भागलपुर27अप्रैल*शिक्षा का नहीं है कोई अंत, समाज और राष्ट्र के निर्माण में छात्रों और नौजवानों की भूमिका महत्वपूर्ण।
रिपोर्ट :- शैलेन्द्र कुमार गुप्ता यूपीआजतक।
टीएमबीयू के 47वें दीक्षांत समारोह में बोले महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति,।
शिक्षा का नहीं है कोई अंत, समाज और राष्ट्र के निर्माण में छात्रों और नौजवानों की भूमिका महत्वपूर्ण।
# छात्र खुद चुनें जीवन में अपना रास्ता, स्किल और हुनर से बनाएं अपनी खुद की पहचान : कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर।
# नौकरी लेने वाला नहीं बल्कि, नौकरी देने वाला बनें : कुलाधिपति।
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) का 47वां दीक्षांत समारोह बुधवार को टीएनबी कॉलेज के स्टेडियम में आयोजित किया गया। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता बिहार राज्य के राज्यपाल सह कुलाधिपति श्री राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने किया।
महामहिम कुलाधिपति के टीएमबीयू आगमन के दौरान कॉलेज परिसर में बनाए गए हेलीपैड पर जिला प्रशासन की ओर से उनके सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। जबकि कार्यक्रम स्थल टीएनबी कॉलेज स्टेडियम पहुंचने पर एनसीसी कैडेटों की ओर से महामहिम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
महामहिम के मंच पर आते ही राष्ट्रगान गाया गया। मंच पर एकेडमिक शोभा यात्रा पूर्वाह्न 11.35 बजे पहुंचा। एकेडमिक प्रोसेशन टी एन बी कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग से निकलकर मंच तक गया। गार्ड ऑफ ऑनर के बाद शोभा यात्रा में महामहिम कुलाधिपति श्री राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर भी जुड़े। शोभा यात्रा में महामहिम की अगुवाई कुलपति प्रो. जवाहर लाल और कुलसचिव डॉ गिरिजेश नंदन कुमार कर रहे थे। शोभा यात्रा में एकेडमिक काउंसिल, सिंडिकेट के सदस्यों के अलावे महामहिम के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चौंगथु, मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, सम्मानित अतिथि डॉ राजवर्द्धन आजाद, पूर्व प्रभारी कुलपति डॉ केके सिंह, प्रतिकुलपति प्रो. रमेश कुमार, कुलसचिव डॉ गिरिजेश नंदन कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ आनंद कुमार झा आदि भी शामिल थे। कार्यक्रम का उदघाटन महामहिम सहित अन्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। वहीं अमर शहीद स्वतंत्रता सेनानी तिलकामांझी की प्रतिमा पर भी पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया।
पूर्वाह्न 11.45 बजे महामहिम कुलाधिपति ने कुलसचिव के निवेदन पर दीक्षांत समारोह विधिवत शुरू करने की घोषणा की। तत्पश्चात विश्वविद्यालय के कुलगीत की प्रस्तुति हुई। कुलगीत पीजी म्यूजिक विभाग की छात्राओं ने प्रस्तुत की।
कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति सहित सभी मंचासीन अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र, मोमेंटो और औषधीय पौधा से किया।
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के 47 वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए बिहार राज्य के महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति श्री राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने अपने करीब 23 मिनट के संबोधन में कहा कि आज नौजवान छात्रों के बीच आकर हमें सुखद अनुभूति हो रही है। दीक्षांत का अपना एक अलग ही महत्व है। इसे बरकरार रखने की जरूरत है। विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए आज एक विशेष दिवस है। हर छात्र अपने जीवन में इस पल के इंतजार में रहता है। मेरे लिए भी खास दिन इसलिए भी है की मुझे भी आप नौजवानों से रूबरू होने का अवसर मिलता है। नई उमंग और ऊर्जावान छात्र विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। समाज को सार्थक दिशा प्रदान करने वाले लोग यहीं पर होते हैं। छात्रों से मिलकर उत्साह बढ़ता है। आपके मेहनत और उत्साह का फल आपको डिग्री के रूप में है जो आज आपके हाथों में है। छात्र यहां से पास आउट होने के बाद नई दुनिया में अपना कदम रखेंगे।
