कौशांबी 23 मार्च*वर्षों से गौशाला में गोवंश की हो रही मौत पर नहीं चेते अधिकारी*
*पशुओं के शव को नोच रहे हैं कुत्ते विभागीय अधिकारी नहीं कर सके व्यवस्था*
*बेनीराम कटरा* कौशाम्बी चायल तहसील क्षेत्र के नेवादा विकासखंड अंतर्गत बरोलहा गांव के गौसंरक्षण केंद्र की दुर्दशा आम बात होती जा रही है लगातार यहां गौवंश की मौत हो रही है बरोलहा गौ संरक्षण केंद्र में पशुओं की मौत के मामले में केवल आंकड़े बाजी का खेल हो रहा है अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है लेकिन व्यवस्था में सुधार होता नहीं दिख रहा है बीते कई महीने से कई बार अधिकारियों से शिकायत होने के बाद भी अभी तक गौ संरक्षण केंद्र में केयरटेकर की लापरवाही में सुधार नहीं हो सका है जिससे फिर पशुओं की मौत का लगातार सिलसिला शुरु है।
गौ संरक्षण केंद्र बरोलहा में पशुओं की दुर्दशा आम बात होती जा रही है केयरटेकर और ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार की नीति के चलते पशुओं को समय से चारा पानी नहीं मिलता है आंकड़ेबाजी में केवल सूखा भूसा फिर दिया जाता है उसमें दाना चारा नहीं मिलाया जाता पानी नहीं डाला जाता है जिससे सूखा भूसा पशु नहीं खाते हैं चारा पानी के अभाव में पशु कमजोर होते हैं पशुओं की देखरेख ना होने से वह बीमार होते हैं समय पर इलाज नहीं मिल पाता है जिससे गौ संरक्षण केंद्र में गोवंश पशुओं की लगातार मौत हो रही है लेकिन उसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी पशुओं की मौत को रोकने के प्रति गंभीर नहीं दिखाई पड़ रहे हैं मरे हुए गोवंश को गौ संरक्षण केंद्र के बाहर इधर-उधर फेंक दिया जाता है जिससे जंगली पशु कुत्ते मरे हुए गोवंश के शव को नोच कर खा रहे हैं कई बार मामले की शिकायत मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से लोगों ने की डीएम के निर्देश पर जांच टीम भी भेजे गए लेकिन उसके बाद भी गौ संरक्षण केंद्र की दुर्दशा नहीं सुधर सकी है बताया जाता है कि गौ संरक्षण केंद्र में पशुओं की उपस्थिति का रजिस्टर भी नहीं बनाया गया है जब पशुओं की मौत हो जाती है तो बाहर से पशुओं को पकड़ कर दो संरक्षण केंद्र में पशुओं की संख्या पूरी कर दी जाती है एक तरफ लगातार पशुओं की मौत हो रही है दूसरी तरफ लगातार पशुओं को गौ संरक्षण केंद्र में लाया जा रहा है वर्षो बीत जाने के बाद भी गौ संरक्षण केंद्र में मौजूद पशुओं की संख्या कम ज्यादा नहीं हो सकी है योगी सरकार द्वारा संचालित किए गए गौसंरक्षण केंद्र में केवल आंकड़े बाजी का खेल हो रहा है और गौ संरक्षण केंद्र के देखरेख में लगे केयरटेकर से लेकर ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव मालामाल हो रहे हैं मामले में पशु चिकित्सा अधिकारी और संबंधित एडीओ पंचायत की भी भूमिका सवालों के घेरे में है जो लगातार आला अधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं पशुओं की मौत के मामले को गंभीरता से लेना होगा उनके मरने के बाद उनके शव को सम्मान पूर्वक दफन करना होगा और गौ संरक्षण केंद्र के संचालन में लापरवाही भ्रष्टाचार करने वाले दोषियों को पर मुकदमा दर्ज कराकर उन्हें दंडित किए जाने की जरूरत महसूस हो रही है लेकिन अभी तक दोषियों को दंडित नहीं किया गया है।
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