अपनी क़ाबलियत के दम पर पूरी दुनियां में परचम लहरा रहें हैं भारतवंशी : राजेश खुराना
“भारतवंशी ऋषि सुनक को इंग्लैंड के नये प्रधानमंत्री के रूप में निर्वाचित होने पर बधाई व् शुभकामनाएं”
“भारतवंशी ऋषि सुनक को इंग्लैंड के नये प्रधानमंत्री बना जाना हर इंडियन के लिए गर्व की बात”
आगरा। भारतवंशी अपनी क़ाबलियत के दम पर पूरी दुनियां में परचम लहरा रहें हैं। सारे साउथ एशिया और हम करोड़ों भारतीयों की ओर से भारतवंशी ऋषि सुनक को इंग्लैंड के नये प्रधानमंत्री के रूप में निर्वाचित होने पर बधाई व् शुभकामनाएं। महंगाई और मंदी के क्राइसिस में पूरी तरह से डूबे इंग्लैंड में आप अच्छा शासन करें और अपने नाम में लगे “ऋषि” शब्द के अर्थ को सार्थक करें। यही हमारी कामना है।
आगरा स्मार्ट सिटी, भारत सरकार के सलाहकार सदस्य, उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक लखनऊ के सचिव व हिन्दू जागरण मंच, ब्रज प्रान्त उ.प्र. के प्रदेश संयोजक तथा आत्मनिर्भर एक प्रयास के चेयरमैन व सुप्रशिद्ध समाज सेवक राजेश खुराना ने बताया कि भारतवंशी ऋषि सुनक को इंग्लैंड के नये प्रधानमंत्री बना जाना हर इंडियन के लिए गर्व की बात हैं। भारतवंशी अपनी क़ाबलियत के दम पर पूरी दुनियां में परचम लहरा रहें हैं।
भारतवंशी ऋषि सुनक को इंग्लैंड के नये प्रधानमंत्री के रूप में निर्वाचित होने पर बहुत बहुत बधाई व् शुभकामनाएं। आज पूरा यूरोप अमेरिका समेत इस समय महंगाई से जूझ रहा है। इंफ्लेशन अपने चरम पर है। अमीरी गरीबी का फासला बढ़ता जा रहा है। आप ये मत सोचिए कि ये सिर्फ भारत में हो रहा है। वहां का पाउंड लगभग डॉलर और यूरो के बराबर आ चुका है। ये कोई सामान्य घटना नही है। कोविड और यूक्रेन क्राइसेस के बाद दुनिया बदल चुकी है। अब देखना है कि ये हिंदुस्तानी मूल के सुनक कहां तक सफल हों पाता है। लेकिन हमे आप से पूरी उम्मीद है। हम करोड़ों भारतीय ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि आप महंगाई और मंदी के क्राइसिस में पूरी तरह से डूबे इंग्लैंड में अच्छा शासन करें और अपने नाम में लगे “ऋषि” शब्द के अर्थ को सार्थक करें। यही हमारी कामना है।
हर इंसान का एक मूल होता है। आयरिश, इटालियन, अफ्रीकी, भारतीय, एशियन ज्यादातर इनमे से सबको दूर से पहचान लिया जाता है। कुदरत ने भी इनकी पहचान जलवायु के हिसाब से अलग बना दी है। ऋषि सुनक कही भी जन्मे हो रहेंगे तो भारतीय मूल के, कि अश्वेत या अंग्रेज मूल के कहलाएंगे और कोई अगर भारतीय मूल का बतला रहा है तो क्या गुनाह कर रहा है ?
