June 28, 2025

UPAAJTAK

TEZ KHABAR, AAP KI KHABAR

भोपाल19मार्च25*5 साल की बच्‍ची के दुष्कर्मी हत्यारे को तिहरा मृत्युदंड, जज ने कहा - इसकी वासना राक्षसों जैसी*

भोपाल19मार्च25*5 साल की बच्‍ची के दुष्कर्मी हत्यारे को तिहरा मृत्युदंड, जज ने कहा – इसकी वासना राक्षसों जैसी*

भोपाल19मार्च25*5 साल की बच्‍ची के दुष्कर्मी हत्यारे को तिहरा मृत्युदंड, जज ने कहा – इसकी वासना राक्षसों जैसी*

भोपाल। पांच महीने पहले भोपाल के शाहजहानाबाद इलाके की एक मल्टी में पांच वर्ष की मासूम के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में न्याय हो गया। भोपाल की विशेष अदालत ने इस मामले में दुष्कर्मी और हत्यारे अतुल निहाले (25) को तीहरी फांसी की सजा सुनाई है। 100 पेज के अपने फैसले में विशेष न्यायाधीश कुमुदनी पटेल ने इसे दुर्लभतम मामला बताते हुए लिखा कि अपराधी की वासना राक्षसों जैसी है।

*पीड़ित परिवार ने कहा – न्याय मिला*
सजा की घोषणा के बाद मृतका के स्वजन ने कहा कि इस दरिंदे को फांसी पर चढ़ाया ही जाना चाहिए।
न्यायालय ने उनके साथ न्याय किया है। लेकिन इस अपराध में साथ देने वाली दोनों महिलाओं को भी कम से कम उम्र कैद की सजा मिलनी चाहिए थी।

*अपराधियों ने ऐसे दिया वारदात को अंजाम*
अभियोजन के मुताबिक 24 सितंबर को दोपहर 12 बजे पांच वर्ष की मासूम मल्टी के दूसरे ब्लाक स्थित अपने स्वजन के ही घर से अपने फ्लैट पर पहुंची थी।

उस फ्लैट के ठीक सामने के फ्लेट में रहने वाले अतुल निहाले ने उसका मुंह दबाकर भीतर खींच लिया। 35 मिनट के भीतर उसने दुष्कर्म कर बच्ची का गला दबाकर हत्या कर दी।

उसके बाद शव को बिस्तर के नीचे छिपा दिया। काफी देर तक बच्ची का पता नहीं चला तो मल्टी के रहवासी उसको तलाशने लगे। पुलिस को सूचना दी।

पांच थानों के 100 से अधिक पुलिसकर्मी उसे तलाशने लगे। ऐसे में अपराधी को शव ठिकाने लगाने का अवसर नहीं मिला। इस बीच उसकी मां और बहन को अपराध का पता चल चुका था।

उन्होंने बच्ची का शव बिस्तर से निकालकर पानी की एक टंकी में छिपा दिया। बदबू रोकने के लिए बार-बार फिनायल से पोछा लगाया।

26 सितंबर को फ्लैट से बदबू उठने लगी तो पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। तलाशी में बच्ची का शव मिल गया। उसके बाद पुलिस ने तीनों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।

*महिलाओं ने अंजाम तक पहुंचाया*
पिछले साल इस वारदात ने भोपाल को हिलाकर रख दिया था। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एसआइटी गठन की घोषणा कर फास्टट्रैक न्यायालय में सुनवाई करने की बात कही थी।

इसकी जांच से लेकर सजा सुनाने तक महिलाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही। एसीपी अंकिता खातरकर, एडीसीपी शालिनी दीक्षित और एसआइ योगिता जैन ने मामले की जांच की। साक्ष्य जुटाए और चालान पेश किया। विशेष लोक अभियोजक दिव्या शुक्ला ने न्यायालय में पैरवी की और विशेष न्यायाधीश कुमुदनी पटेल ने फैसला सुनाया।

*27 वर्ष में फांसी की 52 सजाएं, किसी को लटका नहीं सके*
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 1998 से अब तक मध्य प्रदेश में 52 अपराधियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। इसमें से किसी को भी सजा के तौर पर अभी तक फांसी पर लटकाया नहीं जा सका। कई लोगों की फांसी की सजा को अपीलीय न्यायालयों ने उम्र कैद में बदल दी। कई लोगों का मामला न्यायालयों में लंबित है।

Taza Khabar

Copyright © All rights reserved. | Newsever by AF themes.