जोधपुर31अगस्त*छोटी सी उम्र में बच्चा सभी सांसारिक सुखों को छोड़कर संत बनने के बारे में विचार करते है।
जिस छोटी सी उम्र में बच्चे खेलने-कूदने और खिलौने खेलने में व्यस्त होते हैं, उस उम्र में कोई बच्चा सभी सांसारिक सुखों को छोड़कर संत बनने के बारे में विचार करते है। कुमारी विनया पुत्री दिव्या विप्लव जैन जिनके पूज्य बड़े दादा श्री चिरंजय जी मरासा(साधु जीवन) ने जब संयम को अपनाया तब से उच्च विचार से प्रज्जवलित हुए
संयम से रमन कर अहिंसा का चहु और प्रकाश किया, अब १ साल की नन्ही विनया जैन भी उनके भाव को अपना रही है।अभी से जमीकंद का त्याग रखा है।
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