अयोध्या29अक्टूबर25*भ्रम में भटके भक्त : मुहूर्त से 24 घंटे पहले ही शुरू कर दी 14 कोसी परिक्रमा*
*व्हाट्सएप और कुछ मीडिया रिपोर्टों की गलती बनी वजह*
*श्रद्धालु 29 की भोर में ही निकल पड़े परिक्रमा मार्ग पर*
अयोध्या*अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा को लेकर इस बार सोशल मीडिया की अफवाहों ने आस्था पर भारी असर डाल दिया। तय तिथि 30 अक्टूबर की जगह कुछ व्हाट्सएप ग्रुपों और कुछ समाचार माध्यमों ने गलती से 29 अक्टूबर प्रकाशित कर दी,
जिससे भक्तों के बीच गजब की उहापोह की स्थिति बन गई।
परिणामस्वरूप, कई श्रद्धालुओं ने 29 अक्टूबर की भोर में 4 बजकर 50 मिनट पर ही परिक्रमा प्रारंभ कर दी जबकि असल में शुभ मुहूर्त अगले दिन का था। सुबह-सुबह जब परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई, तो प्रशासन भी कुछ देर के लिए हैरान रह गया।
भक्तों ने मान लिया था कि “आज ही शुभ मुहूर्त है” और हर-हर जयकारों के बीच यात्रा शुरू कर दी। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक,
“कई श्रद्धालु अपने गांवों से रात में ही निकल पड़े थे। जिन्हें असली तिथि का पता चला, वे बीच में ही लौट गए, जबकि कई लोग बिना विचारे चलते रहे।
*व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का ‘धर्मोपदेश’*
हर बार की तरह इस बार भी सोशल मीडिया पर “अफवाह फॉरवर्ड” ने अपना कमाल दिखाया। कुछ धार्मिक ग्रुपों में लिखा गया भोर 29 को 4:50 पर शुभ मुहूर्त, परिक्रमा प्रारंभ करें।”
और बस… बात फैलते ही आस्था का कारवां निकल पड़ा।
नतीजा भगवान राम की नगरी में आस्था से पहले अफवाह ने दौड़ लगा दी।
अयोध्या प्रशासन के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि परिक्रमा की वास्तविक तिथि 30 अक्टूबर निर्धारित थी, और गलत सूचनाओं के कारण कुछ श्रद्धालु भ्रमित हो गए। अधिकारियों ने अपील की है कि भविष्य में सत्यापित स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें। जब धर्म के नाम पर सूचना से ज़्यादा अफवाह चलती है, तब परिक्रमा आस्था की नहीं, ‘अज्ञान की परिक्रमा’ बन जाती है।”

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