पूर्णिया बिहार 5 जनवरी 25*अंजुमन तरक्की ए उर्दू बिहार के पूर्णिया ईकाई का एक बैठक आयोजित ।
मोहम्मद इरफान कामिल यूपी आज तक चैनल पूर्णिया बिहार।
पूर्णिया बिहार। पूर्णिया के मुस्तफा कॉलोनी अमबी रेडीकल्स इंग्लिश स्कूल में अंजुमन तरक्की ए उर्दू बिहार के पूर्णिया ईकाई का एक बैठक आयोजन किया गया।जिसकी अध्यक्षता पूर्णिया कालेज पूर्णिया के प्रोफेसर मोहम्मद आफताब आलम
जबकि मंच का संचालन पूर्णिया कॉलेज के प्रोफेसर एवं अंजुमन तरीका उर्दू बिहार के पूर्णिया सदर प्रोफेसर मुजाहिद हुसैन बखूबी निभा रहे थे। बैठक में मुख्य अतिथि लाइन बाजार स्थित प्रसिद्ध सर्जन डॉक्टर एम इस्लाम थे इसकेअलावा एहसान काशमी, शहजाद अर्शी रहे, वहीं विशिष्टअतिथि बिहार प्रदेश जनता दल यूनाईटेड अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के विशेष आमंत्रित सदस्य अंजुमन तारीके उर्दू बिहार स्टेट के उपाध्यक्ष मो वसीम कमाली थे
इस मौके पर प्रसिद्ध सर्जन डॉक्टर एम इस्लाम ने कहा कि उर्दू बिहार की दूसरी सरकारी जवान है उर्दू उर्दू की तरक्की के लिए हम सबको बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना होगा डॉक्टर एम इस्लाम ने कहा कि उर्दू के बगैर हर जबान अधूरी है उन्होंने अंजुमन तरक्की उर्दू के नई कमेटी के तमाम पदाधिकारी एवं सदस्यों को मुबारकबाद पैश किया।
प्रो मो आफताब आलम साहब ने कहा कि उर्दू ऐसी जुबान जिसके बिना हिन्दी अधुरी है।
जिसने उर्दू को लिखना, पढ़ना और बोलना सीख लिया उसके लिए और भी जुबान सीखना आसान है। पूर्णिया कॉलेज के प्रोफेसर एवं पूर्णिया अंजुमन तरक्की उर्दू के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद मुजाहिद हुसैन ने कहा कि उर्दू जबान है तो हम हैं उर्दू के बगैर हम लोगों की जिंदगी ना मुकम्मल है। डॉ मोहम्मद मुजाहिद हुसैन ने नई कमेटी के तमाम पदाधिकारी एवं सदस्यों का परिचय करवाया। मौजूद लोगों ने डॉक्टर मोहम्मद मुजाहिद हुसैन साहब का जन्म का तारीफ की और कहा की डॉक्टर साहब का देन है कि आज पूर्णिया में फरोगे उर्दू के लिए अंजुमन तरक्की ए उर्दू की नई कमेटी वजूद में आई है इसके लिए डॉक्टर साहब को दिल की गहराइयों से बहुत-बहुत मुबारकबाद
पूर्णिया अंजुमन तरक्की ए उर्दू बिहार के सदस्य मोहम्मद इरफान कामिल ने कहा कि उर्दू ज़बान हिन्दुस्तान की गंगा जमुना की तहज़ीब है,जिसकी हिफाजत करना हम लोगों पर लाज़मी है ।
मो वसीम कमाली ने कहा कि उर्दू हमारी देश की संस्कृति व सभ्यता की पहचान है। जिसके लिए नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार सरकार ने हजारों हजार की संख्या में उर्दू, फारसी और अरबी की शिक्षकों क बहाली कर रहे हैं, फिर भी सीटें खाली रह जाती है। मुस्लिम भाईयों से गुजारिश की जो पहले उर्दू की सभ्यता और संस्कृति थीं उसे फिर से जमीन पर उतारना जरूरी है,साथ ही मदरसा को पहले जैसे सुबह-शाम बच्चे को विशेष रूप से सुनिश्चित कर पढ़ाया लिखाया जाता था, फिर शुरू करने की जरूरत है।
अंजुमन तरक्की ए उर्दू बिहार के सचिव अब्दुल कैयूम अंसारी से माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने कहा कि उर्दू को मजबूत करवाइए,साथ ही वसीम कमाली ने कहा कि पूर्णियां वासियों से गुजारिश की के अपने बच्चों को उर्दू जुबान में तालीम दें, क्योंकि उर्दू हमारी हिन्दुस्तान की जुबान है। उर्दू अखबार और रसाला जरूर खरीदें और पढ़ें। कार्यालय में आवेदन उर्दू में जरूर दें। अपनी अपनी घर और दुकानें में नेम प्लेट उर्दू में लिखवाएं।
रोज़मर्रा की जिंदगी में उर्दू की बोल चाल करें।
बैठक में मोहम्मद मनावर ,नूर अख्तर हाशमी,मो दानिश अजमल,मो परवेज़ आलम इत्यादि बढ़ी संख्या में लोग मौजूद रहें।
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