[02/09, 7:15 PM] Madan Gupta Banda: खप्टिहा खुर्द में अज्ञात कारणों के चलते युवक ने फांसी लगाकर जान देने का किया प्रयास,परिजनों ने भर्ती कराया अस्पताल में
बांदा ब्यूरो।।जसपुरा थाना क्षेत्र के खप्टिहा खुर्द गांव में आज गुरुवार को एक युवक ने फाँसी लगाकर जान देने का प्रयास किया लेकिन समय रहते घर वालों ने देख लिया तो उसकी जान बच गई हालाकि अभी वह अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहा है।खप्टिहा खुर्द का सुनील पुत्र मनोज उम्र 26 साल ने अज्ञात कारणों के चलते घर के ऊपर वाली अटारी में धन्नी के सहारे से रस्सी से फांसी लगा कर झूलने वाला था कि घर के किसी बच्चे ने देखर हल्ला मचा कर घर के अन्य सदस्यों को बुला लिया जिससे समय रहते हुए उन लोगो ने किसी तरह से रस्सी को छोर कर उसे नीचे उतार कर तुरन्त ही निजी गाड़ी से जसपुरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लेकर आए जहाँ से प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल के लिए रिफर कर दिया गया है जहाँ पर उसका उपचार चल रहा है।
यूपी आजतक बांदा ब्यूरो मदन गुप्ता की रिपोर्ट
[02/09, 7:56 PM] Madan Gupta Banda: बांदा का एक युवक पाकिस्तान की जेल से 12 साल बाद रिहा हो गया है।
12 साल पहले काम की तलाश में यह युवक राम बहादुर घर से बिना बताए निकल गया था और उसके बाद उसका कहीं पता नहीं चला, लेकिन अब 12 साल बाद जैसे ही उसकी वापसी खबर मिली उसके परिजन खुशी के वजह से रो पड़े और बेसब्री से उसके घर वापस लौटने का इंतजार कर रहे हैं।
आप तस्वीरों में जो टूटा फूटा कच्चा घर और बेहद जर्जर हालत में जिस बूढ़े मां बाप को देख रहे हैं इनका बेटा रामबहादुर 12 साल के बाद इनके पास वापस आने वाला है। जी हां, नरैनी तहसील के अतर्रा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पचोखर के रहने वाले गिल्ला का बड़ा बेटा रामबहादुर 12 साल पहले साइकिल लेकर गांव से निकला था और उसके बाद उसका कोई पता नहीं चला। मां बाप ने उसको ढूंढने की हर मुमकिन कोशिश की और जब उसका सुराग कहीं से भी नहीं मिला तो हताश होकर घर बैठ गए। अपने 30 साल के जवान बेटे की गुमशुदगी ने मां-बाप को बुरी तरह तोड़ दिया, आर्थिक स्थिति बेहद खराब होने के चलते बांदा के बाहर यह दंपत्ति भागदौड़ भी ना कर सके और अपने बेटे को मृत मान कर दिल पर पत्थर रख लिया, आंखों से आंसू बहाते रहे । लेकिन कहते हैं कि हर रात के बाद सवेरा होता है और आखिरकार इनके लिए वह सवेरा आ ही गया, जब पुलिस प्रशासन के लोग तफ्तीश करते हुए उनके गांव पहुंचे और उसके बाद इनके घर जाकर कंफर्म किया कि इनका कोई बेटा 12 साल पहले घर से गायब हुआ था और इन को बताया कि रामबहादुर पाकिस्तान किसी तरह पहुंच गया था जहां उसको 12 साल की कैद हुई थी और वह सजा पूरी होने के बाद पाकिस्तान की आजादी के दिन यानी 14 अगस्त को उसको रिहा करके बाघा बॉर्डर के जरिए भारत के हवाले कर दिया गया है और फिलवक्त वह अस्पताल में अपनी जरूरी जांच करा रहा है। बेटे को जिंदा पाकर परिजन बेहद खुश हैं और बेसब्री से उसके घर वापस आने का इंतजार कर रहे हैं। इन बेचारे गरीब दंपत्ति के पास इतना पैसा भी नहीं है कि यह दिल्ली या उसके आगे जाकर बेटे को रिसीव कर सकें। इनको सिर्फ सरकार का ही सहारा है कि कब सरकार उनके बेटे को उनके घर तक पहुंचाएं।
गिल्ला- रामबहादुर का पिता कुसमा- रामबहादुर की माँ
वहीं इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि विदेश मंत्रालय से जानकारी मिली थी और राम बहादुर के निवास की कंफर्मेशन मांगी गई थी जिसको जांच पूरा कर रिपोर्ट विदेश मंत्रालय को भेज दिया गया है ।
बाईट- 3- संतोष कुमार सिंह- एडीएम बाँदा संवाददाता नत्थू प्रसाद पटेल बांदा
यूपी आजतक बांदा ब्यूरो मदन गुप्ता की रिपोर्ट
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