- बंगाल10अप्रैल25 में मुस्लिम भीड़ का उत्पात: CM ममता बनर्जी ने वक्फ संपत्तियों की रक्षा की कसम खाई, TMC के समर्थन में इस्लामवादी विरोध प्रदर्शन में हुए शामिल*
पश्चिम बंगाल में हालात बहुत बिगड़ गए हैं। इस्लामी भीड़ ने कई जगहों पर हंगामा मचा रखा है। ये सब नये वक्फ एक्ट के खिलाफ हो रहा है। कुछ इस्लामी लीडर और टीएमसी जैसी पार्टियाँ इसे मुसलमानों के खिलाफ कानून बता रही हैं। राज्य में हिंसा चल रही है और इसी बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुसलमानों का साथ देने की बात कही है।
ममता बनर्जी ने वक्फ प्रॉपर्टी की हिफाजत का वादा किया है। बुधवार (9 अप्रैल 2025) को कोलकाता में जैन समुदाय के एक कार्यक्रम में ममता ने कहा, “याद रखो, जब तक दीदी है, दीदी तुम्हें और तुम्हारी प्रॉपर्टी को बचाएगी।”
ममता पहले भी कह चुकी हैं कि अगर केंद्र में बीजेपी की सरकार चली गई तो वक्फ एक्ट खत्म हो जाएगा। उनका कहना है, “जैसे ही ये सरकार (बीजेपी वाली नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) सत्ता से हटेगी और नई सरकार आएगी, ये बिल रद्द हो जाएगा।” वो लगातार इस कानून के खिलाफ बोल रही हैं। बता दें कि टीएमसी के राज में बंगाल में पिछले कुछ दिनों से मुस्लिम भीड़ की हिंसा कई जगहों पर देखी गई है। मुर्शिदाबाद, मालदा, नादिया और बहरामपुर में खूब बवाल हुआ है।
मुरशिदाबाद में पत्थरबाजी के साथ गाड़ियों को किया गया आग के हवाले
मुर्शिदाबाद जिले में मंगलवार (8 अप्रैल 2025) को वक्फ एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुआ। वहाँ की भीड़ ने जंगीपुर और उमरपुर में पत्थर फेंके और गाड़ियाँ जला दीं। हिंसक भीड़ ने सिक्योरिटी फोर्स से भिड़ंत की और नेशनल हाइवे 12 पर पुलिस पर पत्थरबाजी की। कई पुलिसवाले घायल हो गए। सिक्योरिटी फोर्स को भीड़ को हटाने के लिए बल और आँसू गैस के गोले इस्तेमाल करने पड़े।
जिला प्रशासन ने रघुनाथगंज और सुति थाना इलाकों में पाबंदियाँ लगा दीं। बाजार बंद करवा दिए गए और इंटरनेट सर्विस रोक दी गई। 800 से ज्यादा पुलिसवालों की टीमें जिले में तैनात की गई हैं ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे। एक सीनियर पुलिस अफसर ने बताया, “संवेदनशील इलाकों में पाबंदियाँ लगाई गई हैं, जो गुरुवार, 10 अप्रैल को शाम 6 बजे तक रहेंगी। राज्य सचिवालय ने ऑर्डर दिया है कि जंगीपुर सब-डिवीजन में 11 अप्रैल शाम 6 बजे तक सारी इंटरनेट सुविधाएँ बंद रहेंगी। ये कदम गलत खबरें और डर फैलने से रोकने के लिए उठाया गया है। अब हालात काबू में हैं।”
जंगीपुर के SP आनंद रॉय ने कहा कि पुलिस ने हिंसा में शामिल 22 लोगों को पकड़ा है। इसमें से 8 को हिरासत में लिया गया है। दो पुलिस गाड़ियाँ जलाई गई थीं। पुलिस जाँच कर रही है। SP ने कहा, “कल यहाँ हिंसा हुई थी। कानून-व्यवस्था की दिक्कत हुई। पुलिस ने एक्शन लिया और गिरफ्तारियाँ कीं। यहाँ 163 BNSS लागू है। इंटरनेट बंद है। चीजें काबू में हैं। पत्थरबाजी हुई थी। पुलिस की दो गाड़ियाँ जल गईं। हमने सारे कानूनी कदम उठाए हैं। 22 गुंडों को पकड़ा गया है, 8 को आगे की जाँच के लिए हिरासत में लिया गया है। केस दर्ज हो गया है।”
