कानपुर01दिसम्बर2022*विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, पनकी*
*मा. ऊर्जा मंत्री द्वारा बिजली कर्मियों के आंदोलन के प्रति व्यक्त की गयी चिंता का संघर्ष समिति ने किया स्वागत : ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन के मनमाने एवं दमनकारी रवैय्ये के चलते कार्य का वातावरण समाप्त हो चुका है : ऐसे वातावरण में बिजलीकर्मियों के लिये अब कार्य कर सकना हो गया है असम्भव :*
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश द्वारा मा. ऊर्जा मंत्री श्री अरविंद कुमार शर्मा जी द्वारा बिजली कर्मियों के चल रहे कार्य बहिष्कार आंदोलन से उत्पन्न स्थिति पर चिंता व्यक्त करने और बिजली कर्मियों से अपील किये जाने का स्वागत किया है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि जहां एक ओर माननीय ऊर्जा मंत्री ऊर्जा निगमों में कार्य का स्वस्थ और बेहतर वातावरण बनाने हेतु प्रयासरत है वही ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन का रवैया इतना स्वेच्छाचारी है कि वह माननीय ऊर्जा मंत्री के निर्देशों के अनुरूप कार्य करने हेतु तैयार नहीं है। यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। माननीय ऊर्जा मंत्री भी बेहतर कार्य संस्कृति चाहते हैं और बिजली कर्मी भी माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय ऊर्जा मंत्री के लक्ष्यों के अनुरूप कार्य करने हेतु संकल्पबद्ध़ है किंतु ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन खासकर चेयरमैन ने निगमों में नकारात्मक एवं भय का वातावरण बना रखा है जिससे कार्य का वातावरण पूरी तरह समाप्त हो चुका है। ऊर्जा निगमों में स्वेच्छाचारिता समाप्त करने एवं कार्य का स्वस्थ वातावरण स्थापित करने हेतु बिजलीकर्मी पूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से शान्तिपूर्ण आन्दोलन कर रहे हैं एवं कार्य बहिष्कार का आज तीसरा दिन है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों शैलेंद्र दुबे, जितेंद्र गुर्जर, जय प्रकाश, अनुराग पाण्डेय, पवन कुमार, राम कुमार, सौरभ खरे, डी सी शुक्ला, सी पी दोहरे, नवीन चौधरी, के के समेले, धीरेंद्र पाल, हरीश अवस्थी, अतुल राय, राहुल शर्मा, संदीप कुमार, अपूर्वा शर्मा, दीपक अग्रवाल, सुमित सिंघल, संतोष कुमार, दीपक चौहान, मयंक आर्य, देवेंद्र, वीरेंद्र, अर्चना, रवि डोभाल , पूजा गुप्ता, पवन कुमार, दीपक यादव, कमलेश मौर्य, दीपेंद्र पाल, प्रशांत वर्मा, इंद्रेश यादव, छबिन्दर, छैल बिहारी, दिनेश गुप्ता, दीपक अवस्थी, सुयश, सुनील, राहुल पाण्डेय, आशीष कमल, दिलीप, गीता मिश्रा, सौम्या माथुर एवं अन्य सदस्यों द्वारा जारी बयान में कहा कि ऊर्जा निगमों के चेयरमैन के दमनात्मक रवैय्ये से बिजलीकर्मियों में इतना गुस्सा है कि वे इस अत्यधिक तनावपूर्ण एवं नकारात्मक माहौल में कार्य कर सकने में हतोत्साहित महसूस कर रहे हैं। इस स्थिति में बिजलीकर्मियों को मजबूरन अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ करने हेतु बाध्य होना पड़ा है। बिजलीकर्मियों ने मा ऊर्जा मंत्री की अपील को देखते हुए कार्य बहिष्कार से उन सभी जनपदों के बिजलीकर्मियों को अलग रखा है जहाँ आदर्श चुनाव आचार संहिता लगी है। साथ ही बिजली उत्पादन घरों, पारेषण उपकेंद्रों, सिस्टम ऑपरेशन और वितरण उपकेंद्रों की शिफ्ट में कार्यरत बिजलीकर्मियों को भी कार्य बहिष्कार से अलग रखा गया है जिससे बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप्प न हो और आम जनता को तकलीफ न हो।
सभी ऊर्जा निगमों के बिजलीकर्मियों का कार्य बहिष्कार आन्दोलन पूरे प्रदेश में पूर्ण सफलता के साथ हो रहा है जिसमें भारी संख्या में बिजलीकर्मी उपस्थित हुए एवं प्रबन्धन के प्रति अपना रोष एवं आक्रोश व्यक्त किया। कार्य बहिष्कार आन्दोलन के आज तीसरे दिन कई जिलों की विद्युत व्यवस्था प्रभावित हुई है जिनमें लखनऊ, आजमगढ़, बलिया, मऊ, गाजीपुर, वाराणसी, सहारनपुर, सुल्तानपुर, अयोध्या, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट प्रमुख हैं। संघर्ष समिति ने पुनः स्पष्ट किया कि बिजलीकर्मियों के शान्तिपूर्ण आन्दोलन से आम जनता को कोई तकलीफ न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है किन्तु जनता को हो रही परेशानी के लिए ऊर्जा निगम का शीर्ष प्रबन्धन जिम्मेदार है, जो जनता के बीच सरकार व बिजलीकर्मियों की छवि खराब कर रहे हैं।
पदाधिकारियों ने कहा कि यदि शान्तिपूर्ण आन्दोलन पर या किसी भी बिजलीकर्मी पर कोई दमनात्मक या उत्पीड़न की कार्यवाही करने की कोशिश भी की गयी तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।
अनुराग कुमार पाण्डेय
संयोजक
7991875156
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