बर24*बेटियां बनी सर का ताज,अच्छी शिक्षा की नींव को मेहनत के पसीने से सींचकर बनाई खुद की पहचान
मथुरा। जीवन में अगर व्यक्ति सही मार्गदशक मिल जाए तो वह कैसे सफल हो सकता है। इसका जीता जागता उदाहरण है।हमारी उपाधिक्षक स्वेता वर्मा जिन्होने आज हमारे बीच अपने कुछ खास पल साक्षा किये।
आज की जनरेशन में महिला अपने आप को सिर्फ पिड़ित ही देखती है।और वो इसलिए कियुकि उसने अपने अंदर की शक्ति को महसूस ही नही किया।आज की युवा पीड़ी जो संघर्ष के समय ना लड़कर अपने जीवन रेखा को समाप्त कर देती है। ऐसे लोगो के लिए एक प्रेरणा बन कर आई स्वेता वर्मा जो कि जिला अम्बेडकर नगर की रहने वाली है। उन्होने अपना स्कूल भी अम्बेडकर नगर से किया था। जिसके बाद वह ग्रेजुएशन के लिए लखनऊ चली गई।और वहीं से सिविल इंजीनियरिंग में बी टैक किया । आगे बताती है की मुझे बचपन से पुलिस से बहुत डर लगता था।और अपने इस डर को निकालने के लिए में संव्लिप्त थी।और उसके बाद मेंने युपीएससी की तैयारी की और 2018 में मेरा पीपीएस में सिलैक्शन हो गया और आज सिओ रिफाइनरी पर नियुक्त हुं। सियो स्वेता वर्मा ने अपने यहा तक पहुचने का श्रेय अपने पिता को देते हुए अपना उन्हें अपना मार्ग दर्शक बताया।इसी के साथ उन्होने अपने सविर्स काल के सफर में कुछ खास पल भी बताये वह यह कि फराशैख से अपहरण हुए बच्चे रूपेस को जब पुरी टीम सहित बरामदगी करके बच्चे को परिवार को सौपा गया था तो बच्चे की परिवार की खुशी देखकर बहुत अच्छा महसुस हुआ था वह कहती है। यह मेरे लिए सच में अविश्वनिय था।
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