July 26, 2025

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कानपुर26अक्टूबर*पत्रकार कानून के प्रति जागरूकता अभियान

कानपुर26अक्टूबर*पत्रकार कानून के प्रति जागरूकता अभियान

कानपुर26अक्टूबर*पत्रकार कानून के प्रति जागरूकता अभियान

*पत्रकार कानून के प्रति जागरूकता अभियान अपने अधिकारों को जाने कानपुर दक्षिण प्रेस क्लब* अपने लेख के माध्यम से पत्रकारों की आवाज को बुलंद करेगा

*पुलिस गलत केस बनाकर आपको फसाये तो क्या करना चाहिये | How to Take Action Against Police Officer For Making False Documents*.

कानपुर दक्षिण प्रेस क्लब

*दैनिक किदवई नगर समाचार में मैं आपको बताऊगा कि अगर पुलिस आप के खिलाफ झूठे सबूत बनाती है । झूठे सबूत या डॉक्यूमेंट बनाकर आपको फसाने की कोशिश करती है तो आपको क्या करना चाहिए । उसके खिलाफ कौन-कौन से एक्शन लिया जा सकते हैं । इसके लिए उन पर कौन-कौन सी धाराएं लगेंगी ।(Take Action Against Police)*

*जानेंगे आईपीसी की धारा- 220 आईपीसी की धारा- 167 आईपीसी की धारा- 218 के बारे में । यह धाराये कहां और कैसे लगाई जाती है । जब कोई सरकारी अफसर आपके खिलाफ झूठे दस्तावेज बनाकर आपको फसाने की कोशिश करता है ।*

*आईपीसी की धारा- 220 के अंतर्गत क्या अपराध होता है ।*
*अपराध:- प्राधिकार वाले व्यक्ति द्वारा जो यह जानता है कि वह विधि के प्रतिकूल कार्य कर रहा है, विचारण के लिए य परिरोध करने के लिए सुपुर्दगी* ।

*एक्सप्लेनेशन:- यदि किसी व्यक्ति का कानूनी रूप से अधिकार अभियुक्त को अपने हिरासत में रखना अथवा उन्हें विचारणीय ट्रायल के लिए पेशी पर पेश करना है । यदि ऐसा अधिकारी कानून का जानबूझकर उल्लंघन करके किसी व्यक्ति को गलत रूप से हिरासत में रखता है, या पेशी कराता है ।*

*इसमें 7 साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं । यह संज्ञेय और जमानती अपराध है ।*

*इस तरह के अपराध में जमानत थाने से ही हो जाती है । इस अपराध के अंतर्गत किसी आरोपी को वारंट दिखाकर ही गिरफ्तार किया जा सकता है, और उस आरोपी की जो पेशी होती है प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के सामने होती है ।*

*जब कोई कानून का रखवाला यानी की पुलिस वाला अगर किसी व्यक्ति को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखता है । अपने कानूनी अधिकार का गलत फायदा उठाता है, और उस व्यक्ति के खिलाफ झूठी एफ आई आर दर्ज करता है ।*

*भारत में कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करके झूठे दस्तावेज तैयार करवाता है, ताकि किसी को गलत तरीके से फंसाया जा सके, उसे सजा दिलवाई जा सके । तो ऐसे अधिकारी पर धारा- 220 लगाई जाती है ।*

*कानून लोगों की रक्षा करने के लिए बनाया जाता है, और जो कानून की रक्षा करने के लिए अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं, अगर वो इन चीजों का गलत इस्तेमाल करके पत्रकार-आम जनमानस को फसाने की कोशिश करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाया जा सकता है ।*
*अगर पुलिस गिफ्तार करती है तो धारा 57 के अंतर्गत 24 घण्टे में कोर्ट में पेश करेगी*
*अगर आपको पुलिस न्यायिक हिरासत में लेकर थाने में मारती है तो धारा 54 के अंतर्गत मजिस्ट्रेट के समक्ष किसी वकील के माध्यम से पत्रावली प्रेषित कर मेडिकल कराने की अनुमति ले सकते हैं माननीय न्यायालय से*
कानपुर दक्षिण प्रेस क्लब अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार गुप्ता

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