May 5, 2024

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कौशांबी 14 अप्रैल*संविधान बनाकर बाबा सहाब भीमराव की हुई कठिन परीक्षा*

कौशांबी 14 अप्रैल*संविधान बनाकर बाबा सहाब भीमराव की हुई कठिन परीक्षा*

कौशांबी 14 अप्रैल*संविधान बनाकर बाबा सहाब भीमराव की हुई कठिन परीक्षा*
*अधिकार और कर्तव्य की दी समाज को शिक्षा*

*कौशाम्बी* महामाया राजकीय महाविद्यालय, कौशाम्बी मे 14 अप्रैल 2023 को डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर जयंती के अवसर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डाॅ0 अनिल कुमार असि0 प्रो0 गणित और डॉ0 अरविंद कुमार ,प्राचार्य, महामाया राजकीय महाविद्यालय ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर और माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यपर्ण एवं दीप प्रज्ज्वलित करके संगोष्ठी का शुभारंभ किया। ततपश्चात् मुख्य वक्ता डाॅ0 अनिल कुमार ने कहा कि ” बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने अपने जीवन में सदैव चुनौतीपूर्ण कार्य किया है। इन्ही चुनौतियों में एक चुनौती थी भारतीय संविधान का निर्माण कार्य। बाबा साहब जब संविधान सभा में सदस्य के रूप में निर्वाचित होने की प्रक्रिया में बम्बई से चुनाव हार जाते है। तो फिर वह बंगला देश से अपनी उम्मीवारी घोषित करते है। वहाँ मुस्लिम लीेग के सहयोग से वह चुनाव जीत जातें हैं। मगर 1947 में जब देश आजाद होता है तो बंगाल पकिस्तान के हिस्से पूर्वी पाकिस्तान के रूप में चला जाता है। बाद के दिनों में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को वी0एन0राव के स्थान पर निर्वाचित करके संविघान सभा में प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में पहुँचतें है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हए महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ0 अरविन्द कुमार ने कहा कि “बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की 132 वी जयंती के अवसर पर हम सभी का कर्तव्य बनता है, कि हम बाबा साहब की दी हुई शिक्षओं को आत्मसात करे और उनके अनुसार अपने जीवन को सवारने का कार्य करें। जिससे हम अपने साथ-साथ अपने समाज को भी सही दिशा दिखा सके। उहोंने आगे कहा कि हमें संविधान के मायने समझना होगा। यदि हम बाबा सहाब भीमराव अम्बेडकर को संबिधान में ही खोजेंगे तो श्याद हम पूरे बाबा सहब को ना बराबर पा पायेगें। इसलिए हमें बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को शोषित तबकों ,गरीबों, बंचितों में खोजना होगा। हमें बााब साहब भीमराव अम्बेडकर को उनके सघर्षो के जरिए समाज के प्रति किये योगदान को याद रखना होगा। उन्होंने अपनी बात कों चंद पंक्तियाँ कहकर समाप्त किया।

बाबा साहब भीमराव,
राष्ट्र के गौरव गान है।
कर्तव्य, अधिकार का
बोध करता संविधान है आगे कि कडी में डाॅ0 पवन कुमार, असि0 प्रो0 भूगोल और डाॅ0 नीलम बाजपेई, असि0 प्रो0 जन्तु विज्ञान और डाॅ0 रीता दयाल असि0 प्रो0 प्राचीन भारतीय इतिहास ने अपने बिचार रखे कार्यक्रम का कुशल संचालन समारोहक डॉ. अजय कुमार द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डाॅ0 रीता दयाल असि0 पगो0 प्राचीन भारतीय इतिहास, डाॅ0 नीलम बाजपेई, असिस्टेन्ट प्रोफेसर जन्तु विज्ञान, डाॅ0 रमेश चन्द्र असिस्टेन्ट प्रोफेसर वाणिज्य, डाॅ0 सतोष कुमार असि0 प्रो0 वनस्पति विज्ञान डाॅ0 अमित कुमाार असिस्टेन्ट प्रोफेसर दर्शनशास्त्र, डाॅ0 शैलेश मालवीय असि0 प्रो0 वाणिज्य , डाॅ0 पवन कुमार असि0 प्रो0 भूगोल, डाॅ0भावना केसरवानी असि0 प्रो0 रसायन विज्ञान एवं डाॅ0 तरित अग्रवाल असिस्टेन्ट प्रोफेसर अंग्रेजी तथा महाविद्यालय के सभी कार्मचारी और छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहें।

 

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