औरैया13अक्टूबर*सुशील वर्मा एडवोकेट ने किया धनुष यज्ञ का शुभारंभ*
*कस्बा फफूंँद क्षेत्र के ग्राम जसा का पुरवा में भी हुआ रामलीला का मंचन*
*सहार/औरैया।* सहार क्षेत्र के माँ पारथेश्वरी देवी के दरबार में एक दिवसीय धनुष यज्ञ लीला आयोजित की गयी। जिसमे में मंगलवार की रात्रि को सीता स्वयंवर, धनुष यज्ञ और परशुराम-लक्ष्मण संवाद की मनोहारी लीलाओं का मंचन कलाकारों ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि समाजवादी पार्टी बिधूना विधान सभा प्रभारी सुशील वर्मा एडवोकेट ने फीता काटकर किया। इसी तरह से विकासखंड भाग्य नगर क्षेत्र के ग्राम जसाका पुरवा में चल रही रामलीला महोत्सव में मंगलवार की रात्रि सीता स्वयंवर धनुष यज्ञ में
परशुराम लक्ष्मण संवाद की लीलाओं का मनोहारी मंचन किया गया। रामलीला का शुभारंभ कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने भगवान श्री राम की आरती उतार कर किया।
एक दिवसीय धनुष यज्ञ के दौरान कस्वा सहार क्षेत्र के पार्थेश्वरी देवी दरबार में अपने संबोधन में समाजवादी पार्टी के बिधूना विधानसभा प्रभारी सुनील कुमार वर्मा एडवोकेट ने कहा कि सभी लोग राम के आदर्शो पर चलने के लिए अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाये। एक सवाल के जबाब में कहा कि यदि पार्टी उन्हें विधान सभा का प्रत्याशी बमएगी तो पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे एवं पार्टी की जीत निश्चित होगी। धनुष टूटते ही दर्शकों ने हर हर महादेव और जय श्री राम के जयकारे लगाए। रात्रि को लीला की शुरूआत सीता स्वयंवर के साथ हुआ। दरबार में महाराज जनक, महर्षि विश्वामित्र के साथ राम , अनुज लक्ष्मण के साथ विराजमान रहे। स्वयंवर के दौरान एक से बढ़कर एक महारथी, योद्धाओं और पराक्रमी राजाओं ने भगवान शिव के धनुष को तोड़ना तो दूर हिला भी नहीं सके। राजा जनक के दरबार में कोई ऐसा नहीं बचा जिसने जोर आजमाइश न की हो। राजाओं का यह हाल देखकर राजा जनक व्याकुल होकर सभी राजाओं को कोसते हैं। वे कहते हैं कि अगर मैं जानता कि पृथ्वी वीरों से खाली है तो मैं ऐसी प्रतिज्ञा ही नहीं करता। जनक की तीखी बातें सुन लक्ष्मण क्रोधित हो उठते हैं, और कहते हैं कि यदि बड़े भाई की आज्ञा मिले तो मैं पूरे ब्रम्हांड को गेंद की भांति उठाकर फेंक दूं। राम क्रोधित लक्ष्मण को शांत कराते हैं। गुरु विश्वामित्र की आज्ञा पाकर प्रभु श्री राम धनुष के पास पहुंच, गुरु के साथ धनुष को प्रणाम कर उठा लेते हैं, जैसे ही प्रभु धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाए वह टूट गया। सीता हाथ में जयमाल लेकर राम की ओर बढ़ती हैं, और उनके गले में जयमाल डाल देती हैं। तभी भगवान परशुराम गर्जना करते हुए वहां पहुंचे, उन्हें देखकर कई राजा तो स्यंवर से भाग निकलते हैं, जो नहीं भाग पाए वो कांपने लगते हैं। शिव धनुष को खंडित देखकर परशुराम क्रोधित हो जाते हैं।उसके बाद परशुराम लक्ष्मण संवाद होता है। बाद में अपनी शंका दूर होने पर परशुराम उन्हें आशीर्वाद देकर वापस लौट जाते हैं।इस मौके पर आयोजक अश्वनी कुमार पाण्डेय, अंकुल पाण्डेय, रिंकू गुप्ता, नितिन कुमार पाण्डेय, बी एन सर,सुधांशु सेंगर , सुभाष शाक्य, रामजी लाल पाण्डेय, रोहित अगिनहोत्री आदि लोग मौजूद रहे। इसी तरह से ही थाना फफूंद क्षेत्र के ग्राम जसा के पुरवा में हुई रामलीला में श्रद्धालु भक्तगण सुबह तक रामलीला का लुफ्त उठाते रहे। इस मौके पर रामलीला अध्यक्ष जगदीश राजपूत के साथ रामलीला कमेटी के लोग मौजूद रहे।
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