May 3, 2024

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कानपुर23अक्टूबर23*सस्पेंड होने के बाद भी दुश्मनी निकालना ना भूले काकादेव थाने के पूर्व थाना प्रभारी इंस्पेक्टर।

कानपुर23अक्टूबर23*सस्पेंड होने के बाद भी दुश्मनी निकालना ना भूले काकादेव थाने के पूर्व थाना प्रभारी इंस्पेक्टर।

कानपुर23अक्टूबर23*सस्पेंड होने के बाद भी दुश्मनी निकालना ना भूले काकादेव थाने के पूर्व थाना प्रभारी इंस्पेक्टर।

अपनी दुश्मनी निकालने के लिए पूर्व थाना प्रभारी ने पत्रकार पर लिख दिया बेबुनियादी मुकदमा ?

*क्षेत्र में फैले काले कारनामों को उजागर करना पत्रकार को पड़ा भरी क्योंकि गांजा तस्करों की थी थाना प्रभारी से तगड़ी यारी*

कानपुर । जैसा की वर्दी धारियों के लिए एक पुरानी कहावत है बाप बड़ा ना भईया सबसे बड़ा रुपैया ये कहावत वर्तमान में कानपुर शहर के एक चैनल के पत्रकार पर सटीक बैठती हैं मामला कुछ ऐसा है की पत्रकार महोदय शहर के काकादेव क्षेत्र में बिक रहे मादक पदार्थों और क्षेत्र में सज रहीं जुएं की फड़ की खबरें प्रमुखता से दिखा रहे थे । जो बात वर्तमान इंस्पेक्टर काकादेव शर्मा को रास नहीं आ रही थी

*पत्रकार को पूर्व इंस्पेक्टर काकादेव विनय शर्मा से जान का खतरा* ?

हालंकि वर्तमान में ये क्षेत्र इन कार्यों में अव्वल रहा है जो जग जाहिर है । जिस कारण यहां की खबरें शहर के ज्यादातर पत्रकारो की कलम से लिखी जा चुकी हैं । वहीं दूसरे थाना नवाबगंज के थाना प्रभारी की पत्रकार से दोस्ती भी जगजाहिर है । पत्रकार महोदय इस क्षेत्र के गुड वर्क खूब दिखा रहे जो काकादेव थाने के पूर्व थाना प्रभारी को नागवार लग रही थीं । वर्दी की ताकत को दिखाते हुए पूर्व थाना प्रभारी काकादेव ने विगत दिनों एक पूर्व पार्षद से अपने मातहतों को एक प्रार्थना पत्र दिला कर पत्रकार को चक्रवीयू में फसा लिया । अभी चक्रवीयु की रूप रेखा तैयार हो ही रही थी की काकादेव थाना प्रभारी पत्रकार को निपटाने में लग गए । उन के क्षेत्र के मादक तस्कर नवाबगंज क्षेत्र में लगभग 2 किलो गांजे के साथ नवाबगंज पुलिस के हत्थे चढ़ गए । फिर क्या काकादेव प्रभारी के मन में आया एक तीर से दो निशान उन्होंने पत्रकार को निपटाने के लिए पकड़े गए मादक तस्कर के परिजनों से अपहरण का प्रार्थना पत्र ले लिए (जो सोशल मीडिया में वायरल हुआ जिस की पुष्टि हम नही करते) और नवाबगंज प्रभारी को फोन कर धमकी दे डाली । पत्रकार के अनुसार पत्रकार को फसाने के लिए थाना प्रभारी ने मादक तस्कर के परिजनों से पत्रकार को 7 से,10 फोन काले कराई जिनमें मिस काल या फिर कोई आवाज नहीं आई तो पत्रकार ने रिटर्न काल की तो उसका बेस बना कर मादक तस्कर को छोड़ने के लिए फिरौती मांगने का बेबुनियादी आरोप लगवा डाला । मामला हाई प्रोफाइल हो जाने के बाद उच्च अधिकारियों ने जांच कराई तो प्रथम दृष्टिया थाना प्रभारी काकादेव दोसी पाया गया जिसके चलते थाना प्रभारी काकादेव विनय शर्मा को निलंबित कर दिया गया । लेकिन जाते जाते थाना प्रभारी काकदेव विनय शर्मा पत्रकार से अपनी दुश्मनी निकालना ना भूले और पूर्व पार्षद के प्रार्थना पत्र पर मुकदमा पंजीकृत कर गए ।

*सबसे बडा सवाल की आखिर सस्पेंड होने के बाद भी कैसे दर्ज किया काकादेव इंस्पेक्टर ने पत्रकार पर मुकदमा ?*

पत्रकार और उसका परिवार इस घटना से काफी भयभीत बताया जा रहा है और उस पत्रकार के साथ कोई अनहोनी घटना न घट जाए इस को लेकर पूरा परिवार परेशान हैं ।

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