July 27, 2024

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कानपुर05अप्रैल24*डा० नागेन्द्र स्वरूप स्मृति व्याख्यान माला के अंतर्गत एक विषेष व्याख्यान का आयोजन किया गया

कानपुर05अप्रैल24*डा० नागेन्द्र स्वरूप स्मृति व्याख्यान माला के अंतर्गत एक विषेष व्याख्यान का आयोजन किया गया

कानपुर05अप्रैल24*डा० नागेन्द्र स्वरूप स्मृति व्याख्यान माला के अंतर्गत एक विषेष व्याख्यान का आयोजन किया गया

आज दिनांक 05.04.2024 को प्रातः 9:30 बजे से भूगोल विभाग, दयानन्द एंग्लो वैदिक पी०जी० कालेज, कानपुर द्वारा डा० नागेन्द्र स्वरूप स्मृति व्याख्यानमाला के अंतर्गत एक विषेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान का षीर्षक “जलवायु परिवर्तन कारण एवं प्रभाव” रखा गया। उक्त विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में एम०जी०एम० पी०जी० कालेज, सम्भल, मुरादाबाद के प्राचार्य प्रोफेसर (डा०) योगेन्द्र सिंह जी को आमंत्रित किया गया है।

कार्यक्रम का षुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन और माता सरस्वती की वंदना से प्रारंभ हुआ। अतिथियों का स्वागत करने के उपरान्त भूगोल विभाग के प्रभारी प्रोफेसर (डा०) रोमल सक्सेना जी ने कहा कि आज पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन, भूमण्डलीय ऊष्मन और पर्यावरण अवनयन जैसी विनाषकारी घटनाएं सम्पूर्ण जीव जगत के लिए एक बडी चुनौती के रूप में घटित हो रही हैं। हरित गृह प्रभाव और ग्लोबल वार्मिंग के फलस्वरूप समुद्र सतह में निरंतर वृद्धि हो रही है, जिसके कारण तटवर्ती क्षेत्रों में बसे हुए नगरीय जनजीवन को हानि होने की सम्भावना है। यह सभी जलवायु में परिवर्तन के फलस्वरूप हुए है।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर (डा०) अरूण कुमार दीक्षित जी ने अध्यक्षीय उ‌द्बबोधन और व्याख्यान के विषय का प्रवर्तन करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण सम्पूर्ण दुनिया भर में गर्मी के लहरें, तीव्र तूफान और लंबे समय तक सूखा जैसी चरम मौसमी घटनायें बढ रही हैं, जिससे प्रत्येक वर्ष हजारों लोगो की जान जा रही है। अभी दिल्ली एवं कुछ अन्य महानगरों में स्मोग की समस्या इतनी भयावह हो गई कि लोगों ने स्वयं को घर में कैद कर लिया तथा स्कूल-कालेज बन्द हो गए। जलवायु परिवर्तन का मानवीय और प्राकृतिक दोनों पर विनाषकारी प्रभाव पड रहा है। मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर (डा०) योगेन्द्र सिंह जी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन हमारे ग्रह पर

जैव विविधता के लिए सबसे बडे खतरों में से एक है। उन्होने आगे बताया कि बदलती जलवायु में वन्य जीवों और आवासों को संरक्षित करने के लिए तथा हमें उन विषिष्ट खतरों को समझने के लिए सर्वोतम उपलब्ध विज्ञान का उपयोग करना चाहिए, जिनका वन्य जीवों और पारिस्थितिकी तंत्र को सामना करना पड रहा है। हम सभी भूगोलवेत्ताओं एवं पर्यावरणविदों का यह परम कर्तव्य है कि जलवायु परिवर्तन की समस्याओं और चुनौतियों के समाधान हेतु गहन चिंतन किया जाए। कार्यक्रम का समापन डा० कुमार अमित के धन्यवाद ज्ञापन से सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन

संस्कृत विभाग के षिक्षक डा० सवितुर प्रकाष गंगवार के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में विभाग के सभी षिक्षक डा० प्रभा षंकर श्रीवास्तव, डा० रोमल सक्सेना, डा० कुमार अमित, श्री सुधीर कुमार, डा० हनी मिश्रा, डा० नूपुर बुधौलिया, डा० अनुपमा सिंह, श्री प्रवीन कुमार एवं विभाग के श्री अमित पाल, श्री षिव गोपाल यादव, श्री ओम प्रकाष यादव, श्री राम इकबाल ठाकुर, श्री अमित कुमार सक्सेना, मनोज कुमार तथा षोधार्थी, स्नातक एवं परास्नातक छात्र/छात्राएं उपस्थित रहें।

(प्रो० रोमल सक्सेना) प्रभारी, भूगोल विभाग दयानन्द एंग्लो वैदिक पी०जी० कालेज, कानपुर।

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