पंजाब 11 सितम्बर 2023* राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव संदीप पाठक से मुलाकात की
संवाददाता – पंजाब से सत्यनारायण शर्मा की रिपोर्ट, न्यूज़ यूपीआजतक
पंजाब 11 सितम्बर 2023* हरप्रीत सिंह ने लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा करने के लिए राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव संदीप पाठक से मुलाकात की
अबोहर, 11 सितम्बर (शर्मा/सोनू): अबोहर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एडवोकेट हरप्रीत सिंह के बेटे सफल हरप्रीत सिंह ने दिल्ली में राज्यसभा सांसद संदीप पाठक के साथ आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर रणनीति बनाने और चर्चा करने के लिए संदीप पाठक से मुलाकात की, जिसमें मुख्य रूप से अबोहर नेतृत्व के मुद्दों पर चर्चा की गई।
अनुभवी राजनेता और आम आदमी पार्टी के प्रमुख सदस्य संदीप पाठक ने सफल हरप्रीत सिंह की उनके समर्पण और दूरदर्शिता के लिए सराहना की। उन्होंने कहा, सफल हरप्रीत सिंह जैसे युवा की ऊर्जा और उत्साह हमारी पार्टी के विकास और सफलता के लिए आवश्यक है। उनके नए विचार और बदलाव के लिए जुनून ही ्र्रक्क का प्रतीक है, और मुझे विश्वास है कि उनकी भागीदारी के साथ, हम आगामी लोकसभा चुनाव में जोरदार प्रभाव डालेंगे।
बाद में सफल हरप्रीत सिंह ने बताया कि वह आगामी लोकसभा चुनावों के लिए संदीप पाठक जी के संपर्क में हैं और उनके मार्गदर्शन से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है और उन्होंने आश्वासन दिया कि वे आम आदमी पार्टी को अच्छी स्थिति में लाने के लिए निर्वाचन क्षेत्र में काम करेंगे और तेजवीर बराड़ अबोहर के युवा प्रभारी हैं और आम आदमी पार्टी को बेहतर मोर्चे पर लाने के लिए मिलकर काम करेंगे और उन्होंने यह भी बताया कि अगर एक राष्ट्र एक चुनाव बिल सत्ता में आता है तो जल्दी चुनाव होने की संभावना है, अबोहर आम आदमी पार्टी में टीम बिलकुल तैयार है
उन्होंने यह भी बताया कि आम आदमी पार्टी लोकसभा फिऱोज़पुर के निर्वाचन क्षेत्र में बहुत मजबूत है क्योंकि इसके कई कारण हैं लेकिन मुख्य कारण यह है कि राज्यसभा एमपी संदीप पाठक ने अपनी एमपीएलएडी निधि आवंटित करने के लिए लोकसभा फिऱोज़पुर को चुना है और उन्होंने फिऱोज़पुर के पास के गांवों को गोद लिया है।
फोटा: सफलहरप्रीत सिंह संदीप पाठक से मुलाकात करते।
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संस्कृत विभाग की शोध संगोष्ठी संपन्न वाराणसी से प्राची राय यूपीआजतक गाजीपुर। स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर के भाषा संकाय के अन्तर्गत संस्कृत विभाग की पूर्व शोध प्रस्तुत संगोष्ठी का आयोजन विभागीय शोध समिति एवं अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के तत्वावधान में महाविद्यालय के सेमिनार कक्ष में किया गया। जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी व छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे। उक्त संगोष्ठी मे संस्कृत विभाग शोधार्थिनी रजनी सिंह ने अपने शोध-प्रबन्ध शीर्षक ‘‘ब्रह्मवैवर्तपुराण: एक समीक्षात्मक अध्ययन’’ नामक विषय पर शोध प्रबन्ध व उसकी विषय वस्तु प्रस्तुत करते हुए कहा कि ब्रह्मवैवर्त पुराण मुख्यतः वैष्णव पुराण है। इसके प्रमुख प्रतिपाद्य देवता विष्णु-परमात्मा श्रीकृष्ण हैं। यह चार खण्डों में विभाजित है- ब्रह्मखण्ड, प्रकृति खण्ड, गणपतिखण्ड तथा श्रीकृष्णजन्मखण्ड। ब्रह्मखण्ड में सबके बीज रूप परमब्रह्म परमात्मा (श्रीकृष्ण) के तत्त्व का निरुपण है। प्रकृतिखण्ड में प्रकृति स्वरूपा आद्याशक्ति (श्री राधा) तथा उनके अंश से उत्पन्न अन्यान्य देवियों के शुभ चरित्रों की चर्चा है। गणपतिखण्ड में (परमात्मास्वरूप) श्री गणेश जी के जन्म तथा चरित्र आदि से सम्बन्धित कथाएँ हैं। श्रीकृष्ण जन्मखण्ड में (परमब्रह्म परमात्मास्वरूप) श्री कृष्ण के अवतार तथा उनकी मनोरम लीलाओं का वर्णन है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में भगवान श्रीकृष्ण और उनकी अभिन्नस्वरूपा प्रकृति-ईश्वरी श्री राधा की सर्वप्रधानता के साथ गोलोक-लीला तथा अवतार-लीला का विशद वर्णन है। इसके अतिरिक्त इसमें कुछ विशिष्ट ईश्वरकोटि के सर्वशक्तिमान् देवताओं की एकरूपता, महिमा तथा उनकी साधना-उपासना का भी सुन्दर प्रतिपादन है। ब्रह्मवैवर्त पुराण की कथाएँ अतीव रोचक, मधुर ज्ञानप्रद और कल्याणकारी है। वर्तमान जनमानस में व्याप्त बुराइयों को दूर करने हेतु ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार आचरण करने से लोगों का हृदय आनन्दित होगा और उनमें व्याप्त बुराइयों के शमन में सहायता मिलेगी तथा समाज में चतुर्दिश शान्ति स्थापित होगी और सभी सुखी होंगे। प्रस्तुतिकरण के बाद विभागीय शोध समिति, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ व प्राध्यापकों तथा शोध छात्र-छात्राओं द्वारा शोध पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे गए जिनका शोधार्थिनी रजनी सिंह ने संतुष्टिपूर्ण एवं उचित उत्तर दिया। तत्पश्चात समिति चेयरमैन एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शोध प्रबंध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति प्रदान किया। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ०) जी० सिंह , मुख्य नियंता प्रोफेसर (डॉ०) एस० डी० सिंह परिहार, शोध निर्देशक डॉ० (श्रीमती) नन्दिता श्रीवास्तव, संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० समरेन्द्र नारायण मिश्र, प्रोफे० (डॉ०) अरुण कुमार यादव, डॉ० रामदुलारे, डॉ० कृष्ण कुमार पटेल, डॉ० अमरजीत सिंह, प्रोफे०(डॉ०) सत्येंद्र नाथ सिंह, डॉ० योगेश कुमार, डॉ०शिवशंकर यादव, प्रोफे० (डॉ०) विनय कुमार दुबे, डॉ० कमलेश, प्रदीप सिंह एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा शोध छात्र छात्रएं आदि उपस्थित रहे। अंत में अनुसंधान एवं विकास प्रोकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ०) जी० सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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