April 25, 2024

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मैनपुरी11मई*अरसारा ग्राम प्रधान का जाति प्रमाण पत्र राज्य स्क्रूटनी कमेटी ने किया निरस्त

मैनपुरी11मई*अरसारा ग्राम प्रधान का जाति प्रमाण पत्र राज्य स्क्रूटनी कमेटी ने किया निरस्त

मैनपुरी11मई*अरसारा ग्राम प्रधान का जाति प्रमाण पत्र राज्य स्क्रूटनी कमेटी ने किया निरस्त

बयानों में अपभ्रंश होने,अभिलेखीय साक्ष्य न होने के कारण निरस्त

प्रधान सहित सम्बन्धित अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश

13 मई को एसडीएम कोर्ट में हो सकता है प्रधानी का निर्णय

किशनी।विकास खण्ड की ग्राम पंचायत अरसारा के प्रधान को राज्य स्क्रूटनी कमेटी से भी राहत नहीं मिली है।अनुसूचित जाति से सम्बन्धित ठोस साक्ष्य न पेश करने के कारण कमेटी ने जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया है।अब 13 मई को उपजिलाधिकारी न्यायालय में प्रधानी के फैसले पर सबकी निगाह लगी है।

पिछले वर्ष हुए पंचायत चुनाव में अरसारा ग्राम पंचायत का प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित हो गया था।प्रधान पद के लिये गोकुलपुर निवासी राजेश बाबू पुत्र रामसिंह व अरसारा के अमित दिवाकर पुत्र विश्राम सिंह में टक्कर हुई थी।नामांकन के बाद अमित दिवाकर ने राजेश बाबू के अनुसूचित जाति जाटव के होने पर आपत्ति लगाई थी।उनका आरोप था कि राजेश हरियाणा प्रदेश के सोनीपत के रहने वाले हैं और इनकी जाति गूजर है इन्होंने 31 मार्च 2021 को फर्जी प्रमाण पत्र निर्गत करा लिया है।तीन मई 2021 को मतगणना के बाद राजेश कुमार प्रधान पद पर निर्वाचित हुए थे।जिस पर अमित दिवाकर ने जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने पर भी राजेश कुमार के प्रधान पद पर निर्वाचन को अवैध बताया था।अमित दिवाकर की शिकायत पर डीएम से राजेश बाबू का प्रमाण पत्र निरस्त करने की मांग की थी।जिस पर तीन जून 2021 को जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति की बैठक में सुनवाई के बाद डीएम ने राजेश बाबू का अनुसूचित जाति की जाटव जाति का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया था।फर्जी प्रमाण पत्र बनाने पर लेखपाल अनुराग कुमार को निलंबित भी किया गया था।अमित दिवाकर ने न्यायालय के आदेश पर निर्वाचित प्रधान राजेश बाबू व उनके सहयोगी हरेंद्र यादव पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया।राजेश बाबू ने मंडलायुक्त के यहां अपील कर जाति प्रमाण पत्र को सही बताया लेकिन वहां से भी निरस्तीकरण को सही बताया गया।जिस पर राजेश ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर शरण ली।उच्च न्यायालय ने मामले को राज्य स्क्रूटनी कमेटी के यहां भेजने के निर्देश दिए थे।

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आठ अप्रैल को राज्य स्क्रूटनी कमेटी में हुई सुनवाई,पांच मई को आया फैसला

किशनी। आठ अप्रैल को राज्य स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी लखनऊ की बैठक में अध्यक्ष हिमांशु कुमार,पिछड़ा वर्ग कल्याण के संयुक्त निदेशक विकास शर्मा,समाज कल्याण आगरा से उप निदेशक अजय वीर सिंह,अपर सांख्यकीय अधिकारी रामेंद्र कुमार,पिछड़ा वर्ग कल्याण सतर्कता प्रकोष्ठ के उप निरीक्षक वेद प्रकाश,किशनी तहसीलदार कमल कुमार सिंह,राजेश बाबू के अधिवक्ता एसएस चौहान,अमित दिवाकर व प्रधान राजेश बाबू के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।आयोग के समक्ष राजेश अपनी जाति अनुसूचित होने का कोई अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सके।उनके बयानों में भी परिवार के निवास को लेकर भिन्नता पाई गई।सभी कागजातों व गवाहों के बयान देखने के बाद पांच मई को आयोग ने भी प्रमाण पत्र को निरस्त कर जब्त करने का आदेश दिया।कमेटी के अध्यक्ष व सदस्यों ने फर्जी प्रमाण पत्र जारी होने पर सख्त टिप्पणी करते हुए मैनपुरी जिलाधिकारी को राजेश बाबू पर सुसंगत धाराओं के अधीन अभियोजन की कार्रवाई कराने व सम्बन्धित राजस्व अधिकारी,तहसीलदार,कानूनगो व लेखपाल पर विधिक कार्रवाई कर समिति को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।

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एक वर्ष से रुके हैं अरसारा के विकास कार्य

किशनी।पिछले वर्ष तीन मई को मतगणना होने के बाद से ही अरसारा में प्रधान के जाति प्रमाण पत्र का मामला लंबित है।इसके कारण ग्राम पंचायत में होने वाले सभी विकास कार्य ठप हैं।ग्राम पंचायत में सचिव के पद पर अमित यादव की तैनाती है पर प्रधान के डोंगल पर रोक लगे होने के कारण कोई विकास कार्य नहीं हो पा रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही मामला न निपटा तो ग्राम सभा मे समस्याओं का अंबार लग जायेगा।

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