July 30, 2025

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कौशाम्बी21अक्टूबर23*भारतीय इतिहास को समझने के लिए राष्ट्र की चित्त को समझना होगा--संजय हर्ष*

कौशाम्बी21अक्टूबर23*भारतीय इतिहास को समझने के लिए राष्ट्र की चित्त को समझना होगा–संजय हर्ष*

कौशाम्बी21अक्टूबर23*भारतीय इतिहास को समझने के लिए राष्ट्र की चित्त को समझना होगा–संजय हर्ष*

*कौशाम्बी* इतिहास का संबंध किसी एक विषय या विचारधारा तक सीमित नहीं बल्कि इसमें राष्ट्र का शाश्वत मूल्य व्यक्त होता है। राष्ट्र की आत्मा, राष्ट्र की चिति ही इतिहास का विषय है। नई पीढ़ी को अपने राष्ट्र के वास्तविक इतिहास से परिचित कराने का दायित्व सदैव पुरानी पीढ़ी का रहा है। यह विचार अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय सह संगठन सचिव संजय श्रीहर्ष ने व्यक्त किया। वह इतिहास संकलन समिति काशी प्रांत के निर्देशन में इतिहास ज्ञान प्रतियोगिता के लिए मंझनपुर में आयोजित आयोजकों व संयोजकों की बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन इतिहास संकलन समिति कौशाम्बी इकाई और कौशाम्बी के गौरवशाली पौराणिक इतिहास को विश्व मानस पटल पर प्रस्फुटित कर राष्ट्र को मजबूत करें।बैठक की अध्यक्षता डॉक्टर आनन्द शंकर सिंह ने की उन्होंने अपने संबोधन में इस बात को रेखांकित किया कि संस्कृति और इतिहास के महत्वपूर्ण तथ्यों का अभ्यास और प्रचार प्रसार युवाओं में अपने देश के प्रति लगाव पैदा करेगा और उन्हें राष्ट्रीय सेवा के लिए प्रेरित करेगा। कौशाम्बी के अद्वतीय इतिहास को समझने के लिए प्रेरित किया।कौशाम्बी का इतिहास भारत ही नही सम्पूर्ण विश्व पटल पर अनूठा है।

इतिहास संकलन समिति के जिलाध्यक्ष कौशलेंद्र ने विषय का प्रवर्तन करते हुए इतिहास ज्ञान प्रतियोगिता की रूपरेखा प्रस्तुत की। प्रतियोगिता का आयोजन दिसंबर और जनवरी में किया जाएगा जिसमें माध्यमिक स्नातक और परास्नातक के विद्यार्थी भाग लेंगे। प्रतियोगिता का आयोजन जनपद में तीन चरणों में सम्पूर्ण जिले में किया जाना प्रस्तावित है। इसमें इतिहास संस्कृति और सामान्य ज्ञान के प्रश्न सम्मिलित होंगे। बैठक को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि त्रियुगी नारायण मिश्र ने कहा कि मानव के रक्त मांस का प्रत्येक अणु राष्ट्र से बना है, इसे समझने के इतिहास सबसे सार्थक है। बैठक में अतिथियों का स्वागत डॉ0 अनूप त्रिपाठी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन महासचिव सूर्यप्रकाश ने सभी का आभार व्यक्त किया। संगोष्ठी का संचालन आयुष युवा इतिहासकार कौशाम्बी ने किया।विद्यार्थी परिषद व विद्या भारती के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस बैठक में रघुनाथ, पुष्पेंद्र मौर्य, संतोष शुक्ला, संदीप ,आनन्द सिंह,ओमदत्त,अतुल ,ऋचा, शालिनी सिंह, हर्ष ,प्रशांत केशरी आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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