कुलाधिपति ने कहा की यह दीक्षांत कार्यक्रम है, शिक्षांत नहीं। शिक्षा का कभी अंत ही नहीं होता है। यह अनवरत चलता रहता है। शिक्षा प्राप्त करने की कोई आयु नहीं होती है। शिक्षा अनंत है। आपको मिल रही डिग्री पर हमें काफी गर्व है। कॉलेज – यूनिवर्सिटी के चहारदीवारी के अंदर आपने जो दीक्षा प्राप्त की है, वह पर्याप्त मात्र नहीं है। बल्कि जीवन के सभी क्षेत्रों में आपको और भी अधिक बेहतर करना है।
कुलाधिपति श्री अर्लेकर ने कहा की विश्वविद्यालय का नाम जिन महान सपूत तिलकामांझी पर है, उनके आदर्शों पर चलें। अपने जीवन में उनके आदर्शों और व्यक्तित्व व कृतित्व से सीख लें। अमर शहीद तिलकामांझी ने देश और समाज के लिए अपनी कुर्बानी दी। वे वनवासी क्षेत्र से आते जरूर हैं लेकिन वे इस देश की समस्त जनता और समाज के सामान्य लोगों के लिए एक आदर्श हैं। वे जन सामान्य के नेता थे। मेरा प्रयास है की मैं सभी विश्वविद्यालयों में जाऊं, युवाओं से बात करूं।
कुलाधिपति ने कहा की जिस समाज ने आपको पहचान दी है, उनका ख्याल रखिए। हमारा कर्तव्य उस समाज के लिए बनता है। अपने काबिलियत और कठोर परिश्रम के बल पर अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश करें। अपनी पहचान खुद बनाएं। आप नौकरी लेने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनें। हुनरमंद बनें। अगर आप खुद का रोजगार करना चाहते हैं तो नौकरी की तुलना में ज्यादा कमा सकते हैं। इससे कई लोगों को रोजगार भी दे सकते हैं। अपने स्किल के माध्यम से खुद का स्टार्ट- अप विकसित करें। बिहार में भी कई ऐसे उदाहरण हैं जो डिग्री लेने के बाद किसी के दरवाजे पर खड़े नहीं रहे बल्कि खुद का रोजगार शुरू किए। आप सभी युवा हैं। आप में जोश और उमंग भरा हुआ है। यदि आप रिस्क नहीं लेंगे तो कौन लेगा। आपको खुद चुनना होगा अपना रास्ता। आपको ही यह तय करना है की आपको कहां जाना है। जीवन में कुछ अलग करने का जज्बा और तमन्ना रखें। उन्होंने कहा की देश की उन्नति, विकास और प्रगति में आप भागीदार बनें। कुलाधिपति ने डिग्री लेने वाले छात्रों को दिलाए गए दीक्षा शपथ कि, समाज के प्रति कार्य करूंगा’….. का जिक्र करते हुए कहा की, यही तो शिक्षा है। शिक्षा हमें सशक्त बनाता है। उन्होंने सभी डिग्रीधारी छात्रों को उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने अपने संबोधन में कहा की छात्र देश के कर्णधार हैं। छात्र शक्ति, राष्ट्र शक्ति है। उन्होंने कहा की महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे हैं। दीक्षांत समारोह में आज बेटियों के हाथों में डिग्री देखकर काफी सुखद अनुभूति हो रही है। पीएम मोदी के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा की आज सभी क्षेत्रों में बेटियां बेहतर कर रही हैं। श्री चौबे ने कहा की भारत सरकार ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) लागू कर दिया है। इससे नैतिक शिक्षा, संस्कृति, संस्कार, साहित्य, स्थानीय भाषा आदि को बढ़ावा मिलेगा।
स्वागत अभिभाषण करते हुए तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने मंचासीन महामहिम कुलाधिपति का स्वागत करते हुए कहा की महामहिम का ऐतिहासिक अंग जनपद व सिल्क सिटी में आगमन न सिर्फ गौरव का विषय है बल्कि इस समारोह में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों तथा छात्र – छात्राओं के लिए भी एक सुखद अनुभूति है। कुलपति ने कहा की महामहिम का जीवन खुली किताब की तरह है जिसे जो चाहे, जब चाहें, आसानी से पढ़ सकते हैं। आपके सारे क्रियाकलाप सार्वजनिक जीवन के साक्षी रहे हैं। आपके संकल्प और कर्ममयी जीवन लोगों के लिए न केवल अवलोकनीय है बल्कि अनुकरणीय भी है। आप राष्ट्रवादी चिंतक, संस्कृति के वाहक, सफल प्रशासक, दिशा प्रेरक और संवेदनशील व्यक्तित्व के धनी हैं। वीसी ने कहा की महामहिम ने बिहार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 को लागू करने का जो ऐतिहासिक फैसला लिया है उसके क्रियान्वयन के लिए तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय कटिबद्ध और तत्पर है।
कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कहा की दीक्षांत समारोह में स्नातकोत्तर सत्र 2017 – 2019 एवं 2018 – 2020 तथा स्नातक सत्र 2018 – 2021 के कुल 1929 उत्तीर्ण छात्र – छात्राओं को उपाधि प्रदान की जा रही है। जिनमें 156 छात्र – छात्राओं को स्वर्ण पदक (गोल्ड मेडल) प्रदान किया जा रहा है, उनमें 91 छात्राएं हैं। इसके अलावे 5 स्मृति पदक, 2 डिलीट की उपाधि और 96 पीएचडी के छात्र – छात्राओं को भी उपाधि से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा की राजभवन द्वारा विश्वविद्यालय में सत्र नियमितीकरण करने हेतु दिए गए निर्देशों के अक्षरक्षः अनुपालन में विश्वविद्यालय का परीक्षा कैलेंडर राजभवन में समर्पित किया जा चुका है। लंबित सत्रों को 31 दिसंबर 2023 तक अनिवार्य रूप से नियमित कर दिए जायेंगे।
वहीं दीक्षांत समारोह के सम्मानित अतिथि बिहार राज्य विश्विद्यालय सेवा आयोग पटना के चेयरमैन डॉ राजवर्द्धन आजाद ने कहा की दीक्षांत का आयोजन किसी भी विश्विद्यालय के लिए पवित्र और पावन दिन होता है। विद्यार्थी शिक्षा के महत्वपूर्ण स्तंभ होते हैं। उन्होंने कहा की दीक्षांत में डिग्री मिल जाने मात्र से आपकी दीक्षा खत्म नहीं हो जाती है बल्कि अपने उस डिग्री का उपयोग समाज और राष्ट्र के निर्माण में करें। डॉ आजाद ने कहा की छात्रों की जिम्मेवारी समाज के प्रति काफी बढ़ जाती है। छात्र पढ़ाई के साथ-साथ सेवा भाव तथा समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना जरूर रखें।
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर ने बताया कि दीक्षांत समारोह में जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति प्रो. फारूक अली, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना के कुलपति प्रो. आर. के. सिंह, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति प्रो. दुनिया राम सिंह, मुंगेर विश्वविद्यालय मुंगेर की कुलपति प्रो. श्यामा राय, शिक्षा विभाग बिहार सरकार के उच्च शिक्षा निदेशालय के एकेडमिक सलाहकार डॉ एन के अग्रवाल सहित सीनेट, सिंडीकेट, एकेडमिक काउंसिल के सदस्यगण एवं स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में शिरकत की।
कार्यक्रम में कुलपति के स्वागत संबोधन के बाद यूनिवर्सिटी न्यूज बुलेटिन के पहले अंक का लोकार्पण कुलाधिपति के द्वारा किया गया। त्रैमासिक न्यूज बुलेटिन के प्रधान संपादक विश्वविद्यालय के जनसंपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) डॉ दीपक कुमार दिनकर हैं। जबकि संपादक एनएसएस के समन्वयक डॉ राहुल कुमार संपादक हैं।
समारोह में सांसद अजय मंडल, मेयर डॉ वसुंधरा राज, गोपालपुर के विधायक गोपाल मंडल, एमएलसी डॉ संजीव कुमार सिंह, एनसीसी के बिग्रेडियर, कर्नल, डीएम, एसएसपी, एसडीओ, डीएसपी आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सुरक्षा के दृष्टिगत चप्पे – चप्पे पर पुलिस और मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी। डॉग स्क्वायड से कार्यक्रम स्थल पर चेकिंग की जा रही थी।
प्रतिकुलपति प्रो. रमेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। रजिस्ट्रार डॉ गिरिजेश नंदन कुमार ने दीक्षांत कार्यक्रम का संचालन किया।
यह जानकारी विश्विद्यालय के पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर ने दी।
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