जम्मू कश्मीर16अक्टूबर23*अग्निवीर एवम आर्मी जवान में केन्द्र सरकार द्वारा किया गया दुर्व्यवहार।
जम्मू कश्मीर कोटली कला से वीना देवी की रिपोर्ट यूपीआजतक।
जम्मू कश्मीर में तैनात अग्निवीर अमृतपाल सिंह की 11 अक्टूबर को गोली लगने से मौत हो गई, जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर उनके गांव कोटली कला मनसा में लाया गया। उनके पार्थिव शरीर को आर्मी वाहन के बजाए प्राइवेट एंबुलेंस से लाया गया, और उनका अपमान किया गया। ग्रामीणों ने जब पूछा तो बताया गया कि सरकार की नीति के तहत अग्नि वीर को शहीद का दर्जा नहीं दिया जा सकता, इसीलिए सलामी भी नहीं दी जाएगी। गांव वालों ने एसएसपी साहब से बात करके करके शहीद अमृतपाल को पुलिस के जवानों द्वारा सलामी दिलवाई। अमृतपाल के परिवार वाले ही उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाते हुए नजर आ रहे हैं, जिसमें उनकी बहन उन्हें कंधा देती हुई विडियो मैं नजर आ रही है। पंजाब के 19 वर्षीय अमृतपाल सिंह अग्निवीर के तौर पर सेना में भर्ती हुए। कश्मीर में 11 अक्टूबर को गोली लगने से वह शहीद हो गए। शहीद अमृतपाल ट्रेनिंग के बाद करीब डेढ़ महीने पहले ही छुट्टी काटकर वह ड्यूटी पर जम्मू कश्मीर गए थे। अमृतपाल सिंह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे। सेना में भर्ती होने से पहले पिता के साथ ही खेती में उनका हाथ बटाते थे। अमृतपाल सिंह 10 दिसंबर 2022 को भारतीय सेना में भर्ती हुए थे, लेकिन भर्ती हुए साल भर भी नहीं हुआ था और अमृतपाल की मौत हो गई।
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