इस बीच, इस पूरे घटनाक्रम पर राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने राज्य सरकार से रिपोर्ट माँगी है।
नादिया में इस्लामी भीड़ ने पुलिस को दौड़ाया
नादिया जिले के कनाई नगर इलाके में भी मंगलवार (8 अप्रैल 2025) को ऐसी ही हिंसा हुई। बीजेपी IT सेल के हेड अमित मालवीय ने X पर कुछ वीडियो शेयर किए। उन्होंने कहा कि इस्लामी भीड़ ने पुलिस पर हमला किया। मालवीय ने ममता सरकार पर इल्जाम लगाया कि वो हिंसा को बढ़ावा दे रही है और पुलिस की हिफाजत नहीं कर पा रही। वीडियो में दिखा कि भीड़ एक पुलिसवाले को दौड़ा रही थी, जो पास के पेट्रोल पंप में छिपकर बचा।
मालवीय ने लिखा, “कल शाम नादिया के कनाई नगर में हालात बहुत खराब थे। ममता बनर्जी की शह पर इस्लामिस्ट भीड़ ने पुलिस पर हिंसक हमला किया। अपनी जान बचाने के लिए पुलिसवालों को पास के पेट्रोल पंप पर छिपना पड़ा। इतनी बड़ी घटना के बावजूद ममता बनर्जी, जो गृह मंत्री भी हैं, वो लोगों को गुमराह करने के लिए वक्फ बोर्ड पर बयानबाजी कर रही हैं। वो कानून-व्यवस्था की बात को छोड़ रही हैं। अपनी पुलिस को भी सुरक्षित नहीं रख पाईं। अब वक्त है कि बंगाल की पुलिस इस सियासी दुरुपयोग के खिलाफ खड़ी हो और राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल करे।”
मालदा में इस्लामी भीड़ ने रोकी ट्रेनें
इस बीच, मालदा के निम्तिता रेलवे स्टेशन पर सोमवार (7 अप्रैल 2025) को वक्फ एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रही मुस्लिम भीड़ ने घंटों तक ट्रेनें रोकीं। प्रदर्शनकारियों ने आजिमगंज-मालदा पैसेंजर ट्रेन को निम्तिता स्टेशन पर रोक दिया। रेलवे मालदा डिवीजन की प्रेस रिलीज के मुताबिक, सुजनीपारा में भी ट्रेनें रोकी गईं। रेलवे पुलिस फोर्स (RPF) ने दखल देकर हालात को काबू में किया।
बंगाल में वक्फ एक्ट के खिलाफ हाल की भीड़ हिंसा की घटनाएँ दिसंबर 2019 में मुरशिदाबाद में शुरू हुए CAA विरोध की याद दिलाती हैं। CAA विरोध भी हिंसक प्रदर्शनों से शुरू हुआ था, जिसमें ‘प्रदर्शनकारियों’ ने मुरशिदाबाद में रेलवे स्टेशन कॉम्प्लेक्स को आग लगा दी थी और बेलडांगा रेलवे स्टेशन पर RPF कर्मियों पर हमला किया था। ट्रेन स्टेशनों को तोड़ने और ट्रेनें रोकने की ऐसी ही घटनाएँ बंगाल के अलग-अलग इलाकों में हुई थीं। वो प्रदर्शन जल्द ही 2020 के दिल्ली में हिंदू-विरोधी दंगों में बदल गए थे। CAA विरोध से लेकर वक्फ एक्ट विरोध तक, लगता है कि पश्चिम बंगाल इस्लामी भीड़ की हिंसा के लिए एकदम सही जगह बन गया है, जो किसी न किसी कानून के खिलाफ बहाने से हंगामा करती है।
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