अंग्रेजो ने भारतीय लोगो को दो सौ साल अलग ही नजरो से देखा है। इस बात को भला कोई इंकार कर सकता है और अगर कोई भारतीय मूल का बतला कर गर्व करे तो किसी को उसमे तकलीफ क्या है भाई। फिर ये जो पाकिस्तानी मानसिकता पीड़ित सेकुलर टाइप मेंढक टर्र टर्र कर रहे है। इनके पेट में दर्द क्यो हो रहा है ? पूरे दक्षिण एशिया के लिये गर्व की बात है कि उनके मूल का एक इंसान कभी दुनिया पर राज करने वाले मुल्क के सर्वोच्च पद पर पहुंचे। हां अगर अपने मूल पर शर्म आती है तो अलग बात है या ऋषि सुनक की अगर मंदिर की तस्वीरे, गौ माता की पूजा करते तश्वीर, दीपावली पर दीपक जलाने की तश्वीर, देख कर शर्म आती है या तकलीफ होती है, तो अलग बात है। इंसान कही भी रहे वो अपनी पहचान कभी नही भूलता। उसकी जड़े उसी मूल में छुपी हुई होती है। पर यहां पर लोगो को एवे ही पिनक सवार है,ये साबित करने की कि देखो हम कितने लिबरल है। कैसी ओछी मानसिकता की बात कर रहे है क्योंकि नयी सोच की इनसे उम्मीद भी नही कर सकते। वैसे हर बात में मोदी जी को बीच में लाना और उनकी हर बात की बुराई करना, इससे लगता हैं कि पाकिस्तानी मानसिकता पीड़ितो की बीमारी की चौथी स्टेज तो आ ही गई है।
अब ऋषि सुनक के साथ भी यही हो रहा है। ऋषि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने की न्यूज़ आई तो सैकड़ों पाकिस्तानियों ने कॉमेंट करके ऋषि सुनक को बधाई दी, ढाई सौ से अधिक कॉमेंट में इक्के दुक्के ही आपको विरोध वाले मिलेंगे, बाक़ी सारे के सारे समर्थन और बधाई के कॉमेंट मिलेंगे। पाकिस्तानी उन्हें भारतीय मूल और साउथ एशियन मूल का कह कर गर्व प्रकट कर रहे हैं। उसी के उलट कल से भारतीय बुद्धिजीवी और “अतिवादी” पाकिस्तानी स्पोटर यही साबित करने में दुबले हुवे जा रहे हैं कि ऋषि सुनक भारतीय नहीं हैं। इसलिए भारतीयों को खुश होने की ज़रूरत नहीं है। “अतिवादी पाकिस्तानी स्पोटर” भाईयों के तो ऐसे ऐसे कॉमेंट आ रहे हैं कि उन्हें देखकर पता चल रहा है कि वो कितनी मानसिक पीड़ा से गुज़र रहे हैं। 2009 में जब ऋषि सुनक ब्रिटेन की संसद के सदस्य बने तब उन्होंने “भागवत गीता” की शपथ ली थी। वो स्वयं को हिंदू मानते हैं और हिंदू धर्म का पालन करते हैं। गौ माता की पूजा करते हैं। कृष्ण मंदिर जाते हैं। भारतीय उद्योगपति और इन्फोसिस के चेयरमैन नारायणमूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति उनकी पत्नी हैं। अनुष्का और कृष्णा ऋषि की दो बेटियां हैं। ऋषि सुनक के भाई “संजय” एक मनोवैज्ञानिक और बहन “राखी” यूनाइटेड नेशंस में ऊंचे पद पर कार्यरत हैं और कितना भारतीय चाहिए ये परिवार आपको? कुछ अतिवादी पाकिस्तानी मानसिकता पीड़ित कोंग्रेसियों को इस परिवार के नाम से लेकर आस्था तक में भारतीयता नहीं दिख रही है? क्योंकि इनके पास जनता से जुड़े मुद्दे तो है ही नही तो चलो मोदी और योगी की बुराई करके अपने वोट बढ़ा लिए जाये।
आज अगर विंस्टन चर्चिल जिंदा होता तो क्या सोचता, एक भारतीय मूल का और ब्रिटेन का प्रधानमंत्री। वो तो कोमा में चला जाता। ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्राइम मिनिस्टर वो भी विंस्टन चर्चिल की कंजरवेटिव पार्टी के बन चुके है। दोस्ती दुश्मनी का पंजाबियों का अंग्रेजों के साथ एक अजीब सा ही इतिहास रहा हैं। एक पंजाबी हिंदू के घर पैदा हुए उनके दादा पंजाब प्रांत के गुजरावाला शहर के आज उसी देश के प्रधानमंत्री बने जिन्होंने दो सौ साल राज किया हम पर इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति के इस दामाद से ब्रिटेन को काफी उम्मीदें है। आप सफल होंगे यही हमारी कामना है।
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