कौशांबी19जून24*पशु पालक गोवंशीय महिषवंशीय पशुओं का करायें ईयर टैंगिंग–सीवीओ*
*15 जुलाई से पशुओं को खुरपका मुहॅपका का लगाया जायेंगा टीका*
*कौशाम्बी।* मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 ए0के0 सागर ने पशु पालकों को सूचित किया है कि गोवंशीय महिषवंशीय सभी पशुओं की टैंगिंग अनिवार्य कर दी गई है। बिना टैग किये गये पशु को राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त किसी भी योजना का लाभ नही दिया जायेंगा। टैग नम्बर के माध्यम से ही टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान आदि का कार्य किया जायेंगा, यदि कोई पशुपालक अपने पशुओं को बेचता है, तो टैग नम्बर न होने के कारण पशु की पहचान नहीं हो सकती, ऐसी स्थिति में उसका परिवहन प्रतिबन्धित हो जायेंगा। इसके साथ ही दैवीय आपदा में पहचान के लिए यदि टैग नम्बर नहीं है, तो उसकी सहायता राशि दे पाना सम्भव नहीं होगा।
वर्तमान में बारिश के पूर्व गलाघोटू बिमारी का टीकाकारण किया जाता है, जो वर्तमान समय में पूरे जनपद में किया जा रहा है, ताकि पशुओं को गलाघोटू रोग से बचाया जा सकें। पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत दिनांक 15 जुलाई 2024 से खुरपका/मुहॅपका रोग उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जायेंगा, जिसमें प्रत्येक पशु को खुरपका/मुहॅपका का टीका लगाया जायेंगा, समस्त टीके निशुल्क लगाये जायेंगे। यदि किसी ग्रामसभा में टीकाकरण कार्य छूट जाता है, तो निकटस्थ ब्लाक स्तरीय पशु चिकित्साधिकारी से अथवा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय से सम्पर्क कर टीकाकरण कार्य करा लें।
बकरी एवं सूकर पालन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद में बकरी पालन की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए जो भी पशुपालक बकरी पालन एवं सूकर पालन का प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते है, वह पशुपालन विभाग द्वारा उनके लिए निःशुल्क रूप से पशुपालन विभाग के प्रशिक्षण केन्द्र इटावा एवं अलीगढ़ में प्रशिक्षण की व्यवस्था है, जो भी पशुपालक सूकर पालन एवं बकरी पालन के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते है, वे मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर आवेदन कर सकतें हैं। आवेदन किसी भी कार्यदिवस पर जमा कर सकतें हैं।
बकरी पालन सूकर पालन में नेशनल लाइव स्टाक मिशन योजनान्तर्गत प्रदेश के समस्त जनपदों में बकरी पालन एवं सूकर पालन की योजना के माध्यम से पशुपालन में उद्यमिता को बढाने के लिये प्रदेश में बकरी पालन/सूकर पालन की योजना चलाई जा रही है, जो 20 लाख रूपये से शुरू होकर 01 करोड़ रूपये तक की योजना है, जिसमें 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है, इसके लिए एन0एल0एम0 की वेवसाइट अथवा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय के माध्यम से आवेदन किया जा सकता हैं।
लेयर फार्मिंग योजना में कुक्कुट विकास नीति-2022 के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद में अण्डा उत्पादन बढ़ाने के लिए 10000 लेयर से 30000 लेयर बर्ड के कुक्कुट फार्म स्थापित करने की योजना है, जिसके अन्तर्गत 10000 लेयर बर्ड की यूनिट जिसकी लागत 99.53 लाख रूपये एवं 30000 लेयर बर्ड की यूनिट जिसकी लागत 256.69 लाख रूपये है। इस योजना के अन्तर्गत किये गये ऋण का 07 प्रतिशत ब्याज की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा की जाती है, फार्म के लिए क्रय अथवा लीज पर ली गयी भूमि स्टाम्प ड्यूटी की है, उक्त कार्य को करने वाले इच्छुक व्यक्ति मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस में सम्पर्क कर योजना का लाभ ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अन्तर्गत जनपद में संचालित निराश्रित गौ-आश्रय स्थल में से कोई भी व्यक्ति अपने विकास खण्ड के अन्तर्गत आने वाले किसी भी गौ आश्रय स्थल से अधिकतम 04 गौवंश प्राप्त कर सकता है, जिसके लिए भरण पोषण हेतु 50 रूपये प्रति गौवंश के आधार पर प्रति माह 1500 रूपये प्रदान किया जाता है। इच्छुक पशुपालक पशुपालन विभाग से सम्बन्धित किसी भी संस्था या खण्ड विकास अधिकारी से सम्पर्क कर योजना का लाभ उठा सकता है।
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