औरैया06मई*आचार्य ने गोवर्धन लीला का भक्तों को कराया रसपान*
*गोवर्धन लीला की कथा सुन झूम उठे श्रद्धालु भक्तगण*
*औरैया।* शहर के उमेश वाटिका में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन शुक्रवार को कथा वाचक आचार्य अरुण अवस्थी ने गोवर्धन लीला की कथा का श्रद्धालु भक्त गणों को रसपान कराया, कथा सुनकर श्रद्धालु भक्तगण झूम उठे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं से जहां कंस के भेजे विभिन्न राक्षसों का संहार किया, वहीं ब्रज के लोगों को आनंद प्रदान किया। कथा के दौरान भगवान गिरिराज पर्वत को उठाते हुए सुंदर झांकी सजाई गई। इस दौरान भजनों पर श्रद्धालु देर तक नाचते रहे।
आचार्य ने कहा कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति पर घमंड हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करा दी। इससे गुस्साए इंद्र ने ब्रज मंडल पर भारी बरसात कराई। प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ। इंद्र का अभिमान तोड़ने के लिए श्रीकृष्ण ने गोवर्धन लीला की थी।
शुक्रवार को आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सुनाते हुए कहा कि श्री कृष्ण जब छह दिन के थे, तब उन्होंने सुंदर नारी बनकर आई पूतना राक्षसी का उद्धार किया था। कंस ने कृष्ण को मारने के लिए अनेक राक्षसों को भेजा था, लेकिन उन्होंने सबका उद्धार किया था। श्री कृष्ण ने माखन चोरी सहित कई लीला दिखाते हुए मुंह में मिट्टी लेकर अपनी माता यशोदा को ब्रह्मांड के दर्शन कराए थे। उन्होंने कालिया नाग का उद्धार किया। भगवान श्रीकृष्ण उपकारी हैं, दया करने वाले हैं , और उद्धारकर्ता हैं। कथा प्रसंग के दौरान बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।
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