October 14, 2024

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वाराणसी09सितम्बर24*राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने शिक्षकों को महिमा मंडित किया है* - प्रो. पी. के.शर्मा

वाराणसी09सितम्बर24*राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने शिक्षकों को महिमा मंडित किया है* – प्रो. पी. के.शर्मा

वाराणसी09सितम्बर24*राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने शिक्षकों को महिमा मंडित किया है* – प्रो. पी. के.शर्मा

वाराणसी से प्राची राय यूपीआजतक

वाराणसी राष्ट्रीय शौक्षिक महासंघ का शिक्षक सम्मान संगोष्ठी का भव्य आयोजन डॉ घनश्याम सिंह पी जी कॉलेज सोयेपुर,वाराणासी में हुआ। महाविद्यालय क़ी छात्राओं ने डॉ नैन्सी श्रीवास्तव के निर्देशन में सरस्वती वंदना एवं स्वागत गान हुआ।
कार्यक्रम में प्राथमिक माध्यमिक एवं उच्चशिक्षा से अवकाश प्राप्त कुल 39 शिक्षकों को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए अंग वस्त्रम,पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ के कुलपति प्रो पी के शर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कहा कि शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने महिमा मंडित किया है।अब शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे पूरे मनोयोग से राष्ट्र की नई पीढ़ी के निर्माण में अपना पूरा योगदान दें।शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता बल्कि अनवरत वह नई पीढ़ी को गढ़ने का कार्य करता है।मुख्य अतिथि के रूप में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के मा कुलपति प्रो आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि यदि अपने जीवन काल में शिक्षक एक उपयुक्त शिष्य प्राप्त कर लेता है और उसका उत्कृष्ट विकास कर देता है तो सार्थक हो जाता है।प्रो राम कुमार सिंह, मा. कुलपति, विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद, झारखंड ने राष्टीय शैक्षिक महासंघ के इस सम्मान समारोह की तारीफ करते हुए शिक्षको से अपना बेहतर से बेहतर देने का आह्वान किया।प्रो पी एन सिंह,निदेशक,अन्तर विश्वविद्यालय अध्यापक प्रक्षिक्षण संस्थान,बी एच यू वाराणासी ने शिक्षकों के उत्तम स्वास्थ्य और सतत क्रियाशील बने रहने का आह्वान किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एम जी काशी विद्यापीठ,वाराणासी के दो बार पूर्व कुलपति रह चुके प्रो पृथ्वीश नाग ने किया और कहा कि शिक्षक समाज को,राष्ट्र को नई दिशा प्रदान करता है।शिक्षक हर देशकाल में सम्मानित रहा है।साथ ही समाज का सबसे सशक्त व्यक्ति होता है।आये हुए अभ्यागतों का स्वागत डॉ घनश्याम सिंह महाविद्यालय के प्रबंधक श्री नागेश्वर सिंह ने किया।विषय प्रवर्तन करते हुए महासंघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं संरक्षक डॉ दीना नाथ सिंह ने शिक्षा में मानवीय मूल्यों,नैतिकता और मानवता से परिपूर्ण गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने की बात की।कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले शिक्षकों में प्रो मया नन्द उपाध्याय,प्रो रामजीत सिंह, डॉ वेणी माधव,डॉ रामजी पाठक,डॉ अर्चना श्रीवास्तव,श्री शम्भू नाथ चतुर्वेदी,प्रो शैलेन्द्र पांडेय,श्री कृष्णा नंद दुबे,श्रीमती गीता यादव,श्री ओमप्रकाश यादव,श्री हरीन्द्र पांडेय, डॉ आकांक्षा त्रिपाठी,श्री रामजी प्रसाद,श्री लहजू कुशवाहा आदि थे।इस अवसर पर सकलडीहा पी जी कॉलेज चंदौली के समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो दया शंकर सिंह यादव की पुस्तक 21वीं सदी के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विमोचन भी अतिथियों ने किया।

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