December 2, 2025

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कौशाम्बी 1/12/25*यूपी आजतक न्यूज चैनल पर कौशाम्बी की कुछ खास खबरें 

कौशाम्बी 1/12/25*यूपी आजतक न्यूज चैनल पर कौशाम्बी की कुछ खास खबरें 

कौशाम्बी 1/12/25*यूपी आजतक न्यूज चैनल पर कौशाम्बी की कुछ खास खबरें 

 

[01/12, 7:30 pm] +91 99191 96696: *तीन दर्जन पशुपालकों के 50 हजार कीमत का खोवा को फूड इंस्पेक्टर ने कराया नष्ट*

*पनीर खोवा की बड़ी फैक्ट्री बड़े दुकानदारों पर फूड इंस्पेक्टर हमेशा रहे मेहरबान*

*दो-चार किलो खोवा लाने वाले पशुपालकों से महीने की रकम चाहते हैं विभाग के लोग*

*कौशांबी।* चरवा थाना क्षेत्र के चरवा चौराहा में इलाके के किसान पशुपालकों द्वारा खोवा बेचने का लगातार व्यापार किया जाता है इन पशुपालकों से फूड इंस्पेक्टर को महीने की रकम नहीं मिलती है जिससे पशुपालकों के ऊपर हमेशा फूड इंस्पेक्टर नाराज रहते है और जब मौका मिला तो पशुपालक को मिलावटी खोवा बता करके फूड इंस्पेक्टर नष्ट करवा देते हैं जिससे पशुपालकों को बड़ा झटका लगता है फूड इंस्पेक्टर का इस कदर आतंक है कि चरवा बाजार में जब फूड इंस्पेक्टर की टीम जांच करने पहुंची तो पशुपालन मौके से हटने को मजबूर हो गए लगभग दो कुंटल खोवा मौके पर फूड इंस्पेक्टर को मिला जिसे नकली बताते हुए फूड इंस्पेक्टर्स ने नष्ट कर दिया है जिस खोवा को फूड इंस्पेक्टर ने नष्ट किया है क्या उसका नकली होने का सेंपल फूड इंस्पेक्टर के पास प्रमाण मौजूद है चरवा चौराहा में कई वर्षों से खोवा की मंडी लगती है जहां इलाके के सैकड़ो पशुपालक घर में खोवा बनाकर बाजार में बेचते हैं उन्हें फूड इंस्पेक्टर माफिया बताते हैं इन्हें शर्म नहींआती है चरवा चौराहे की खोवा मंडी से पूरे जिले के लोग शादी विवाह कार्यक्रम में खोवा खरीद कर ले जाते हैं पूरे जिले के लोगों को चरवा चौराहे के खोवा पर भरोसा है फूड इंस्पेक्टर की वसूली के दबाव के आतंक से यदि चरवा की खोवा मंडी बंद हो जाएगी तो लोगों के घरों में शादी विवाह कार्यक्रम में खोवा मिलना मुश्किल हो जाएगा।

