कौशाम्बी25नवम्बर2022*सर्वे के लिए कॉन्ट्रेक्ट पर लगाए गए वाहन अफसरों के मौज मस्ती का बना साधन*
*कॉन्ट्रेक्ट के वाहनों के आड़ में करोड़ों रुपए प्रत्येक वर्ष ठेकेदार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा भुगतान किया जा रहा है*
*कौशांबी* स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के प्रचार प्रसार और योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की हकीकत जानने के लिए सर्वे कराए जाने के निर्देश के तहत स्वास्थ्य विभाग में प्रत्येक विकास खंड के अस्पताल में दो वाहन कॉन्ट्रेक्ट पर लगाए गए हैं इसके अलावा 10 अन्य वाहन भी स्वास्थ्य विभाग में वर्षो पूर्व कॉन्ट्रेक्ट में लगाए गए हैं लेकिन सर्वे और प्रचार-प्रसार का काम पूरी तरह से बाधित है योजनाओं के सर्वे और प्रचार प्रसार के लिए स्वास्थ्य विभाग में कॉन्ट्रेक्ट पर लगाए गए वाहन अफसरों की मौज मस्ती का साधन बन गया है बताया जाता है कि शिवम इंटरप्राइजेज को वाहन के कांट्रैक्ट का ठेका कई वर्षों पूर्व दिया गया है कॉन्ट्रेक्ट के वाहनों के आड़ में करोड़ों रुपए प्रत्येक वर्ष ठेकेदार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा भुगतान किया जा रहा है लेकिन जिस उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने वाहनों को कॉन्ट्रेक्ट पर लगाया है वह सफल होता नहीं दिख रहा है स्वास्थ्य विभाग की योजनाएं जमीनी हकीकत पर नहीं दिखाई पड़ रही है आम जनमानस के कल्याण के लिए सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ जिले के आम जनमानस मरीजो को नहीं मिल रहा है केवल अभिलेखों में स्वास्थ्य योजनाएं संचालित कर मुख्य चिकित्सा अधिकारी शासन को गुमराह करने में लगे हैं
सूत्रों की माने तो स्वास्थ्य विभाग में 26 वाहन कांटेक्ट पर लगाए गए हैं लेकिन वाहन का उपयोग शर्तों के अधीन नहीं हो रहा है और यह वाहन अफसरों की मौज मस्ती का साधन बनकर रह गया है कांट्रैक्ट पर लगाए गए वाहनों की समय सीमा पूर्ण होने के बाद वाहनों को हटाया नहीं गया है बल्कि कॉन्ट्रेक्ट की शर्तों के विपरीत कॉन्ट्रेक्टर कंपनी को करोड़ों का भुगतान वर्तमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी कर रहे हैं आखिर क्यो नियमों के विपरीत वाहन देने वाले कंपनी को करोड़ों का भुगतान दिया जा रहा है यह बड़ी जांच का विषय है लेकिन अभी तक वाहन कॉन्ट्रेक्ट के नाम पर नियम के विपरीत करोड़ों रुपए प्रत्येक वर्ष भुगतान किए जाने के मामले को स्वास्थ्य महानिदेशक और स्वास्थ्य मंत्री ने संज्ञान नहीं लिया है जिससे वाहन कॉन्टैक्ट के नाम फर्म को करोड़ो का भुगतान कर कमीशन खोरी के आड़ में विभागीय कर्मचारी और अधिकारी मालामाल हो रहे हैं वाहनों के दुरुपयोग के मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई गई तो कई चेहरे बेनकाब होंगे और कई लोगों पर कठोर कार्यवाही की उम्मीद लगाई जाती है लेकिन क्या योगी सरकार में स्वास्थ्य विभाग में बढ़े भ्रष्टाचार पर स्वास्थ्य मंत्री मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर कार्यवाही कर योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त शासन को आगे बढ़ाने में सफल होगे या सब कुछ अंधेरगर्दी की तरह स्वास्थ्य विभाग कौशाम्बी में चलता रहेगा वाहनों के नाम पर करोड़ों के भुगतान किए जाने के मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन काफी प्रयास के बाद भी उनसे बात नहीं हो सकी है
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