प्रयागराज जैसे बड़े शहरों से आने वाले खोवा की शुद्धता की गारंटी नहीं है बड़े शहर के दुकानों में मिलने वाले खोवा के नाम पर न जाने कितने केमिकल और अन्य चीज मिलाकर खोवा बेचा जा रहा हैं लेकिन बड़े दुकान बड़ी फैक्ट्रीयों पर फूड इंस्पेक्टर का चाबुक नहीं चलता पशुपालको पर ही उनका पूरा कानून चल रहा है सूत्रों की माने तो विभिन्न योजनाओं से करोड़ों की वसूली होती है फूड इंस्पेक्टर भारत मिश्रा की मौजूदगी में चरवा चौराहे पर खोवा को गड्ढे में दफन कर दिया गया चरवा चौराहा पर खोवा लाने वाले पशुपालक चार पांच किलो खोवा लेकर आते हैं कुछ पशुपालक तो दो किलो ही खोवा लेकर बाजार में आ जाते हैं और दो-चार किलो खोवा लाने वाले पशुपालकों से महीने की रकम विभाग के लोग चाहते हैं लेकिन जिले में कई बड़ी फैक्ट्री कई बड़े दुकानों में पनीर और खोवा की फेक्ट्री संचालित हो रही है जहां लाखों रुपया रोज का पनीर खोवा मिलावटी बेचा जाता है जिसकी पूरे जिले में चर्चा होती है राजस्थान के कई लोगों ने जिले में दुकान फैक्ट्री डाल लिया है खुलेआम पाउडर से खोवा पनीर बनाते हैं लेकिन महीना मिलने के चलते उनके पूरे गुनाह माफ है सूत्रों की माने तो राजस्थान से कौशांबी में आकर खोवा पनीर बनाने वाले आधा दर्जन बड़े फैक्ट्री संचालकों से लगभग दो लाख महीने की वसूली विभाग के लोग कर रहे हैं और जब कभी उस पनीर खोवा की फैक्ट्री पर विभाग का छापा पड़ा तो मिलावट खोरी का खुलासा हुआ लेकिन राजस्थानियों की फैक्ट्री से मोटा महीना मिलता है जिससे इन घूसखोर अफसरों को डकार भी नहीं आती है खोवा पनीर की बड़ी फैक्ट्री पर फूड इंस्पेक्टर का छापा नहीं पड़ता है उन पर मेहरबानी बनी रहती है और गरीब पशुपालकों के खोवा को मिलावटी बता करके उसे नष्ट कर करके पशुपालकों पर फूड इंस्पेक्टर दबाव बनाकर अपनी महीना की वसूली की रकम बांधने का प्रयास कर रहे हैं जो पूरी व्यवस्था पर सवाल है क्या राजस्थान के लोगों द्वारा आधा दर्जन से अधिक संचालित फैक्ट्री में पाउडर से खोवा पनीर बनाए जाने के मामले का खुलासा फूड इंस्पेक्टर करेंगे या फिर इसी तरह पशुपालकों का शोषण कर वह कानून का हवाला दें कर बड़े अधिकारियों को गुमराह कर वाहवाही लूटते रहेंगे।

[01/12, 7:41 pm] +91 99191 96696: *अभियुक्तों को बचाने उतरे दो जिले की राजनीति करने वाले माननीय पुलिस नहीं कर रही गिरफ्तार*

*दो महिलाओं पर 5 महीने पहले हुआ था प्राण घातक हमला हमलावरों की गिरफ्तारी करने में थाना पुलिस के छूट रहे पसीने*

*थाना पुलिस की जेब गर्म होने के बाद मजिस्ट्रेट के निर्णय से बड़ा निर्णय करारी थाने की पुलिस सुनाने लगी है*

*कौशांबी।* करारी थाना क्षेत्र में दो महिलाओं पर 5 महीने पहले प्राण घातक हमला हुआ था मामले में थाना पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन 5 महीने बीत जाने के बाद हमला करने वालों की गिरफ्तारी में थाना पुलिस के पसीने छूट रहे हैं जिससे पीड़ित परिवार के लोगों को हमलावर फिर गाली गलौज परेशान प्रताड़ित करते हैं प्राण घातक हमला करने के बाद पुलिस की कार्रवाई न होने से मनबढ़ हमलावर फिर से हमला करने की बार-बार कोशिश कर रहे हैं पीड़ित भाग रहा है जिससे पीड़ित परिवार भयभीत है पीड़ित परिवार के बंटवारे में मिली जमीन पर उसे मकान नहीं बनाने देते है सरकारी बंटवारे के बाद मिली जमीन को पुलिस कुर्क करने की धमकी दे रही है करारी थाना की पुलिस अब तो अपने को उप जिला अधिकारी से बड़ा समझने लगी है और थाना पुलिस की जेब गर्म होने के बाद मजिस्ट्रेट के निर्णय से बड़ा निर्णय करारी थाने की पुलिस सुनाने लगी है बेलगाम करारी थाना पुलिस पर कौन रोक लगाएगा।

हमला करने वालों की गिरफ्तारी की फरियाद लेकर कई बार पीड़ित परिवार थाने जा चुका है थाना पुलिस पीड़ित परिवार की सुनाई करने को तैयार नहीं है बल्कि हर मामले में थाना पुलिस हमला करने वालों को साथ देते दिखाई पड़ती है जिससे थाना पुलिस के रवैया पर सवाल खड़े हुए हैं करारी थाने की पुलिस किस दबाव में काम कर रही है यह तो जांच का विषय है करारी थाना क्षेत्र के रक्सवारा गांव के मजरा कटरा में 01 जुलाई 2025 की सुबह कांति देवी वा कुसुम देवी को गांव के ही छोटेलाल मौर्य छोटे लाल का बेटा सोनू छोटेलाल की पत्नी मालती देवी ने लाठी डंडा लोहे के रॉड से दोनों महिलाओं पर दौड़ा दौड़ा कर घातक हमला किया था बेरहमी से दोनों को मारा पीटा था जिससे दोनों महिलाओं को गंभीर चोट आई अधिक चोट लग जाने के चलते कांति देवी बेहोश हो गई थी 6 घंटे बाद अस्पताल में उसे होश आया है कई दिन अस्पताल में इलाज चला मेडिकल के कागज करारी थाने के विवेचक उठा ले गए लेकिन हमला करने वालों की गिरफ्तारी को विवेचक भूल गए मामले का मुकदमा करारी थाने में मुकदमा अपराध संख्या 217 सन 2025 दर्ज है लेकिन धीरे-धीरे 5 महीने बीत गए हैं हमला करने वाले तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है बताया जाता है कि हमला करने वाले तीनों लोगों को बचाने के लिए दो जिले की राजनीति करने वाले एक माननीय उतार आए है माननीय का फोन बजने के बाद करारी थाना पुलिस की वीरता धरी की धरी रह जाती है और हमला करने वाले लोगों की गिरफ्तारी थाना पुलिस नहीं कर पाती है सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पीड़ित परिवार ने फरियाद करके हमला करने वाले तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।

[01/12, 7:41 pm] +91 99191 96696: *गड्ढे की जमीन में बनाई जा रही राशन गोदाम के निर्माण पर रोक लगाए जाने की ग्रामीणों ने डीएम से लगाई गुहार*

*गड्ढे में राशन गोदाम बनाने के बाद सैकड़ो घरों का पानी नहीं निकलेगा गोदाम वा ग्रामीणों के ध्वस्त होगे मकान*

*गड्ढे में राशन गोदाम बनाए जाने के बाद यदि ध्वस्त हुआ तो किसकी जवाब देगी होगी तय*

*कौशांबी।* चायल तहसील के ब्लाक नेवादा अंतर्गत बरियावा गांव में गड्ढे की जमीन पर राशन गोदाम बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू है जिस पर तमाम ग्रामीण जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचे हैं और ग्राम प्रधान पंचायत सचिव के कारनामे को बताते हुए गड्ढे की भूमि पर राशन गोदाम बनाए जाने के निर्माण पर रोक लगाए जाने की मांग की है ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कोटे की दुकान के लिए गोदाम निर्माण का प्रस्ताव हुआ है लेकिन गोदाम का निर्माण ग्राम प्रधान अपने स्वार्थ के चलते गलत स्थान पर निर्माण करना चाहता है जिससे गांव के लोगों को राशन लेने में तमाम दिक्कत से जूझना पड़ेगा लोगो ने कहा कि जलमग्न गड्ढे में राशन गोदाम बनाकर प्रधान मनमानी करना चाहता है गड्ढे में राशन गोदाम बनाने के बाद सैकड़ो घरों का पानी नहीं निकलेगा और पानी भर जाने से गोदाम वा ग्रामीणों के मकान ध्वस्त होने की संभावना है ग्राम प्रधान की मनमानी से बंजर भूमि संख्या 122 भूमि पर राशन की गोदाम बना दी जाएगी तो राशन की गोदाम में पानी भर जाने से उसके ध्वस्त होने की प्रबल संभावना है।

गौरतलब है कि नेवादा विकासखंड के ग्राम पंचायत बरियावा में राशन की गोदाम बनाए जाने का प्रस्ताव शासन से मंजूर हो गया है जिस पर राशन गोदाम बनाए जाने के लिए प्रधान ने ईट रखकर काम शुरू करने जा रहा है लेकिन राशन की गोदाम बनाए जाने में भी ग्राम प्रधान और उनके पति की मनमानी तेजी से शुरू है जबकि ग्राम प्रधान की मनमानी पर विरोध लेखपाल कर रहा है बीते 3 महीने से तालाब की जमीन में राशन गोदाम बनाने को रोका गया था लेकिन अब उसी तालाब की जमीन पर राशन गोदाम बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है प्रधान की मनमानी के आगे लेखपाल की भी नहीं चल रही है राशन गोदाम बनाने के लिए 122 नंबर बंजर भूमि को ग्राम प्रधान ने चिन्हित किया है जबकि इस जमीन में पहले से कई लोगों का मकान बना है यादव बस्ती के सैकड़ो घर का पानी इसी गड्ढा रूपी बंजर भूमि में बहता है जिससे आराजी संख्या 122 पानी से भरी रहती है जिससे गांव में बाढ़ नहीं आती और बंजर भूमि संख्या 122 भूमि पर राशन की गोदाम बना दी जाएगी तो राशन की गोदाम में पानी भर जाने से उसके ध्वस्त होने और सरकारी राशन के खराब होने की प्रबल संभावना है और तालाब रूपी गड्ढे में राशन गोदाम बनाए जाने के बाद यदि राशन गोदाम ध्वस्त हो गया तो जहां निर्माण में लगाई गई लाखों की सरकारी रकम बर्बाद होगी वही सरकार का लाखों का राशन खराब हो जाएगा लेकिन इस गंभीर बिंदु में ग्राम प्रधान की सोचने समझने की क्षमता खत्म हो गई है इतना ही नहीं जलमग्न गड्ढे में राशन गोदाम बनने के बाद सैकड़ो घरों का पानी नहीं निकल पाएगा जिससे बारिश के दिनों में सैकड़ो घर के चारों ओर पानी भरेगा और गांव में बाढ़ आएगी गरीबों के घर गिरेंगे जिससे आपदा तैयार होगी और पानी भर जाने से मकान गिरने के बाद निर्दोष लोगों के ऊपर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ेगा गरीबों का हिमायती बनने वाले ग्राम प्रधान को गरीबों के दुख दर्द से कोई मतलब नहीं समझ में आ रहा है वह तो जलमग्न गड्ढे में राशन गोदाम बनाकर कमीशन लेने के लालच में अपने निजी स्वार्थ में लगा हुआ है लेकिन इतने गंभीर समस्या के बाद भी ग्राम प्रधान बंजर भूमि 122 नंबर में राशन गोदाम बनवाने के लिए जिद पर अड़ा हुआ है।

लोगों ने बताया कि गांव के कोटेदार के घर के पास बंजर आबादी की जमीन संख्या 25 और 26 पड़ी हुई है जिसके बगल में पहले से कूड़ा घर बनाया गया था हालांकि घटिया निर्माण के चलते कूड़ा घर ध्वस्त हो चुका है और यह प्रधान के कमीशन खोरी का भेट चढ़ चुका है कूड़ा घर बनाए जाने के बाद भी उसके बगल में सरकारी जमीन शेष पड़ी है आराजी संख्या 25 वा 26 नंबर जमीन में राशन गोदाम का निर्माण किए जाने का समर्थन गांव के तमाम लोग कर रहे हैं क्योंकि इसी के बगल में पूर्व से कोटा संचालित हो रहा है आराजी संख्या 25 और 26 में यदि राशन गोदाम का निर्माण कर दिया जाए तो ग्रामीणों को भी राशन लेने में दिक्कत नहीं होगी और आराजी नंबर 25 वा 26 की जमीन में राशन गोदाम बनने के बाद गोदाम ध्वस्त होने की संभावना नहीं होगी इस जमीन पर राशन गोदाम बनाने के लिए लेखपाल ने सहमत भी दे दी है लेकिन बंजर आबादी की जमीन में ग्राम प्रधान की नियत खराब है और आबादी की जमीन पर लोगों को कब्जा करवा करके वह धन वसूली के जुगाड़ में लगा है जिससे आबादी बंजर की जमीन में राशन गोदाम बनाने को ग्राम प्रधान और उसका पति कतई तैयार नहीं है और ग्राम प्रधान जलमग्न बंजर आराजी संख्या 122 जमीन में राशन गोदाम बनाने के लिए अधिकारियों को भी गुमराह कर रहा है जब जिस गड्ढा रूपी जमीन में पानी भर जाता है और गड्ढे में बनाया गया भवन बरसात में ध्वस्त हो सकता है अब निर्णय अधिकारियों को करना है कि गड्ढे में 122 नंबर जमीन में राशन गोदाम बनाया जाएगा जिसमें भविष्य में गोदाम ध्वस्त होने की प्रबल संभावना बनी है या फिर आबादी बंजर की आराजी संख्या 25 वा 26 में राशन गोदाम बना करके मजबूत भवन राशन गोदाम का खड़ा किया जाएगा आराजी नंबर 25 और 26 में राशन गोदाम बनाया जाए।

 

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